सीबीआई के किचकिच में चीफ जस्टिस ने पिलायी डॉट


सच की दस्तक डेस्क
सीबीआई के दो शीर्ष अफसरों के बीच विवाद के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। केंद्रीय सतर्कता आयोग ने सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा के खिलाफ हुई शुरुआती जांच की रिपोर्ट तीन सीलबंद लिफाफों में कोर्ट को सौंपी। अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने जांच रिपोर्ट समय पर दायर नहीं करने के लिए फटकार भी लगाई।
यह मामला सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और जांच एजेंसी के नंबर-2 अफसर राकेश अस्थाना के बीच विवाद से जुड़ा है। दोनों ने एकदूसरे पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए हैं। इस विवाद के बाद केंद्र ने दोनों अफसरों को जांच लंबित रहने तक छुट्टी पर भेज दिया था। सीबीआई चीफ ने केंद्र के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि सीवीसी इस मामले की जांच करे और रिपोर्ट सौंपे।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस एसके कौल की बेंच ने सुनवाई की। इस दौरान सीवीसी की ओर से रिपोर्ट सौंपी गई। सीबीआई के अंतरिम चीफ एम नागेश्वर राव ने भी अपनी अलग रिपोर्ट सौंपी, जिसमें उनकी तरफ से 23 से 26 अक्टूबर के बीच लिए गए फैसलों का ब्योरा है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बेंच को बताया कि सीवीसी की जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एके पटनायक ने की थी। जांच 10 नवंबर को पूरी कर ली गई थी
चीफ जस्टिस ने पिलायी डॉट
चीफ जस्टिस गोगोई ने कहा कि कोर्ट की रजिस्ट्री रविवार को भी खुली थी। इसके बाद भी सीवीसी की रिपोर्ट दायर करने के बारे में रजिस्ट्रार को कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने माफी मांगते हुए कहा कि रिपोर्ट सौंपने में हमसे देरी हुई है