आँसू क्या है? दर्श हृदय का,
करुणा नीर बहाते आँसू।
सुख में आँसू दुख में आँसू,
उर के भाव बताते आँसू।।
अंतर के अवसाद सौख्य की,
है अभिव्यक्ति कराते आँसू।
जब भी आहत होता है मन,
मन का राज बताते आँसू।।
अंतर्मन की व्यथित वेदना,
का प्रतिविम्ब छलकते आँसू।
दिल टूटे आवाज न होती,
दृग की कोर झलकते आँसू।।
जब भी सुख के आते हैं पल,
तो भी आँख लरजते आँसू।
मन में है जब पीड़ा होती ,
तब -तब आँख बरसते आँसू।।
मधुर मिलन के जब क्षण आते,
शबनम जैसे गिरते आँसू।
होता है जब विरह प्रिये का,
मोती जैसे झरते आँसू।।
अंतःकरण मौन होता जब,
दिल का भेद खोलते आँसू।
बिन बोले ही सब कह जाते,
मन की बात बोलते आँसू।।
'सुमन' चार दिन का यह जीवन,
सबके दुख में बहना आँसू।
सब कुछ धरा - धरा रह जाये,
प्रभु सुख के ही देना आँसू।।