मानवता की हत्या बर्दाश्त से बाहर है – न्यूज एडीटर आकांक्षा सक्सेना

0

#Killing_humanity_isoutof_tolerance

औरंगाबाद – 

मालगाड़ी से 16 मजदूरों के कटने का दर्दनाक मंजर –

 #Killing_humanity_isoutof_tolerance

मालगाड़ी से 16 मजदूरों के कटने का दर्दनाक मंजर –
#Killing_humanity_isoutof_tolerance

किसी भी नेता को वोट देने की जरूरत नहीं बची है क्योंकि सबका विभाजन और सबका विनाश जारी है…इनके पास न ही दूरदृष्टि है न कोई उन्नत सोच…..बर्बाद हो गया गरीब…! मर रहा गरीब..!

जिस रोटी की तलाश में घर से निकले थे, वह उनके बेजान शरीर के पास बिखरी पड़ी हैं। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मालगाड़ी से 16 मजदूरों के कटने का मंजर दिल को चीर रहा है। खामोश पटरियों पर मौत का सन्नाटा पसरा है। लॉकडाउन के चलते ये सभी मजदूर अपने घर जाने के लिए 40 किलोमीटर चलकर आए थे। थकान ज्यादा लगी, तो पटरी पर सो गए,या कहें कि सब जानते बूझते मजबूरी में आत्महत्या कर ली है… यह भी हो सकता है उन्होंने सोचा हो कि लॉकडाउन में ट्रेने तो बंद है। लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनका सफर यही खत्म हो जाएगा।अत:, सर्वोच्च न्यायालय से यह मेरी विनम्र प्रार्थना है कि इस मामले का संज्ञान लेकर पारदर्शिता से जांच करवायें कि आखिर! यह मजदूर ट्रेन का सायरन कैसे नहीं सुन सके? क्या कोई विषाक्त पदार्थ तो नहीं खाया? आखिर! वह क्यों रेलवे ट्रेक पर सोने को मजबूर हुए?
अंत में सर्वशक्तिमान ईश्वर से यही कामना है कि उन सभी दिवंगत मजदूरों की आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को इस कठिन समय में हिम्मत प्रदान करें।

नोट : सम्मानीय मजदूर भाईयों – बहनों, माताओं कृपया किसी भी परिस्थिति में आप लोग रेलवे ट्रेक से दूर रहें। यह ट्रेन के चलने के लिए बनाया गया है ना कि हम इंसानों के चलने व सोने के लिए। फिर यदि आपने जानबूझकर यह सुसाइड किया है तो आपको ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए था, कभी भी नहीं। जिंदगी के लिए लड़ो, जिंदगी से भागो मत। सच कहूँ तो यह जिंदगी है यहां दो दूनी चार नहीं चलता, यहां दो दूनी साढ़े, पौने, ढ़ाई, पांच, आठ, सौ तक सब चलता है।

-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना

Sach ki Dastak

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x