भारत और रूस के बीच इन समझौतों पर लगी मुहर –


भारतीय बाजार को देख अमेरिका ने भारत रूस के साथ एस 400 मिसाइल डील पर दी सधी हुई प्रतिक्रिया-
भारत और रूस के बीच रक्षा संबंधों के तहत एस 400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद को लेकर अमेरिका भारत से संबंध बिगड़ने नहीं चाहता। इसको लेकर उसने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। उसने कहा है कि रूस के चलते अपने सहयोगियों या भागीदारों की सैन्य क्षमताओं को नुकसान पहुंचाना नहीं चाहता लेकिन यह भी नहीं चाहता कि कोई भी उसका सहयोगी लीक से हटकर काम करें।
अमेरिका ने कहा कि रूस पर प्रतिबंध उसके घातक व्यवहार के लिए लगाया गया था। उसने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी छूट सौदा दर सौदा आधार पर होगी। रूस विरोधी प्रतिबंधों का एस-400 करार होने के बाद भारत पर प्रभाव के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रतिबंधों के जरिए अमेरिकी प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले के लिए बने कानून (सीएएटीएसए) धारा 231 में छूट के बारे में विषय दर विषय आधार पर विचार किया जाएगा।
अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि सीएएटीएसएस घातक व्यवहार एक्ट को लेकर रूस के खिलाफ है। इसमें रूस के रक्षा क्षेत्र के धन के प्रवाह को रोकना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि सीएएटीएसए का मकसद अपने सहयोगियों की सैन्य क्षमता को नुकसान पहुंचाना नहीं है।
उन्होंने हालांकि कहा कि छूट अधिकार पूर्ण छूट के लिए नहीं है। यह लेनदेन केंद्रित है। किसी छूट पर विचार करने के लिए एक सख्त प्रक्रिया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सालाना शिखर बैठक के लिए भारत यात्रा के दौरान शुक्रवार को यह करार किया गया।
अमेरिका शुरुआत से ही भारत और रूस के बीच इस डील को रोकने की हर संभव कोशिश करता रहा है। अमेरिका ने रूस और अन्य प्रतिद्वंदियों को निशाना बनाने के लिए एक कानून पारित किया है जिसका नाम है – काउंटरिंग अमेरिकाज एडवरसरीज थ्रू सेग्संंस एक्ट (सीएएटीएसएएस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की खरीद एवं मानव संसाधन से लेकर प्राकृतिक संसाधन का विकास होगा साथ ही सौर ऊर्जा और नाभिकीय ऊर्जा का शान्तिपूर्ण उपयोग व्यापार से लेकर निवेश तक सहयोग हो पायेगा।इस समझौते के तहत रेलवे का विकास ,इसरो और रूसी संघीय अंतरिक्ष अभिकरण के बीच काम होंगे