69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा रद्द करवाने के बाद CBI जांच करवाने के लिए हाईकोर्ट इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दाखिल-बंटी पाण्डेय

69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा रद्द करवाने के बाद CBI जांच करवाने के लिए हाईकोर्ट इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दाखिल

लखनऊ:-योगी सरकार की दूसरी सबसे बड़ी सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 69000 शिक्षक भर्ती से जुड़ा विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है।करीब डेढ़ साल से कानून के फेर में फंसी यह भर्ती परीक्षा अब सरकार के गले की फांस बन गई है।ताजा मामले में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा को रद्द करने और मामले की जांच सीबीआई (CBI) से करवाने के लिए एक याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में दाखिल की गई है।हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुनवाई के लिए अगली तारीख पर यूपी सरकार की तरफ से महाधिवक्ता बहस करेंगे।बंटी पाण्डेय ने बताया कि यूपी के प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक परीक्षा शुरुआत से ही विवादों में घिरी है।विज्ञापन से लेकर लिखित परीक्षा तक यह भर्ती विवादों में है।पहले लिखित परीक्षा के दौरान पेपर लीक, फिर कट ऑफ मार्क्स और गलत प्रश्‍नों को लेकर मामला हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।अब एक बार फिर परीक्षा निरस्त करने के लिए याचिका दाखिल की गई है। अधिवक्ता नूतन ठाकुर जी की अगुवाई में अजय कुमार ओझा तथा उदयभान चौधरी की ओर से इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में यह याचिका दाखिल की गई है जिसकी याचिका संख्या 9853/2020 है।सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में प्रदेश सरकार तथा परीक्षा नियामक प्राधिकरण की ओर से प्रदेश के महाधिवक्ता स्वयं बहस करेंगे जो अभी तक जितनी भी सुनवाई हुई उसमे उपलब्ध नहीं थे।इसलिए जब इस मामले की सुनवाई होगी महाधिवक्ता स्वयं बहस करेंगे। याचियों की ओर से पेश अधिवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने आपत्ति जाहिर की कि इस मामले में सरकार अनुचित तेजी दिखा रही है और इतने दिनों में प्रक्रिया पूरी करने का प्रयास करेगी।सरकारी अधिवक्ता ने मौखिक रूप से कहा कि इतने जल्दी कुछ नहीं होगा। जब तक सुनवाई नही हो जाती अग्रिम कोई कार्यवाही नही होगी।
याचिका में ये मांग की गई है कि इस भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है अतः इस परीक्षा को रद्द करके दुबारा नए सिरे से नया नोटिफिकेशन जारी करके सबको शामिल करते हुए दुबारा पेपर करवाया जाना चाहिए।
याचिका में कहा गया है कि 6 जनवरी 2019 को इस परीक्षा के बाद पेपर लीक के संबंध में एसटीएफ तथा केंद्र अधीक्षकों द्वारा प्रदेश के कई स्थानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं, जिससे व्यापक स्तर पर पर्चा लीक होने की बात साबित होती है।आज भी एसटीएफ इस केस में विवेचना कर रहा है।लिहाजा याचिका में परीक्षा को निरस्त करने तथा एसटीएफ पर सरकार के दवाब में काम करने के आधार पर सीबीआई जांच कराये जाने की मांग की गयी है।यह मामला न्यायालय में अभी लम्बवत है इसकी सुनवाई जल्द होने की उम्मीद है। वही दूसरी तरफ छात्रों में खुशी का माहौल बना हुआ है कि 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा रद्द होकर पेपर दुबारा होगा। हालांकि न्यायालय में सुनवाई एवम फैसला अभी आना बाकी है।

Sach ki Dastak

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Mala
2 years ago

Kuch chand logo ki vajeh se poori bharti raddha kyo. Or jinhone mehnat se qualify kiya uska kya. Mairi ye tisri vacancy hai. Har bar maira selection hote hote reh jata hai. Mai pichle 10 sal se struggle kar rahi hu. Ab mairi ek beti hai. Poori family ki responsibility hai. Ab padhayi karna bahut muskil hota hai. Jo galt hain unko nikalo. Poori vacancy ko kyo target banaya hua hai. Mehnt karo aage bahut vacancy aane vali hain.

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