ब्राजील अब बिटकॉइन को करेंसी के रूप में मान्यता देने वाला अगला देश बनने वाला है। 29 सितम्बर को देश के बिटकॉइन बिल को अप्रूव किया जा चुका है।
ब्राजील के लोअर हाउस में अभी इस बिल पर चर्चा होना बाकी है।
7 सितम्बर को अल साल्वाडोर ने बिटकॉइन को लीगल टेंडर घोषित कर दिया था।
चीन, तुर्की, मिस्र, बोलीविया, इंडोनेशिया आदि देशों मे क्रिप्टो पर है बैन।
अल साल्वाडोर के बाद ब्राजील अब बिटकॉइन को करेंसी के रूप में मान्यता देने वाला अगला देश बनने की तैयारी में है। आपको याद दिला दें कि पिछले महीने यानि 7 सितम्बर को अल साल्वाडोर ने बिटकॉइन को लीगल टेंडर घोषित कर दिया था। हालांकि इसका बहुत पॉजीटिव रेस्पोन्स जनता की ओर से नहीं मिला जिसके चलते देश में कानून व्यवस्था भी डगमगा गई थी। मगर बाद में स्थिति सामान्य होती चली गई थी। अब ब्राजील भी अल साल्वाडोर की राह पर है और जल्द ही बिटकॉइन को लीगल टेंडर घोषित करने की तैयारी कर रहा है। आश्चर्य नहीं है कि बिटकॉइन दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है और निवेशकों की पसंदीदा क्रिप्टोकरेंसी है। इसलिए देश अब इसको करेंसी के रूप में अपनाए जाने के लिए काफी आश्वस्त नजर आ रहे हैं।
Financial Express में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्राजील के क्रिप्टो मीडिया पोर्टल Livecoins ने बताया कि इस हफ्ते की शुरुआत में देश के फेडरल डिप्टी ऑरियो रिबेरो ने कहा था कि बिटकॉइन जल्द ही ब्राजील में करेंसी बन जाएगा और ब्राजीलियाई नागरिक जल्द ही बिटकॉइन के साथ घर, कार और यहां तक कि मैकडॉनल्ड्स में भी खरीदारी कर सकेंगे। 29 सितम्बर को देश के बिटकॉइन बिल को अप्रूव किया जा चुका है। इस बिल पर अब Plenary of Chambers of Deputies – ब्राजील की नेशनल कांग्रेस के लोअर हाउस में चर्चा की जाएगी।
रिबेरो ने कहा कि बिल में एक इनोवेटि टेक्स्ट है। बिल की मंजूरी के बाद, कई देश ब्राजील के रेगुलेटरी मॉडल को कॉपी करेंगे। “हमने इस ऐसेट को रिकग्नाइज करने वाले टेक्स्ट पर पहुंचने के लिए कुछ सालों तक बहस की, जो हमारे देश में इस ऐसेट के ट्रांजेक्शन को परमिट करता है। इसे एक सरकारी एजेंसी द्वारा रेगुलेट किया जाएगा। चूंकि हम सेंट्रल बैंक और CVM के साथ काम करेंगे, तो इस पर निर्भर करता है कि इस ऐसेट को कैसे रिकग्नाइज किया जाएगा, जैसे कि रीयल एस्टेट की वैल्यू या डेली यूज की करेंसी।”
जहां अल साल्वाडोर और अब ब्राजील बिटकॉइन को लीगल टेंडर के रूप में अपना रहे हैं वहीं चीन, तुर्की, मिस्र, बोलीविया, इंडोनेशिया आदि देशों ने क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया था। जबकि भारत जैसे देश जिसमें पाकिस्तान, वियतनाम आदि देशों के नाम भी शामिल हैं, अब जल्द ही क्रिप्टो रेगुलेशन के साथ आने की तैयारी कर रहे