‘स्मार्ट आधारभूत संरचना को एम-2-एम/आईओटी सक्षम बनाना’ सम्मेलन : मनोज सिन्हा ने उद्घाटन किया

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केन्द्रीय संचार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि मशीन से मशीन (एम-2-एम) संचार और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) में हमारे जीवन को बदलने की क्षमता है। ये तकनीकें हमारे भौतिक संसार से संपर्क करने के तरीके को पूरी तरह बदल सकती है। श्री सिन्हा ने आज दूरसंचार इंजिनियरिंग केन्द्र (पीईसी), नई दिल्ली द्वारा आयोजित एक दिवसीय ‘स्मार्ट आधारभूत संरचना को एम-2-एम/आईओटी सक्षम बनाना’ सम्मेलन का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर टीईसी द्वारा तैयार की गयी दो तकनीकी रिपोर्टों को भी मनोज सिन्हा ने जारी किया। पहली रिर्पोट का शीर्षक ‘आईओटी/एम-2-एम सुरक्षा के लिए अनुशंसाएं’ और दूसरी रिर्पोट का शीर्षक ‘आईओटी/आईसीटी के साथ स्मार्ट नगरों की डिजाईन और योजना निर्माण’ है। टेलिकॉम के सचिव और टेलिकॉम आयोग के चेयरमैन – अरूणा सुदंरराजन ने कहा कि टीईसी के द्वारा तैयार की गयी विस्तृत और प्रासांगिक रिर्पोटों को देखना सुखद है। इस तरह के प्रयासों से देश में एम-2-एम/आईओटी का सुव्यवस्थित रूप से विकास होगा।

एम-2-एम/आईओटी संचार के अंतगर्त उभरती हुई तकनीकें शामिल की जाती हैं। सम्मेलन में आईओटी सक्षम स्मार्ट अवसंरचना, स्मार्ट नगरों के डिजाईन व योजना निर्माण में आईओटी की भूमिका, एम-2-एम/आईओटी के मानकीकरण से संबंधित विविध आयाम तथा स्मार्ट डिवाइस/उपकरण की सुरक्षा, जांच व प्रमाणन की चुनौतियां जैसे विषयों पर चर्चा हुई।

एम-2-एम/आईओटी का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों के विविध अनुप्रयोगों में हो रहा है, जैसे ओटोमोटिव (बुद्धिमत्ता पूर्ण परिवहन प्रणाली), ऊर्जा (स्मार्ट मीटर, स्मार्ट ग्रिड), सुदूर क्षेत्र में स्वास्थ्य देखभाल, सुरक्षा व निगरानी, स्मार्ट आवास, कचरा प्रबंधन तथा जल प्रबंधन आदि। स्मार्ट नगरों के डिजाईन और योजना निर्माण में ये सभी आयाम महत्वपूर्ण हैं।

सम्मेलन और टीईसी को सफलता की शुभकामनाएं देते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि मैं चाहता हूं कि टीईसी उभरते हुए डिजिटल संचार तकनीक के क्षेत्र में अपने कार्य को निरंतर जारी रखे।

Sach ki Dastak

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