भ्रष्टाचार : यूपी लोकसेवा आयोग के दफ्तर में लगे साइन बोर्ड पर लिखा गया ‘चिलम’ –

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  • उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित यूपी लोक सेवा आयोग के कार्यालय के मुख्यगेट पर लगे साइनबोर्ड से छेड़खानी का मामला सामने आया है क्योंकि सभी भर्तियां भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी हैं। 
  • छात्रों ने पुलिस पर किया पथराव, तनाव के चलते आयोग के बाहर पुलिस फोर्स तैनात
  • एलटी ग्रेड परीक्षा का पेपर लीक होने से नाराज हैं छात्र
  • इस प्रकरण में परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार समेत नौ आरोपियों की हो चुकी है गिरफ्तारी
  • गेट के साइनबोर्ड में शब्दों से छेड़छाड़ करके कुछ शरारती तत्वों ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में ‘लोक’ की जगह ‘चिलम’ लिख दिया है
  • पुलिस ने मामले में 3 लोगों को हिरासत में लिया है, माना जा रहा है कि ये आरोपी समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए हैं, आरोपियों से पूछताछ जारी

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित यूपी लोक सेवा आयोग के कार्यालय के मुख्यगेट पर लगे साइनबोर्ड से छेड़खानी का मामला सामने आया है। साइनबोर्ड में शब्दों से छेड़छाड़ करके उत्तर प्रदेश लोक सेवा में ‘लोक’ की जगह ‘चिलम’ लिखा गया है। शरारती तत्वों की इस हरकत के बाद पुलिस ने 3 लोगों को हिरासत में लिया है। माना जा रहा है कि हिरासत में लिए गए आरोपियों का समाजवादी पार्टी सूत्रों के मुताबिक sp से संबंधित है।

लोक सेवा आयोग की भर्तियों को लेकर एक बार फिर विवाद बढ़ गया है। 10768 एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में पेपर लीक और प्रिंटिंग प्रेस मालिक के साथ ही आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार की गिरफ्तारी के बाद आयोग निशाने पर है। प्रतियोगी छात्रों के साथ ही बीजेपी के विरोधी दल भी इसे लेकर विरोध में उतर आए हैं। गुरुवार की रात ऐसे ही कुछ युवकों ने प्रयागराज के पॉश इलाके सिविल लाइंस स्थित लोक सेवा आयोग के दफ्तर के गेट पर चिलम सेवा आयोग लिख दिया। इस दौरान पुलिस की नजर उन पर पड़ गई और तीनों को हिरासत में ले लिया। तीनों आरोपी एसपी से जुड़े बताए जा रहे हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने भाषणों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिलम मंत्री बताया था। यही नहीं अखिलेश ने अपने आवास में हुई तोड़फोड़ के मामले को लेकर योगी पर हमला बोलते हुए एसपी की सरकार बनने पर सीएम आवास से चिलम ढूंढने की बात कही थी। पेपर लीक मामले को लेकर आयोग ने फिलहाल पीसीएस मेंस परीक्षा भी टाल दी है और आगे भी कुछ परीक्षाएं टलने की संभावना है क्योंकि परीक्षा नियंत्रक की गिरफ्तारी के बाद परीक्षाओं का आयोजन संभव नहीं है। वहीं प्रतियोगी छात्रों के साथ एसपी और अन्य दलों की छात्र इकाई भी सक्रिय हो गई है और आयोग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन व पुतले फूंकने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। 

 

  1. सीबीआई कर रही यूपीपीएससी की परीक्षाओं जांच

    सीबीआई पहले से ही अप्रैल 2012 से मार्च 2017 के बीच हुई यूपीपीएससी की परीक्षाओं जांच कर रही है लेकिन, अभ्यर्थियों की मांग है कि अब पिछले दो साल में हुई भर्ती परीक्षाओं की भी सीबीआई जांच कराई जाए। गुरूवार को छात्रसंघ भवन पर छात्रों ने प्रदेश के कार्मिक मंत्री के पुतले की शवयात्रा निकाली। छात्रों ने यह भी कहा कि परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार सिर्फ एक मोहरा हैं। प्रदर्शन के दौरान लोक सेवा आयोग के गेट पर वॉल पेंटिंग में चिलम सेवा आयोग लिखते हुए तीन समाजवादी कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए। इनमें राजेश यादव, संदीप यादव और उनका एक साथी शामिल हैं।

  2. यह है मामला

    29 जुलाई 2018 को बनारस में आयोजित एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के हिंदी और सामाजिक विज्ञान का पेपर आउट हुआ था। इस प्रकरण में क्राइम ब्रांच और पुलिस की संयुक्त टीम ने गुरुवार को आयोग की परीक्षा नियंत्रक, सचिव अंजू लता कटियार को गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई पहले से गिरफ्तार कोलकाता निवासी अशोक देव चौधरी से मिली जानकारी के आधार परकी गई है। 27 मई को प्रिंटिंग प्रेस मालिक कौशिक कुमार को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था।

  3. पेपर की छपाई में अंजू को मिलता था कमीशन

    कौशिक ने बताया कि एलटी ग्रेड परीक्षा के पेपर उसके प्रेस में छपे थे और प्रति अभ्यर्थी 5 लाख रूपए लेकर उसने 28 जुलाई 2018 को सॉल्वर गैंग के पास बनारस भिजवाया था। यह भी बताया कि इस काम में अंजू की मिलीभगत थी और इसके बदले में उसने उन्हें 26 मई को 10 लाख रूपए दिया था। इसके अलावा जब भी लोक सेवा आयोग के पेपर छपते थे तो मिलने वाली धनराशि में वह 5 प्रतिशत कमीशन अंजू को देता था। इस आधार पर चोलापुर थाने में अंजू सहित नौ के खिलाफ केस दर्ज कर कौशिक को जेल भेज दिया गया है।


17 से 21 जून तक होनी थी परीक्षा
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पीसीएस-2018 मेंस की परीक्षाएं 17 से 21 जून तक होनी थीं। इस मामले में अभ्यर्थियों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अर्जी भी दाखिल की थी। हाई कोर्ट में शुक्रवार को होने वाली सुनवाई से ठीक पहले आयोग ने अचानक मुख्य परीक्षाएं टालने का एलान कर सभी को चौंका दिया है। यूपी पीसीएस 2018 की प्रारंभिक परीक्षा पिछले साल हुई थीं, जिसमे 5 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इसी साल 30 मार्च को प्री परीक्षा के नतीजे घोषित किए गए जिसमें 19608 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था। 

पुलिस ने नहीं मिटाया नाम–

सिविल लाइंस पुलिस की ओर से चिलम आयोग लिखने वालों को तो गिरफ्तार कर लिया लेकिन गेट पर लिखे ‘चिलम को नहीं मिटाया। आने जाने वाले लोग इसे देखकर चुटकी लेते रहे। लाल रंग के अक्षरों में नीले रंग से लिखा ‘चिलम स्पष्ट दिखाई दे रहा है।

सपा शासन काल में लिखा गया था अहिर आयोग–

प्रयागराज। सपा शासन काल में तीन वर्ष पहले लोकसेवा आयोग में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रतियोगी छात्रों ने बड़ा आंदोलन किया था। उस दौरान ‘अहिर सेवा आयोग लिख दिया गया था। जिसकी खूब चर्चा हुई थी।

छात्र नेताओं का आरोप घर से पुलिस ने उठाया-

लोक सेवा आयोग में पिछले तीन दिनों से गहमागहमी है। जिसके चलते पुलिस वालों की ओर से गस्त बढ़ा दी गई। इसके बावजूद किस तरह से समाजवादी छात्रसभा के नेताओं ने नाम लिखा यह जांच करने का विषय है। इतनी ऊंचाई पर सीढ़ी लगाकर ही लिखा जा सकता है।तो सवाल यह भी उठता है कि क्या पुलिस वहां पर नहीं थी। अगर थी तो लिखने के पहले रोका क्यों नहीं गया। छात्र नेता संदीप यादव का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें शुक्रवार को होने वाले आंदोलन को दबाने के लिए उनके घर जार्जटाउन से उठाया है।

 

Sach ki Dastak

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