‘ऑनलाइन आश्‍वासन निगरानी प्रणाली (ओएमएएस)’ का शुभारम्भ –

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केंद्रीय संसदीय मामले और सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्री विजय गोयल ने केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्रालय द्वारा विकसित ‘ऑनलाइन आश्‍वासन निगरानी प्रणाली (ओएमएएस)’ का शुभारंभ किया।

इस प्रणाली से संसद के दोनों सदनों के पटल पर दिये जाने वाले आश्‍वासनों से संबंधित सूचनाएं अब कागज रहित (पेपरलेस) हो गई हैं। दूसरे शब्‍दों में, इस तरह की सूचनाएं अब डिजिटल प्रारूप में उपलब्‍ध हो गई हैं।

संसद में पूछे जाने वाले प्रश्‍नों का उत्‍तर अथवा कोई बयान देते समय सदन के पटल पर तरह-तरह के आश्‍वासन भी दिए जाते हैं। संसदीय मामलों का मंत्रालय इस उद्देश्‍य के लिए निर्धारित दिशा-निर्देशों को ध्‍यान में रखते हुए सदन की कार्यवाहियों से इस तरह के आश्‍वासनों को अलग छांट लेता है और इन आश्‍वासनों के अंश को सं‍बंधित मंत्रालयों को भेज देता है, ताकि उन्‍हें पूरा किया जा सके।

‘ओएएमएस’ का उद्घाटन हो जाने से अब ई-ऑफिस के जरिए संसदीय मामलों के मंत्रालय द्वारा छांटे गए सभी आश्‍वासन इस प्रणाली या सिस्‍टम पर नजर आएंगे और विभिन्‍न मंत्रालय/ विभाग, लोकसभा सचिवालय एवं राज्‍यसभा सचिवालय समस्‍त उद्देश्‍यों को ध्‍यान में रखते हुए इस सिस्‍टम के जरिए इन्‍हें संप्रेषित करेंगे।

इसमें संसदीय आश्‍वासनों से संबंधित विभिन्‍न कार्यकलाप शामिल होंगे जिनमें कार्यान्‍वयन रिपोर्ट भेजना, वापस लेने का अनुरोध करना विस्‍तार करने के लिए अनुरोध करना और संबंधित निर्णय शामिल हैं। इसके बाद से अब किसी भी तरह के कागजी संदेश को स्‍वीकार नहीं किया जाएगा।

मानवीय ढिलाई और दिशा-निर्देशों का अनुपालन न करने के कारण आश्‍वासनों को पूरा करने की प्रक्रिया में कई तरह की समस्‍याएं उभर कर सामने आती हैं जिससे यह प्रक्रिया अपेक्षाकृत कम पारदर्शी हो जाती है। लोकसभा, राज्‍यसभा और संसदीय मामलों के मंत्रालय में विभिन्‍न माड्यूल को उपयोग में लाया जा रहा है जिससे संबंधित आंकड़ों में सही ढंग से मिलान नहीं हो पाता है।

यही कारण है कि लंबित आश्‍वासनों की वास्‍तविक स्थिति पर करीबी नजर रखने और उन्‍हें त्‍वरित ढंग से पूरा करने के उद्देश्‍य से एक ऑनलाइन आश्‍वासन निगरानी प्रणाली की स्‍थापना की जरूरत महसूस हुई।

विभिन्‍न मंत्रालयों/विभागों के अधिकारियों और राज्‍य सभा सचिवालय एवं लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों से प्राप्‍त सुझावों को ध्‍यान में रखते हुए उपर्युक्‍त सॉफ्टवेयर को संसदीय मामलों के मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया है। इस संदर्भ में मौजूदा दिशा-निर्देशों और प्रचलित तौर-तरीकों को भी ध्‍यान में रखा गया।

मंत्रालय ने क्षमता निर्माण कार्यक्रम भी चलाया जिसके तहत 24 अप्रैल, 2018 से लेकर 1 मई, 2018 तक की अवधि के दौरान विभिन्‍न मंत्रालयों/विभागों के 84 प्रमुख (नोडल) अधिकारियों को इस सॉफ्टवेयर के परिचालन से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान इन प्रमुख अधिकारियों को आईडी और पासवर्ड दिये गये थे।

वर्ष 2007 से लेकर अब तक संसद के दोनों सदनों के पटल पर विभिन्‍न मंत्रियों द्वारा दिये गये कुल मिलाकर 26,830 आश्‍वासनों को संसदीय मामलों के मंत्रालय द्वारा छांटा गया है जिनमें से 21,439 आश्‍वासन पूरे किये गये हैं, जबकि 1,903 आश्‍वासनों को वापस ले लिया गया है। इस तरह कुल मिलाकर 3,488 आश्‍वासन अब भी अनुपालन के लिए लंबित हैं। विभिन्‍न आंकड़ों सहित ओएएमएस से संबंधित सूचनाएं वेब पोर्टल oams.nic.in पर उपलब्‍ध हैं।

ओएएमएस के शुभारंभ के दौरान संसदीय मामलों के सचिव एस• एन• त्रिपाठी, संसदीय मामलों के मंत्रालय के अन्‍य अधिकारी, राज्‍य सभा सचिवालय, लोकसभा सचिवालय और भारत सरकार के विभिन्‍न मंत्रालयों/विभागों के अधिकारीगण भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

Sach ki Dastak

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