राजकीय महिला चिकित्सालय पर एक भी दिन बाधित नहीं रहा टीकाकरण


सच की दस्तक डेस्क चन्दौली
जनपद के पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महिला चिकित्सालय में शासन के निर्देशानुसार 23 मार्च से लगाए लॉकडाउन के दौरान भी टीकाकरण एक भी दिन बाधित नहीं रहा। साप्ताहिक टीकाकरण सत्र के दौरान गर्भवती और बच्चों को टीकाकरण किया गया। इस दौरान कोरोना से बचाव एवं रोकथाम के लिए मास्क, सोशल डिस्टैंसिंग का विशेष ख्याल रखा गया। यह जानकारी चिकित्सालय के प्रभारी चिकित्साधीक्षक डॉ आकिफ अहमद ने दी।
डॉ आकिफ अहमद ने बताया कि शासन के आदेशानुसार विगत 5 जुलाई से 15 जुलाई तक कोविड सर्वे अभियान की वजह से नियमित टीकाकरण सत्र की सेवाए बंद कर दी गयी थी लेकिन अब उन सेवाओं को फिर से शुरू किया जा चुका है। वहीं सरकार के आदेशानुसार शनिवार व रविवार को पूर्ण बंदी के कारण स्वास्थ्य सेवाओं को स्थगित किया गया है जिससे अब टीकाकरण सोमवार से शुक्रवार शुरू की गयी है।
डॉ आकिफ अहमद ने बताया कि गर्भवतियों व बच्चों को टीका लगाने के लिये एएनएम कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर जागरूकता अभियान के अंतर्गत सप्ताहिक टीकाकरण सत्र के आयोजन की जानकारी दी गई जिसमें गर्भवती महिलाओं, बच्चों को सुविधायें दी जाती हैं। लॉकडाउन से लोगो में कोरोना संक्रमण का डर हो गया है लेकिन जागरूकता अभियान में लाभार्थियों को टीकाकरण से होने वाले फायदे की जानकारी भी दी गई जैसे टीका लगाने से बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। उन्होने बताया कि वर्तमान में कोविड-19 के तहत मास्क और दो गज की दूरी का पालन करते हुए लाभार्थी टीकाकरण सत्र मे शामिल हो रहे है। अप्रैल 2020 में 48 बच्चों को जीरो डोज का टीका लगाया गया, मई में 130, जून में 84 और जुलाई में अभी तक 39 बच्चों को लगाया जा चुका है। इस दौरान बच्चों को बीसीजी, पैंटा वैक्सीन 1-2-3, पोलियो ड्रॉप, रोटा वायरस वैक्सीन, आईपीवी का टीका, डीपीटी बूस्टर-1 टीका, मीजल्स-रूबेला आदि टीके लगाए गए। बच्चों को विटामिन ए सिरप भी पिलाया जा रहा है। जबकि गर्भवती को लगने वाले टिटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका मई 2020 में 191 महिलाओं, जून में 423, और जुलाई अभी तक 17 महिलाओं को टीडी का टीका लगाया जा चुका है। साथ ही सबकी प्रसव पूर्व सभी जाँचे की जा रही है और उनको आयरन व कैल्शियम की गोली भी दी जा रही है।
जच्चा-बच्चा की स्वास्थ्य देखभाल है जरूरी
एएनएम गीता देवी ने बताया कि प्रसव से पहले और प्रसव के बाद भी जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य देखभाल की ज़िम्मेदारी एएनएम-आशा पर ही होती है। गर्भवतियों और बच्चों के टीकाकरण की सुविधायें लगातार जारी हैं। अनलॉक के बाद महिला चिकित्सालय में टीकाकरण के लिए संख्या बढ़ी है। इसके अलावा उन्होने बताया कि घर-घर सर्वे के दौरान टीके लगाने से बच्चों को होने वाले फायदे की जानकारी और समय-समय पर उचित सलाह देती रहती हैं। बच्चों को टीका लगाने के बाद होने वाली तकलीफ के बारे में भी पहले से ही माताओं और परिजनों को आगाह कर देती हैं जिससे उन्हें बाद में किसी भी प्रकार की समस्या न हो और अगर टीका लगाने के बाद बच्चों को बुखार, सूजन व टीके लगे स्थान की त्वचा पर लालपन हो जाए तो घबराने की जरूरत नहीं है टीका लगाने के बाद यह सामान्य बात है। लेकिन बच्चा यदि लगातार रो रहा हो तो तुरंत उसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं और डॉक्टर की सलाहनुसार ही उसका उपचार करें। वहीं जो बच्चा पहले से बीमार है तो उन बच्चों का टीका किया जाता है।
लाभार्थि अमृता सिंह ने कहा कि कोरोना के दौरान अस्पताल में उचित व्यवस्था है। सभी ने दूरी बनाकर रखी और टीकाकरण में कोई दिक्कत नहीं हुई। चिकित्सालय पर आयरन और कैल्शियम की गोलियाँ निःशुल्क दी गई। उन्होने बताया कि आशा, एएनएम घर आती हैं और बेहतर स्वास्थ्य परामर्श भी देती हैं। लाभार्थी अंजू ने बताया कि टीकाकरण के दौरान सभी महिलाओं ने उचित दूरी बनाई रखी। अस्पताल में मिलने वाली सभी सुविधाएं बहुत अच्छी हैं। साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान दिया जाता है जिसके वजह से वायरस का खतरा भी नहीं लगा। बताया गया कि चिकित्सालय से घर जाएं तो कपड़े, हाथ पैर को साबुन से अच्छे से धोएँ। खानपान की वस्तुओं को अच्छे से धोकर ही इस्तेमाल करे। साबुन से बार-बार 20 सेकेंड तक हाथ धोने की सलाह दी गई।