नीमा के क्लीनिकों को खोलने की दी जायें अनुमति

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सच की दस्तक डेस्क चन्दौली

नीमा के आयुष चिकित्सक जनपद की गरीब जनता को न्यूनतम मूल्य पर चिकित्सा उपलब्ध कराते है। लेकिन लाकडाउन के दौरा क्लीनिक बंदी के आदेश की वजह से ही आयुश चिकित्सक प्रशासनद्वारा कोविड-19 इंफेक्शन प्रिवेंशन कंट्रोल प्रोटोकाल तथा रोकथाम प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत भी इस गरीब जनता की सेवा नही कर पा रहे है। जिससे मरीज भी परेषान होकर भटक रहे हैं तथा बड़े-बड़े नर्सिंग होम व प्राइवेट हास्पिटल के कारण आर्थिक बोझ भी पड़ रहा है।
डा. यू यस पाण्डेय(सचिव प्रदेश निमा) ने बताया कि यह बड़ी ही दुर्भाग्य की बात है जिस देष में 80 प्रतिषत जनता गरीब हो, उस देष में सस्ता उपचार देनी वाली संस्था नीमा के चिकित्सालयों को बंद कर दिया गया है। जिससे गरीब और असहाय जनता अपना उपचार कराने के लिये इधर-उधर भटक रही है। गरीब जनता के पास इतना पैसा नही है कि वह आलीषान बने नर्सिग होमों में मोटी फीस देकर अपना उपचार करा सके। निमा प्रदेश प्रवक्ता ने जिला प्रषासन से तुरंत नीमा के चिकित्सालयों को खोलने की परमीषन देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और जिला प्रषासन के स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयुश चिकित्सकों को कोविड-19 इंफेक्षन प्रोवेंषन कंट्रोल प्रोटोकाल तथा रोकथाम प्रषिक्षण प्राप्त कराया गया उसके साथ ही आईएमए के सदस्य को भी सीएमओ कार्यालय द्वारा प्रषिक्षण दिया गया।
डॉ ओ पी सिंह(प्रदेश प्रवक्ता) का कहना है कि एलोपैथिक चिकित्सकों को नर्सिग होम क्लीनिक खोलने की अनुमति प्रदान करने की सूची डीएम के पास अनुमोदित को भेजी गई है लेकिन नीमा के प्रषिक्षित प्रषिक्षण प्राप्त चिकित्सकांे को अभी तक क्लीलिक खोलने की अनुमति का कोई प्रस्ताव नही बनाया गया जो बेहद दुखद बात है।

Sach ki Dastak

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