छिंदवाड़ा की बेटी का अविष्कार ‘ऑटोमैटिक टॉयलेट क्‍लीनिंग मशीन’ बनाई-

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छिंदवाड़ा,

अधिकांश घरों में लोग अपने शौचालय की सफाई के लिए हाथों से ब्रश का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अब ऑटोमैटिक टॉयलेट क्लिनिंग मशीन न केवल शौचालय बल्कि बाथरूम सहित पूरे घर की सफाई करेगी। इसका आविष्कार किसी वैज्ञानिक या किसी बड़ी कंपनी ने नहीं किया, बल्कि छिंदवाड़ा के सामरबोह गांव के सरकारी बिछुआ कन्या आश्रम की आठवीं की छात्रा सुलोचना काकोड़िया ने किया है।

आईआईटी दिल्ली में हाल ही में हुई सातवीं राष्ट्रीय इंस्पायर अवार्ड मानक विज्ञान प्रदर्शनी प्रतियोगिता में इस मॉडल को देश में पहला स्थान मिला है। सुलोचना को प्रथम पुरस्कार के रूप में 25 हजार रुपए और लैपटॉप मिला है। मप्र के किसी भी विद्यार्थी के लिए यह पहला मौका है जब उसने ऐसी स्पर्धा में यह मुकाम पाया है। इसके अलावा मप्र के दो और विद्यार्थियों के मॉडल भी चयनित हुए हैं। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग व नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन इन तीनों छात्रों द्वारा बनाए गए विज्ञान मॉडलों का पेटेंट छात्रों के नाम पर करवाएगा। इसके बाद प्राइवेट कंपनी के माध्यम से छात्रों के बनाए मॉडल पर प्रोडक्ट तैयार किए जाएंगे। अब चयनित मप्र के तीनों छात्र राष्ट्रपति भवन में अपने मॉडल को प्रदर्शित करेंगे। स्पर्धा के लिए देशभर से आए 800 छात्रों के मॉडल में 60 छात्रों के मॉडल चुने गए थे।

 

ऐसे काम करेगी मशीन-

टॉयलेट क्लिनिंग मशीन में ब्रश स्वत: घूमकर टॉयलेट की सफाई करेगी। मशीन में पाइप के जरिए पानी भी आएगा। इससे टॉयलेट शीट की सफाई में आसानी होगी। पानी के साथ फिनाइल का भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। मशीन में सफाई के लिए रोलर और अन्य ब्रश लगाकर बाथरूम की दीवारें, फर्श और घरों के अन्य कमरों की सफाई भी की जा सकेगी।

सूरज की दिशा बदलने के साथ घूमेगा सोलर पैनल-

मप्र के सागर जिले के सरकारी उत्कृष्ट विद्यालय की कक्षा 10वीं की छात्रा रिद्धि तिवारी का मॉडल भी चयनित हुआ है। उसने घूमने वाला सोलर पैनल बनाया है। अभी तक जितने भी सोलर पैनल लगाए जाते हैं वे फिक्स होते हैं। रिद्धि के मॉडल में सौर ऊर्जा का पूरी तरह उपयोग होगा। पैनल के साथ साइकिल की रिंग जोड़कर उससे रस्सी में ईंट को बांधा गया है। ईंट को पानी की बाल्टी में रखा गया है। इस बाल्टी में लगे नल से दूसरी बाल्टी में

एक-एक बूंद पानी गिरता है। जैसे-जैसे बाल्टी का पानी कम होगा रिंग के माध्यम से सोलर पैनल भी 180 डिग्री पर घूमेगा। इसे इस तरह सेट किया जाएगा कि सूर्य की दिशा बदलने के साथ सोलर पैनल की स्थिति भी बदलती रहेगी।

चलित जैविक शौचालय कुर्सी से होगी आसानी-

शासकीय माध्यमिक स्कूल आमानाला (सिवनी) के कक्षा आठवीं के छात्र धर्मेंद्रकुमार यादव का मॉडल भी चुना गया है। उसने चलित जैविक शौचालय कुर्सी तैयार की है। इसकी मदद से बुजुर्ग, बीमार और दिव्यांगों को शौचालय जाने में आसानी होगी। छात्र ने जैविक शौचालय को व्हील चेयर से जोड़ा है। इसमें फ्लश सिस्टम लगा है। कुर्सी में नीचे लगे बॉक्स में मल इकट्ठा होगा जिसका क्लोरीनीकरण किया जाएगा।

इंस्पायर अवार्ड के लिए पहली बार जिला स्तर पर मप्र से करीब 18 हजार छात्र चुने गए थे। इनमें से 5895 छात्र राज्य स्तर के लिए चुने गए। इनमें से 43 का राष्ट्रीय स्तर के लिए चयन हुआ। इसके बाद देशभर के 60 छात्रों में मप्र के तीन छात्रों का मॉडल का चयन किया गया। तीनों छात्रों के मॉडल के प्रोटोटाइप को डेवलप करने के लिए 50-50 हजार रुपए की राशि भी मिलेगी।

– डॉ. राधाष्कृष्णन के सी, राज्य विज्ञान अधिकारी, स्कूल शिक्षा विभाग म. प्र

Sach ki Dastak

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