कोरोना काल में संकट मोचक की भूमिका निभा रहे एम्बुलेंस सेवा कर्मी

0

सच की दस्तक न्यूज़ डेस्क चन्दौली
कोरोना वायरस को रोकने के लिए डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मी, स्वच्छताकर्मी सहित एंबुलेंसकर्मी कोरोना योद्धा के रूप में अपनी जान की परवाह किए बिना 24 घंटे जनता की सेवा में लगे हैं। ड्यूटी के दौरान चालक व स्टाफ को पूरी तरह से सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है। एंबुलेंसकर्मी पीपीई किट, ग्लव्स, शूज कवर आदि से लैस रहते हैं तथा हर एक संभावित या पॉज़िटिव मरीज के बाद किट आदि को बदला जाता है व एंबुलेंस को भी निरंतर सैनिटाइज किया जाता है।
एंबुलेंस चालक व इमरजेंसी मेडिकल टेकनीशियन (ईएमटी) मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान कराने के लिए रात-दिन पूरे उत्साह और मेहनत से कार्य में लगे हैं। एम्बुलेंसककर्मी फोन आते ही मरीजों के पास पहुंचने और उन्हें गंतव्य तक पहुंचाने में जुटे हैं। इसके लिए वह रात-दिन की चिंता नहीं करते। उन्होने बिना किसी डर के कोरोना उपचाराधीनों को हॉस्पिटल में शिफ्ट करवाया है। ईएमटी और पायलट ने खुद से ज्यादा मरीजों की परवाह करते हुये उन्हें सही समय पर इलाज के लिए सही जगह पर पहुंचाया है।
108 एंबुलेंस सेवा के जिला प्रभारी प्रदीप यादव ने बताया कि जनपद में कुल एंबुलेंस की संख्या 49 है। इसमें से 108 सेवा की आठ एंबुलेंस, 102 सेवा की दो एंबुलेंस और एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) की तीन एंम्बुलेस कोविड कार्य में लगी हुई हैं। 108 सेवा से अगस्त 2020 में 213 कोरोना मरीजों को जनपद के विभिन्न कोविड एल-1, एल-2 एवं एल-3 अस्पतालों में भर्ती कराया गया। 102 सेवा से अगस्त 2020 में दो गर्भवती को सुरक्षित प्रसव के लिए घर से अस्पताल तक की सुरक्षित सेवा दी गयी। 108 एंबुलेंस सेवा से मार्च 2020 से अब तक 8,658 मरीजों को लाभ मिला है। 102 एंबुलेंस सेवा से मार्च 2020 से अब तक 8,802 महिलाओं को अस्पताल तक सुरक्षित पहुंचाया। उन्होने बताया कि कोविड कार्य में 15 एंबुलेंस चालक व ईएमटी सहित लगभग 49 एंबुलेंस स्टाफ लगाए गए हैं।
प्रदीप यादव ने बताया कि एंबुलेंस संचालकों के रोज ड्यूटी के बाद घर जाने के कारण कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है, इसलिए इन्हें कोरोना की रोकथाम तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से सीएमओ ऑफिस में सभी के रहने और खाने की व्यवस्था की गयी है। सीएमओ डॉ आर के मिश्रा स्वयं एंबुलेंसकर्मियों के कार्यों की निगरानी करते हैं।
यह कहना है योद्धाओं का : – ईएमटी वेद प्रकाश यादव ने कहा कि एक एंबुलेंस मे एक चालक और एक इमरजेंसी मेडिकल टेकनीशियन की 12 – 12 घंटे की ड्यूटी लगती है। 22 मार्च से लगातार काम कर रहे हैं। गंभीर मरीज़ के साथ रहते हैं और रास्ते में देखभाल के साथ उन्हें हिम्मत देते रहते हैं। उन्होने कहा कि घर से एंबुलेंस मे अकेले जाने में सब को डर लगता है।
एंबुलेस चालक अशोक कुमार ने बताया कि लॉक डाउन से अभी तक एक दिन के लिए भी घर नहीं गए हैं। दिन-रात कोविड के काम में लगे हैं। पिता जी की वह बात याद आ गयी जब उन्होने कहा था कि देश की सेवा कर रहे हो डरो मत। जैसे देश के बॉर्डर पर तैनात सैनिक कभी हिम्मत नहीं हारता तो आज तुम एक सैनिक की तरह ही हो। हम सबको तुम पर गर्व है। उन्होने बताया कि कोरोना काल में वह लगभग 1200 से ज्यादा मरीज़ अस्पतालों में ले गए हैं।

Sach ki Dastak

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x