नेताजी श्री सुभाष चंद्र बोस जी की 125वीं जयंती पर श्री चंद्रा कुमार बोस जी ने रैली का निर्देशन किया

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कोलकाता ।

आज कोलकाता में नेताजी श्री सुभाष चंद्र बोस जी की 125वीं जयंती पर श्री चंद्रा कुमार बोस जी के निर्देशन में श्री सोम्या शंकर बोस जी महान जनसमूह के साथ नेताजी के सम्मान में IHRO पश्चिम बंगाल चैप्टर द्वारा एक रैली और प्रैस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया जिसे वहां की जनता का भरपूर सहयोग व समर्थन प्राप्त हुआ। 

महान देेशभक्त श्री चंद्रा कुमार बोस जी


आजादी के महानायक भारत की आत्मा महान देशभक्त नेताजी श्री सुभाष चंद्र बोस जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते नेताजी के महान पोत्र श्री चंद्रा कुमार बोस जी 

आज 21 जनवरी को कोलकाता में रैैली व सम्मान का दृृश्य

कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती के उपलक्ष्य में आज IHRO, पश्चिम बंगाल द्वारा एक बड़ी रैली निकाली गई। रैली दोपहर करीब 12.30 बजे जतिन दास पार्क से शुरू हुई और धीरे-धीरे नेताजी के पैतृक घर नेताजी भवन पहुंच गई, जिसे अब नेताजी संग्रहालय में बदल दिया गया है।

रैली का नेतृत्व एक अच्छी तरह से सजी हुई कार से किया गया था, जिसके शीर्ष पर नेताजी की एक सुंदर हाथ की पेंटिंग लगी हुई थी और रैली में चारों ओर देशभक्ति के गीत बैंड के साथ बज रहे थे जो कि आज़ाद हिंद फौज और अन्य के थे। इस रैली में यातायात और अन्य पुलिस बल भी मौजूद रहा। पूरी प्रस्तुति एक ऐसा विहंगम दृश्य था जो देखने वालों को सड़क के किनारे से रोम – रोम में देशभक्ति की भावना जगा रहा था और यहां तक कि जो देखता वह इस में शामिल होकर नेताजी जिंदाबाद के नारे लगा को प्रेरित कर रहा था।

नेताजी की पेंटिंग फूल-मालाओं से सजी कार के आगें, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के साथ कुछ प्रतिष्ठित व्यक्तित्व चल रहे थे जो IHRO, पश्चिम बंगाल का बैनर पकड़े हुए थे । इनमें श्री चंद्रा कुमार बोस, प्रो. प्रसाद रंजन दास, श्री सुमेरु रॉय चौधरी, सुश्री मौबनी सोरकर, सुश्री माही ज़ुबैर, जो नेताजी के सपनों और विचारों को दूर तक पहुंचाने के लिए पूरे रास्ते जनवरी की इस ठंड में पैदल चल रहे थे। आईएचआरओ द्वारा कुछ महत्वपूर्ण मांगें रखी गयीं थीं, जिनमें नेताजी के जन्मदिन के लिए उनकी मांगों पर स्पष्ट संदेश को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में घोषित किया जाये और भारत सरकार नेताजी से जुड़ी सभी फाइलों को सार्वजनिक करें ।

हालांकि उन्होंने सरकार के इस दिशा में उठाये कदम का स्वागत किया। सभी जानते हैं कि सरकार ने 23 जनवरी, नेताजी के जन्मदिवस को ‘पराक्रम दिवस’ घोषित करने का निर्णय लिया है लेकिन यह महसूस किया जा रहा है कि सरकार उस दिन को ‘देशभक्त दिवस’ घोषित कर दें।इसके उपरांत श्री चंद्रा बोस ने नेताजी की बेटी श्रीमती अनीता बोस द्वारा लिखे गए एक पत्र का उल्लेख किया, जो डीएनए के परीक्षण के लिए रेंकोजी मंदिर जापान से नेताजी के अवशेषों को प्राप्त करने के लिए माननीय पीएम को दिया गया।

चंद्रा कुमार बोस जी का मानना है कि जापान को सच पता है। हालांकि, सभी के माध्यम से, जुलूस क्रम में बना रहा और अच्छी तरह से अपने स्वर और प्रस्तुतीकरण में आयोजित किया गया, जिसने नेताजी के बारे में भारत के लोगों की भावना को जबरदस्त तरीके से प्रतिध्वनित किया। इसका समापन नेताजी की प्रतिमा पर माला चढ़ाने के साथ हुआ, जो नेताजी भवन के सामने शान से ऊंची खड़ी हुई है ।

IHRO पश्चिम बंगाल के सभी प्रतिभागियों ने नेताजी के चरणों में गुलाब की पंखुड़ियों की पेशकश के माध्यम से सम्मान समर्पित किया । यहां तक कि दर्शकों ने भी आगे आकर अपने प्रिय नेताजी को पुष्पाांजलि दी। आज भी नेताजी के प्रशंसक हम सब यही मानते हैं कि हमारे नेतााजी आज भी जिंदा हैैैं । क्योंकि आजाद हिंद फौज का हर फौजी सौ साल के ऊपर तक जिये हैं। इस रैली में IHRO के वर्ल्ड चेयरमैन महान समाजसेवी डॉ नेम सिंह प्रेमी प्रेरणा के स्रोत थे, जिन्होंने पूरी तरह से मार्गदर्शन किया और सबका उत्साहवर्धन किया । IHRO पश्चिम बंगाल के महासचिव सौम्या शंकर बोस, संयुक्त सचिव सुश्री तियाशा विश्वास, दक्षिण कोलकाता चैप्टर के अध्यक्ष श्री देबाशीष गांगुली, दक्षिण कोलकाता चैप्टर के महासचिव श्री अरिंदम डे इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित करने के पीछे प्रमुख लोग का सहयोग रहा। अन्य आईएचआरओ के सदस्यों और प्रतिष्ठित मेहमानों ने भी अपनी उपस्थिति और मूल्यवान भागीदारी के साथ कार्यक्रम को समृद्ध किया उद्देश्यपरक बनाया।
अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन (IHRO) भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए समान अधिकारों में विश्वास करता है, जैसा कि महान भारतीय संविधान में निर्धारित है और इस तरह के क्रियाकलापों को समर्थन देने वाली हर ऐसी पहल की सराहना और सहयोग करने का प्रयास करता है और करता रहेगा ।उपरोक्त जानकारी हमें IHRO के महासचिव श्री सौम्या शंकर बोस जी ने प्रदान की। जिसका सच की दस्तक राष्ट्रीय मासिक पत्रिका भाव से स्वागत करती है।

बता दें कि संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक नेताजी की अदम्य भावना और राष्ट्र के लिए उनके नि:स्वार्थ सेवा के सम्मान में उनको याद रखने के लिए भारत सरकार ने हर साल 23 जनवरी पर उनके जन्मदिन को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है. इससे देश के लोगों विशेषकर युवाओं को विपत्ति का सामना करने में नेताजी के जीवन से प्रेरणा मिलेगी और उनमें देशभक्ति और साहस की भावना समाहित होगी. यह भी खबर है कि इस साल पश्चिम बंगाल का विधानसभा चुनाव भी है. इस दरम्यान केंद्र बंगाली अस्मिता के पुरोधा और आजादी के महानायक नेता जी श्री सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती को धूमधाम से मनाने का फैसला किया है. इसके राजनीतिक निहितार्थ भी हैं। इस मौके पर भारत सरकार 125 रुपये मूल्य का सिक्का (Rupee 125 coin) जारी करेगी. यह भी खबर है कि नेताजी की 125वीं जयंती पर जारी होने वाले 125 रुपये के सिक्के के मुख भाग के बीच में अशोक स्तंभ होगा. अशोक स्तंभ के नीचे “सत्यमेव जयते” बाई परिधि पर देवनागरी में “भारत” और दाई परिधी पर अंग्रेजी में “INDIA” अंकित होगा. अशोक स्तम्भ के ठीक नीचे रुपये के प्रतीक चिह्न के साथ अंकों में सिक्के का मूल्य 125 लिखा होगा. सिक्के के पिछले हिस्से में नेताजी का चित्र होगा. इसके ठीक ऊपर हिन्दी में लिखा होगा “नेताजी सुभाष चंद्र बोस का 125 वां जयंती वर्ष”. निचले हिस्से में अंग्रेजी में लिखा होगा “125TH BIRTH ANNIVERSARY YEAR OF NETAJI SUBHAS CHANDRA BOSE”. नीचे जारी करने का साल 2021 अंकित होगा. सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 23 जनवरी को खुद पश्चिम बंगाल जा रहे हैं. इस दौरान वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की 125वीं जयंती के अवसर पर कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होंगे और नेताजी सुभाष मेमोरियल संग्रहालय का उद्घाटन करेंगे जहां पर महान देशभक्त नेताजी के पोत्र श्री चंद्रा कुमार बोस जी के भी पहुंचने की पूरी संभावना है जो वहां अपने मनोभाव रखेगें।

Sach ki Dastak

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