बी एच यू में शोध इच्छुक अभ्यर्थियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के अनियमितता के खिलाफ दिया धरना
सच की दस्तक न्यूज डेस्क वाराणसी
काशी हिंदू विश्वविद्यालय जो शिक्षा का मंदिर कहा जाता है जब उसमे भी भ्रष्टाचार का आरोप लगने लगे तो मंदिर किस प्रकार पवित्र रह जाएगा ।ये बात इस विश्वविद्यालय से शोध करने के इच्छुक अभ्यर्थियों ने कहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि शोध करने वाले अभ्यर्थियों की जो लिस्ट निकली है उसमें काफी अनियमितता बरती गई है । उनका आरोप है की विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने उन लोगों का चयन किया है जो उनके चहेते है।जबकि उनके अंक उतने नहीं हैं जितने की अन्य अभ्यार्थियों के हैं और इनका नाम वरीयता सूची में बिल्कुल ही नहीं है।
जानकारी हो कि बी०एच०यू० इतिहास विभाग (सामाजिक विज्ञान संकाय )में पी एच डी दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा हुई थी और उसमें जिन अभ्यर्थियोंं ने परीक्षाा दी उसकेे नंबर नेट पर जारी कर दिए गए थे। लेकिन जब उसी के आधार पर सूची तैयार की गई तो उस सूची में काफी अनियमितता थी । उन लोगों को फाइनल सूची में स्थान दिया गया है जिसके अंक वास्तव में कम थे लेकिन वह प्रोफेसरों के चहेतेे थे। ऐसाा आरोप इस अनियमितता के खिलाफ धरना दे रहे शोध अभ्यायर्थियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर लगाया है ।उनकी मांग है कि जो सूची बनाई गई है उनके आगे प्रवेश परीक्षा में आए हुए प्राप्त अंकों को भी जारी किया जाए।
धरनारत का कहना है़ कि phd संबंधित दाखिले में पारदर्शिता नहीं बरती गयी है।यदि सूची ठीक हैै तो उनकेे रिजल्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया। यदिि ऐसा ऐसाा होता तो यह पता लग सके कि उनका कुल प्राप्तांक कितना है़। धरनाा छात्रों ने परिणाम कि सूची को जारी करने की मांग रखी है़ ।
छात्रो का यह भी कहना है़ कि उनसे कम इंडेक्स प्राप्त विद्यार्थियों को वरीयता दे कर उनका phd मे एनरोल्ड कराया गया है़। छात्रो का कहना है़ कि प्रधानमंत्री के आगमन तक यह धरना जारी रहेगा। इस समूचे प्रकरण में छात्रो में काफी असंतोष की भावना देखने को मिली।