‘हीरो ऑफ जेंडर इक्वलिटी’ अवार्ड से हुईं सम्मानित ”आयशा नूर” : तीन बार अंतर्राष्ट्रीय कराटे चैंपियन रहीं –

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19 वर्षीय आयशा नूर मिर्गी की बीमारी से पीड़ित है और आर्थिक स्थिति भी ऐसी नहीं कि अपने तकलीफों का इलाज करा सके।

कोच और मां

ऐसे में इसने वह कर दिखाया जो हर किसी के बस की बात नहीं। ऐसी स्थिति में भी उसने अपने परिवार, देश व बंगाल को गर्व के क्षण दिये हैं। इन्होंने 3 बार अंतर्राष्ट्रीय कराटे चैंपियनशिप का खिताब हासिल किया है।

रामलीला पार्क तथा विभिन्न विद्यालयों में हजारों लड़कियों को नि:शुल्क कराटे सिखाती है।

आयशा ने द वर्ल्ड मिक्स्ड मार्सल आर्ट कॉउंसिल द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं को बताया कि लड़कियों की आत्मरक्षा का सबसे अच्छा माध्यम कराटे हैं। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य प्रति वर्ष 1लाख लड़कियों को कराटे सिखाने का है।

इस दौरान उपस्थित थाईलैंड की संवाददाता करुणा बुआकुमर्स ने कहा कि वे थाईलैंड टीवी के लिए आयशा पर फिल्म बना रहे है। जब कि अमेरिकन टीवी ने इसकी डॉक्युमेंट्री फिल्म “गर्ल कनेक्टेड”। साथ ही साथ आयशा को हीरो ऑफ जेंडर इक्वलिटी का खिताब दिया गया।


इस संवाददाता सम्मेलन में विशेष अतिथि के रूप में गियोबन्नी सिलिबेर्टो (इटली), करुणा बुआकुमर्स (थाईलैंड), जोयदीप रॉय (द वर्ल्ड मिक्स्ड मार्सल आर्ट कॉउंसिल के राष्ट्रय अध्यक्ष), एम• ए• अली (वर्ल्ड मिक्स्ड मार्सल आर्ट कॉउंसिल के राष्ट्रीय निदेशक) सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

       बीबीसी समाचार की कल्पना प्रधान ने आयशा के कार्यों को सराहा। वही राष्ट्रीय कराटे चैंपियनशिप के उपाध्यक्ष एस• के• गोलुम रखानी ने कहा कि आयशा बहुत होनहार बच्ची है। उसकी वह हर संभव मदद करेंगे।

Sach ki Dastak

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