चाँद –


बडा सुहाना लगता चाँद।
सारी रातें ये जगता चाँद।
तारों को है खेल खिलाये,
आसमान में भगता चाँद।।
ःःःःःःःःःःःःःःः
चाँद शीतल किरणें देता ।
बदले में कुछ भी न लेता।
कभी घटे तो कभी बढ़े ये,
तारें अक्सर कहते नेता।।
ःःःःःःःःःःःःःःःः
बच्चे कहते चाँद दिला दो।
मुझको मेरा यार मिला दो।
मम्मी लाख बार समझाती,
पापा कहते सेव खिला दो।।
।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
चाँद तेरे अच्छे दिन आते।
तुझे देखके गले मिल जाते।
चेहरे पे रौनकता आ जाती,
दादी जब कहानी सुझाती।
ःःःःःःःःनवीन कुमार भट्ट जिला उमरिया मप्र