बजट 2019 : 5 बजट, 5 साल में मोदी के साथ देश कितना सहमत-

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              केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार अपने कार्यकाल के अंतिम पड़ाव पर है। अगले तीन-चार महीनों के दौरान जहां देश में आम चुनाव की प्रक्रिया चलेगी, वहीं केन्द्र सरकार 1 फरवरी को अपना अंतरिम बजट लेकर आएगी. हालांकि यह अंतरिम बजट नए वित्त वर्ष की पहली तिमाही तक सीमित रहेगा, लेकिन मोदी सरकार इस अंतरिम बजट की स्पीच का दायरा तिमाही से बढ़ाकर आने वाली नई सरकार के कार्यकाल की तीन तिमाहियों पर भी निशाना साधने का काम करने जा रही है। 

मोदी सरकार अपने कार्यकाल में पेश किए गए सभी पूर्ण बजटों को आधार बनाते हुए इस अंतरिम बजट के जरिए चुनाव से पहले अपनी आर्थिक नीति को देश के सामने रखने का काम करने जा रही है। 

भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार आगामी आम चुनावों में सत्ता का खुद को विपक्ष से अधिक मजबूत दावेदार दिखाने का काम करेगी. लिहाजा, एक नजर मोदी सरकार के पिछले सभी बजट पर डालने की जरूरत है जिससे अंदाजा लगाया जा सके कि अंतरिम बजट में वित्त मंत्री की बजट स्पीच किन उपलब्धियों को अपनी आर्थिक नीति में जोड़ने का काम करेगी। 

मोदी सरकार का पांचवां बजट (2018-19)

यह मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट था. इस बजट से पहले केन्द्र सरकार के सामने 8 राज्यों में चुनाव के साथ-साथ साल के अंत में लोकसभा चुनाव का सामना करने की चुनौती थी. लिहाजा, इस बजट को लोकलुभावन बनाते हुए सरकार के सामने अपनी फ्लैगशिप योजनाओं के लिए पर्याप्त बजटीय प्रावधान करने की चुनौती थी. हालांकि बजट ने मध्य वर्ग को मायूस किया। 

चुनावों के मद्देनजर जहां सरकार ने इस बजट के जरिए किसानों की आमदनी को दोगुना करने की कवायद की वहीं, सभी के लिए घर की परियोजना के लिए बड़ा प्रावधान किया गया. बजट में सरकार ने 37 लाख घरों के निर्माण के लिए सरकारी मदद का ऐलान किया। 

इसके साथ ही बजट में सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा के तहत 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा देने की घोषणा की और 250 करोड़ रुपये टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स की दर 25 फीसदी तय की। 

हालांकि बजट की स्पीच में कालाधन, स्वच्छता मिशन, फसल बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, स्मार्ट सिटी, निर्भया फंड, जैसी योजनाओं के लिए कुछ नहीं कहा गया. जबकि रक्षा बजट में भी बड़ी कटौती देखने को मिली थी.

मोदी सरकार का चौथा बजट: 2017-18

मोदी सरकार ने अपने चौथा बजट देश में नोटबंदी लागू करने के बाद किया. जहां नवंबर 2016 में नोटबंदी के जरिए सरकार ने कालेधन पर लगाम के लिए सर्वाधिक प्रचलित 500 और 1000 रुपये की करेंसी को प्रतिबंधित कर दिया था वहीं 2000 रुपये के नए नोट का संचालन किया था. इसके चलते वार्षिक बजट के सामने बाजार में कमजोर पड़ती मांग सरकार के लिए बड़ी चुनौती थी.

खासबात है कि इससे पहले के दोनों बजटों में किए प्रावधानों के बाद जहां देश की जीडीपी ग्रोथ को मजबूती मिली थी, जबकि इस बजट से पहले नोटबंदी ने रफ्तार पर ब्रेक लगाने का काम किया. इसके अलावा वैश्विक स्तर पर इस बजट से पहले कच्चे तेल की कीमतों से सरकार के राजस्व पर दबाव बढ़ने लगा था और बजट के बाद ही जुलाई 2017 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स लागू करने की चुनौती थी.

मोदी सरकार का तीसरा बजट (2016-17)

मोदी सरकार के तीसरे बजट के सामने विकास के अच्छे आंकड़े थे. बजट से ठीक पहले वैश्विक मुद्रा कोष भारत को वैश्विक सुस्ती के बीच चमकता सितारा कह चुका था. कार्यकाल के तीसरे साल में पहुंची मोदी सरकार की सभी बड़ी योजनाएं बजटीय प्रावधान को देख रही थीं. वहीं सरकार के सामने कच्चे तेल की कमजोर कीमतों से हुई बचत को विकास कार्यों में खर्च करने की चुनौती थी.

There were good developments in front of the Modi government’s third budget. Just before the budget, the global monetary fund had said that India had a flashing star among global slowdown. All major plans of the Modi Government, which reached the third year of the tenure, were looking at the budgetary provision. At the same time, the government faced the challenge of spending the savings from the weak prices of crude oil in development work.

इसके अलावा इस बजट के जरिए सरकार को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए भी प्रावधान करना था. इनके अलावा, कृषि क्षेत्र के सामने गंभीर समस्या खड़ी थी. लगातार दो साल से कमजोर मानसून के चलते किसानों के समस्या और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए धन का प्रावधान करने का दबाव था.

मोदी सरकार का दूसरा बजट (2015-16)

केन्द्र सरकार के दूसरे बजट को संसद में पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दावा किया कि एनडीए सरकार ने नौ महीनों के कार्यकाल के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने का काम किया है. जेटली ने कहा कि अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार से दौड़ने के लिए तैयार है. जेटली ने यह भी दावा किया कि भारत दुनिया में सबसे तेज दौड़ने वाली अर्थव्यवस्था बन चुका है और खासबात है कि केन्द्र सरकार ने बजट से पहले जीडीपी आंकलन के फॉर्मूले में परिवर्तन किया जिससे नई विकास दर का आकलन 7.4 फीसदी किया गया.

अपने पहले साल के कार्यकाल के दौरान सरकार ने 12 करोड़ से अधिक परिवारों को आर्थिक मुख्यधारा में लाने का भी दावा किया. इस वार्षिक बजट के जरिए केन्द्र सरकार ने देश में जीएसटी लागू करने और जनधन, आधार और मोबाइल के जरिए डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर को लॉन्च करने के लिए प्रावधान किया। 

Modi government’s second budget (2015-16)

Presenting the Central Government’s second budget in Parliament, Finance Minister Arun Jaitley claimed that the NDA government has worked to bring the Indian economy back on track during the nine-month tenure. Jaitley said that the economy is ready to run fast. Jaitley also claimed that India has become the fastest running economy in the world and it is a special privilege that the Central Government has changed the GDP estimation formula before the budget, which estimates the new growth rate to 7.4 per cent.

During his first year’s tenure, the government also claimed to have more than 12 crore households in the financial mainstream. Through this annual budget, the Central Government has made provision to introduce GST in the country and launch Direct Benefit Transfer through public, base and mobile.

मोदी सरकार का पहला बजट (2014-15)

यह बजट मोदी सरकार ने तीन तिमाहियों के लिए पेश किया. इससे पहले पूर्व की मनमोहन सिंह सरकार पहली तिमाही का प्रावधान अपने अंतरिम बजट से कर चुकी थी. बजट भाषण में वित्त मंत्री ने संसद में कहा कि देश की जनता ने तेज विकास और गरीबी उन्मूलन के लिए नई सरकार चुनी है। 

अपने पहले भाषण में सरकार ने देश की सवा सौ करोड़ जनता की बेरोजगारी, इंफ्रास्ट्रक्चर और भ्रष्टाचार के खात्मे के साथ कड़े आर्थिक सुधारों को अपनी आर्थिक नीति के केन्द्र में रखने की बात कही। 

Modi Government’s first budget (2014-15)

This budget was presented by Modi Government for three quarters. Earlier, the previous Manmohan Singh government had made provision of the first quarter with its interim budget. In the budget speech, the Finance Minister said in Parliament that the people of the country have chosen a new government for fast development and poverty eradication.

In his first speech, the government has said that with the elimination of unemployment, infrastructure and corruption of the 100 million people of the country, strict economic reforms should be placed at the center of their economic policy.

Sach ki Dastak

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