क्या जनसँख्या नियंत्रण कानून बनाना बहुत सरल हैं?

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                                    आबादी नियंत्रण करना नामुमकिन हैं चाहे नियम ,कानून ,सामाजिक ,पारिवारिक स्तर पर कितने भी प्रयास किये जाए .इसको इस प्रकार समझाना/समझना होगा की वर्तमान में देश की आबादी १३० करोड़ हैं हम पूरी आबादी को वर्ष वार बाँट ले यानी एक वर्ष से लेकर १३० वर्ष की आयु वर्ग के एक एक करोड़ लोग हैं .अब आप २० से ४० वर्ष के आयु वर्ग को जिनकी शादी इस अवधि में होगी उनको कम से कम दो बच्चे पैदा करने का अधिकार तो होगा .यह क्रम आवर्ती  में होगा यानि हर वर्ष यह आयु वर्ग बढ़ेगा .ठीक आज मृत्यु दर बहुत कम हो गयी हैं .इस कारण आबादी का रुकना संभव नहीं हैं .
                                  रहा सवाल किसे समुदाय विशेष  का तो उस मानसिकता को बदलना सरल और कठिन दोनों हैं .यही समुदाय की आबादी बढ़ाना यदि लक्ष्य हैं तो यह विश्व व्यापी रोग हैं अन्यथा व्यक्तिगत रूप से आपको सम्पन्न रहना हैं तो सीमित परिवार होना आवश्यक हैं .
                                      एक तरफ देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग जोर पकड़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से इसकी आवश्कयता जता चुके हैं। वहीं, उनके ही दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता और उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष पंड़ित सुनील भराला अलग ही राग अलाप रहे हैं। सुनील भराला का कहना है कि हिंदुओं को ‘हम दो-हमारे एक’ की सोच छोड़कर कर ‘हम दो हमारे पांच’ की नीति अपनानी होगी।
                                    बीजेपी नेता भराला ने कहा, ‘विशेष समुदाय को दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने पर किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलना चाहिए। जनसंख्या पर कानून बहुत जरूरी हो गया है।
                                  कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने जनसंख्या नियंत्रण पर देशव्यापी बहस की दरकार बताते हुए इस मामले पर कानून बनाने की मांग की है। उन्होंने आर्थिक प्रगति से लेकर प्राकृतिक संसाधनों पर बढ़ते दबाव तक का हवाला देकर इस तरफ ठोस कदम उठाने की दरकार बताई। उन्होंने इस मुद्दे पर राजनीतिक स्वार्थों से ऊपर उठकर देशहित में फैसले लेने की अपील की।
                                  प्रसाद ने कहा, ‘जनसंख्या नियंत्रण पर देशभर में व्यापक बहस होनी चाहिए। इस पर कानून भी बनाया जाना चाहिए। अगर देश को आगे बढ़ना है तो ठोस कदम उठाने होंगे।’ उन्होंने सरकार से जरूरी कानून लाने की भी मांग की। प्रसाद ने कहा, ‘मैं सरकार से मांग करता हूं कि इस मुद्दे पर जो भी कानून लाना है, वह लाए।’
                             वीएचपी के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया,‘जनसंख्या असंतुलन बहुत बड़ी समस्या है। इसे ठीक करना जरूरी है। इससे विकास और सुरक्षा दोनों प्रभावित हो रहे हैं। सीएए और एनआरसी पर भी चर्चा होगी, लेकिन जनसंख्या नियंत्रण सभी धर्मों के लिए है। भारत को आगे बढ़ाने में जनसंख्या वृद्धि बाधक है। इसी वजह से इस पर कानून बनाकर इसे रोका जाना ज्यादा जरूरी है।
                            भागवत ने साफ कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के तहत दो बच्चों के कानून को आरएसएस का समर्थन रहेगा। हालांकि साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर सरकार को फैसला लेना है।
                             भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि अब उनका राजनीति से अलग होने का वक्त आ गया है। गिरिराज ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर स्थापना का उनका काम पूरा हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अब बस जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बन जाए तो वह राजनीति से खुद को अलग कर लेंगे।
                             बीजेपी के फायर ब्रैंड नेता कहे जाने वाले गिरिराज ने राजनीति से संन्यास की बात कहकर सबको चौंका दिया है। शनिवार को उन्होंने कहा, ‘अयोध्या में राम मंदिर स्थापना का मेरा काम तो पूरा हो गया है। मेरे जैसे लोग का अब राजनीति से विदा लेने का वक्त आ गया है। खासकर जनसंख्या नियंत्रण कानून हो जाएगा तो मैं राजनीति से खुद को अलग कर लूंगा।’
                             प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से जनसंख्या विस्फोट के मुद्दे को उठाया। उन्होंने छोटा परिवार रखने वाले लोगों की तारीफ करते हुए कहा कि यह भी देशभक्ति है। प्रधानमंत्री ने बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जताते हुए कहा कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए नई चुनौतियां पेश करता है। इससे निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को कदम उठाने चाहिए। ऐसे में यह समझना महत्वपूर्ण है कि आखिर यह चिंता कितनी बड़ी है?
भारत की प्रजनन दर घटी-
                    दुनिया में प्रजनन दर 2.1 को रिप्लेसमेंट रेट माना जा रहा है। इसका मतलब यह है कि जनसंख्या को स्थिर रखने के लिए औसतन एक महिला 2.1 बच्चे पैदा करेगी। वहीं, भारत की बात करें तो प्रजनन दर लगातार घट रही है और इस समय यह 2.2% है। आगे के दशकों में इसके 2 से भी कम होने की संभावना है।
                      अगले कुछ वर्षों में भारत की आबादी चीन से आगे निकल सकती है। 2060 में 1.65 अरब के साथ भारत की आबादी पीक पर होगी। UN के अनुमानों के अनुसार भारत की जनसंख्या वृद्धि की रफ्तार आगे घटने लगेगी। वहीं, अफ्रीका में इस पूरी सदी में आबादी की रफ्तार बढ़ती रहेगी और वह 2060 के दशक में 3 अरब के आंकड़े को पार कर जाएगी।
                        2011 की जनगणना के अनुसार, 11 राज्य ऐसे हैं, जहां प्रजनन दर 2.1 से ज्यादा है। इंटरनैशनल इंस्टिट्यूट फॉर पॉप्युलेशन साइंसेज  के अनुमान के मुताबिक 2031 तक बिहार समेत सभी बड़े राज्यों में रिप्लेसमेंट से फर्टिलटी रेट कम होगी। हाल के आर्थिक सर्वे में अनुमान लगाया गया है कि भारत की जनसंख्या वृद्धि अगले दो दशकों में लगातार घटेगी। 2021-31 के दौरान 1% जबकि 2031-41 के दौरान इसके 0.5% सालाना तक घटने की संभावना है। ज्यादातर राज्यों को लेकर अनुमान जताया गया है कि 2021 तक प्रजनन दर रिप्लेसमेंट लेवल से कम होगी और आगे आबादी केवल जीवन प्रत्याशा के लगातार बढ़ने के कारण बढ़ेगी।
                          धार्मिक आधार पर अगर हम आंकड़ों को देखें तो सभी धर्मों में प्रजनन दर में गिरावट देखी जा रही है। 2005-06 और 2015-16 के बीच के कालखंड को देखें तो हिंदुओं में प्रजनन दर 17.8%, मुसलमानों में 22.9%, ईसाइयों में 15%, सिखों में 19%, बौद्धों में 22.7%, जैनियों में 22.1% की गिरावट देखी गई है। ऐसा देखा गया है कि शिक्षा का स्तर जितना बढ़ता है, प्रजनन दर उतना ही घटता है। भारत में खुशहाल जैन समुदाय की प्रजनन दर सबसे कम है।
                         बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि यह कानून नहीं बना तो देश अशांत हो जाएगा और हिंदुत्व सुरक्षित नहीं रहेगा। बलिया जिले के बैरिया क्षेत्र के बीजेपी विधायक सिंह ने सोमवार की शाम अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की वकालत की।
                      सिंह ने कहा कि यह कानून नहीं बना तो देश अशांत हो जाएगा और राष्ट्र विरोधी ताकतें सिर उठाने लगेंगी। उन्होंने ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रमुख तथा सांसद बदरुद्दीन अजमल के एक कथित बयान पर प्रतिक्रिया में कहा कि मुस्लिम नेता अपनी संस्कृति और मिशन के तहत ऐसे बयान दे रहे हैं।
                        आपको बता दें कि सांसद अजमल ने असम सरकार द्वारा दो से ज्यादा बच्चों के माता-पिता को सरकारी नौकरी न देने सम्बन्धी प्रस्तावित कानून पर कहा था कि सरकार मुसलमानों को नौकरी न देने के लिए यह प्रस्ताव लाई है लेकिन मुस्लिम किसी की नहीं सुनेंगे और बच्चे पैदा करना जारी रखेंगे।
                            अजमल ने कहा था, ‘हमारे बीच कोई प्रतिबंध नहीं है। सरकार हमें वैसे भी नौकरी नहीं दे रही है और हमें नौकरियों की भी उम्मीद नहीं है। मैं अपने लोगों से कहूंगा कि वे जितने बच्चे पैदा कर सकते हैं, करें और उन्हें शिक्षित करें। इससे वे लोग (मुस्लिम समाज के) नौकरी के मौके भी पैदा कर सकते हैं और यहां तक कि हिंदुओं को भी रोजगार दे सकते हैं।’
                          इंद्रेश कुमार ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून सबसे जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर इस कानून के बनने में देरी हुई तो गृहयुद्ध के हालात होंगे।
                          उच्चतम न्यायालय में देश में बढ़ती आबादी पर नियंत्रण के लिये दो संतानों के मानदंड सहित कतिपय उपायों के लिये दायर याचिका पर शुक्रवार को केन्द्र से जवाब मांगा। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर केन्द्र और अन्य को नोटिस जारी किये। उपाध्याय ने इस याचिका में उच्च न्यायालय के तीन सितंबर के आदेश को चुनौती दी है। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि कानून बनाने का काम न्यायालय का नहीं बल्कि संसद और राज्य विधानमंडल का है।इस याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 21 और 21ए में प्रदत्त नागरिकों के लिये स्वच्छ वायु, पेय जल के अधिकार, स्वास्थ का अधिकार, शांतपूर्ण तरीके से सोने का अधिकार, आवास का अधिकार, आजीविका और शिक्षा के अधिकार पर गौर करने में विफल रहा हैयाचिका में कहा गया है कि जनसंख्या पर काबू पाये बगैर सभी नागरिकों के लिये संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों को सुरक्षित नहीं किया जा सकता है।उपाध्याय ने याचिका में यह भी दलील दी है कि जनसंख्या पर नियंत्रण के बगैर ‘स्वच्छ भारत’ और ‘बेटी बचाओ’ जैसे लक्ष्यों को हासिल नहीं किया जा सकता है। याचिका के अनुसार बढ़ती आबादी देश में प्रदूषण के साथ ही संसाधनों की कमी के लिये जिम्मेदार है। इसी वजह से रोजगार भी कम हो गये हैं। याचिका में यह भी कहा गया है कि सरकार जब तक दो करोड़ बेघर लोगों को आवास उपलब्ध करायेगी तब तक यह संख्या दस करोड़ तक पहुंच चुकी होगी।
                             योग गुरु बाबा रामदेव ने सरकार को सलाह दी है कि देश की बढ़ती जनसंख्‍या पर काबू पाने के लिए दो से ज्‍यादा बच्‍चे पैदा करने वालों के खिलाफ सख्‍त कदम उठाए जाएं। उन्‍होंने सुझाव दिया कि ऐसे लोगों की सरकारी नौकरियां और वोट देने का अधिकार छीन लिया जाए।’देश में जनसंख्‍या पर काबू पाने के लिए चाहे हिंदू हों या मुस्लिम दो से अधिक बच्‍चे पैदा करने वालों के वोट देने का अधिकार, नौकरियां और इलाज की सुविधा को वापस ले लिया जाए। केवल इसी से देश की जनसंख्‍या नियंत्रण में आएगी।’ उन्‍होंने कहा कि ऐसे लोगों को चुनाव लड़ने की भी अनुमति नहीं दी जाए।
                         उन्‍होंने यह भी कहा कि दो से अधिक बच्‍चे पैदा करने वालों के बच्‍चों को सरकारी स्‍कूलों में ऐडमिशन नहीं दिया जाए और सरकारी अस्‍पतालों में इलाज पर भी रोक लगा देनी चाहिए। बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब बाबा रामदेव ने इस तरह का बयान दिया हो। पिछले साल नवंबर महीने में उन्‍होंने कहा था कि उनके जैसे लोग जिन्‍होंने शादी नहीं की है, उन्‍हें विशेष सम्‍मान दिया जाना चाहिए।
                              रामदेव ने एक कार्यक्रम में कहा था, ‘इस देश में जहां उनके जैसे लोगों ने शादी नहीं की है, उन्‍हें विशेष सम्‍मान दिया जाना चाहिए। जो लोग शादी करते हैं और दो से अधिक बच्‍चे पैदा करते हैं, उनका वोट देने का अधिकार खत्‍म कर देना चाहिए।’
                                      भारत में जनसंख्या विस्फोटक स्थिति तक पहुंच गई है। जनसंख्या में 16 प्रतिशत की वृद्धि आंकी गई है। यह बात पूर्व आईएएस विनोद शंकर चौबे  ने गांधी भवन में शुक्रवार को हुई गोष्ठी में कही।
                                    वर्तमान में कुछ समाज में आबादी का अनुपात कम होना चिंतनीय हैं जैसे जैनों का . भारत में खुशहाल जैन समुदाय की प्रजनन दर सबसे कम है।इससे जैन समाज का भविष्य अन्धकारमय हैं .इससे कुछ समाज विलुप्त होने की स्थिति में आ रहे हैं .
                  ___ डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन ,संरक्षक शाकाहार परिषद् A2 /104  पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड भोपाल 

Sach ki Dastak

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