UGC का ऐलान: अब छात्र ले सकेंगे एक साथ कई डिग्रियां

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 स्टूडेंट्स के लिए बड़ी और अच्छी है। ऐसी संभावना है कि छात्र अब शीघ्र ही विभिन्न विश्वविद्यालयों या एक ही विश्वविद्यालय से एक साथ विभिन्न डिग्रियां हासिल कर सकेंगे, क्योंकि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) इस विचार की व्यावहारिकता का अध्ययन कर रहा है।

यूजीसी ने एक ही विश्वविद्यालय या भिन्न-भिन्न विश्वविद्यालयों से पत्राचार, ऑनलाइन या अंशकालिक तरीके से एक साथ दो डिग्रियों की पढ़ाई करने के मुद्दे का परीक्षण करने के लिए अपने अध्यक्ष भूषण पटवर्धन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है।

हालांकि ऐसा नहीं है कि पहली बार आयोग इस मुद्दे का परीक्षण कर रहा है। यूजीसी ने 2012 में भी एक समिति बनाई थी और इस पर विचार- विमर्श किया गया था। आखिरकार इस विचार को खारिज कर दिया गया था।

 

आयोग के एक अधिकारी ने कहा, ‘पिछले महीने यह समिति गठित की गई और उसकी दो बैठकें भी हो चुकी हैं। अब विभिन्न पक्षों के साथ इस विचार की व्यावहारिकता पर गौर करने के लिए विचार-विमर्श चल रहा है।’

 

2012 में बनी थी फुरकान कमर समिति-

2012 में हैदराबाद विश्वविद्यालय के तत्कालीन उपकुलपति फुरकान कमर की अध्यक्षतावाली समिति ने सिफारिश की थी कि नियमित तरीके (रेगुलर)के तहत डिग्री कोर्स में दाखिला पाने वाले छात्रों को उसी या अन्य विश्वविद्यालय से मुक्त (ओपेन) या दूरस्थ (डिस्टेंस) शिक्षा के माध्यम से अधिकतम एक अतिरिक्त डिग्री की पढ़ाई की इजाजत दी जा सकती है।

फुरकान कमर समिति की सिफारिश-

फुरकान समिति ने हालांकि यह कहा था कि यदि कोई छात्र रेगुलर कोर्स में किसी विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहा है तो वह दूसरी डिग्री के लिए उस या अन्य किसी विश्वविद्यालय में रेगुलर कोर्स में दाखिला नहीं ले सकता। उस छात्र को अपनी रेगुलर डिग्री के साथ उसी विश्वविद्यालय, किसी दूसरे विश्वविद्यालय या अन्य शिक्षण संस्थान से रेगुलर, ओपेन या डिस्टेंस मोड में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा या पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा की अनुमति दी जा सकती है।

 

यूजीसी के अधिकारी ने कहा, ‘फुरकान समिति की रिपोर्ट पर आयोग ने वैधानिक परिषद से सुझाव मांगे थे, लेकिन जो सुझाव मिले वे उस विचार के पक्ष में नहीं थे कि छात्रों को एक साथ अलग-अलग डिग्री प्रोग्राम की अनुमति दी जाए। इसके बाद समिति की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।’

स्टूडेंट्स की आकांक्षा हुई पूरी – एक से अधिक कोर्स

अधिकारी ने कहा, ‘लेकिन अब उस विचार पर फिर से मंथन शुरू हो रहा है, क्योंकि टेक्नॉलाजी से काफी बदलाव आ चुका है। अब ऐसे छात्रों की संख्या बहुत है जो यह चाहते हैं कि एक रेगुलर डिग्री के साथ-साथ वह कोई दूसरा विशेष कोर्स भी कर सकें।’

Sach ki Dastak

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