बुरा करने वालों पर ज्यादा ध्यान देना
बुरे को निमंत्रण देने जैसा है। 
बुरे समय, बुरे लोगों के विषय में
सोचना बंद करके
भले लोगों को अपना कार्य ईमानदारी से
करते रहना चाहिए ।

- ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
  न्यूज ऐडीटर सच की दस्तक 

Sach ki Dastak

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