बूटी मोड़ दुष्‍कर्म कांड: साइको किलर राहुल ने दर्जनों लड़कियों से की दरिंदगी, पटना से रांची तक खौफ

0

रांची के सदर थाना क्षेत्र स्थित बूटी बस्ती में बीटेक की छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाला दरिंदा राहुल कुमार उर्फ राहुल राज उर्फ आर्यन उर्फ रॉकी राज उर्फ राज श्रीवास्तव उर्फ अमित उर्फ अंकित आदतन अपराधी था। चोरी उसका मुख्य काम था और इस दरम्यान कोई बच्ची या लड़की मिल जाए तो उससे दुष्कर्म करने से भी नहीं चूकता था। वह बीटेक छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना के दो साल बाद मई 2018 में रांची आया और कोकर में किराए पर मकान लेकर चोरी करने लगा।

अगस्त, 2018 में चोरी के क्रम में ही एक घर में उसे नौ साल की बच्ची अकेले दिखी तो उसे निर्वस्त्र कर दिया। बच्ची हल्ला करने लगी तो बगल के कमरे में सो रही उसकी मां वहां पहुंच गई। उसने जब देखा तो दङ्क्षरदे राहुल ने बच्ची की गला पकड़कर उठा लिया और हत्या की कोशिश की।

बच्ची की मां गिड़गिड़ाने लगी तो उसने बच्ची को छोड़ा और चोरी का सामान लेकर फरार हो गया। दूसरे दिन सदर थाने में सिर्फ चोरी की प्राथमिकी दर्ज की गई थी और बाकी प्रकरण का प्राथमिकी में जिक्र तक नहीं किया गया। आज भी बच्ची की मानसिक हालत ऐसी है कि रात में अचानक चिल्लाकर उठ बैठती है।

सदर थाना क्षेत्र के बूटी बस्ती में बीटेक छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना 15 दिसंबर 2016 की रात की है। इस मामले में 16 दिसंबर को सदर थाने में अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी। झारखंड पुलिस ने फोरेंसिक साक्ष्य संकलित किए, कॉल डंप निकाला, लेकिन हत्यारे का सुराग नहीं ढूढ़ सकी।

सीबीआइ की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 28 मार्च 2018 को केस को टेकओवर करते हुए प्राथमिकी दर्ज की। सीबीआइ ने झारखंड पुलिस के जुटाए गए साक्ष्य से ही अपराधी का पता लगा लिया। सिर्फ अपराधी को ही नहीं पकड़ा, बल्कि उसे फांसी की सजा दिलाने के लिए पर्याप्त सबूत भी कोर्ट में प्रस्तुत कर दिया और राहुल को फांसी की सजा दिला दी।

दरिंदे राहुल ने सीबीआइ को बताई घटना की पूरी कहानी

  1. राहुल बिहार के नालंदा जिले के एकंगरसराय थाना क्षेत्र के धुरगांव का रहने वाला है। उसके पिता उमेश प्रसाद पेशे से ऑटो चालक और मां निर्मला देवी गृहिणी हैं। पटना में महिला से दुष्कर्म के एक मामले में वह बेउर जेल में 29 जून 2013 से 3 सितंबर 2016 तक बंद था। चाचा की मौत के बाद वह श्राद्धकर्म में शामिल होने के लिए पैरोल पर 4 सितंबर 2016 को अपने गांव गया था। पुलिस भी उसके साथ थी। श्राद्धकर्म के बाद उसने सिपाहियों को शराब पिलाया और अनुष्ठान का बहाना बनाकर भाग निकला था।
  2. इसके बाद वह रांची आया और बूटी बस्ती में पितांबरा पैलेस के सामने गली स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में खाली पड़े एक कमरे में कमेटी से आग्रह कर रहने लगा। उसे कमेटी के बंटी नामक युवक ने तरस खाकर रहने दिया था। यहां रहकर वह कमरा खोजने लगा। वह बीटेक छात्रा के घर भी गया था, लेकिन वहां किराए पर कमरा नहीं मिला। उसका मुख्य पेशा चोरी था। उसे घूमते-घूमते पता चल गया कि बीटेक छात्रा के घर में सिर्फ लड़की रहती है। वह छात्रा का आते-जाते पीछा भी करता था।
  3. 15 दिसंबर को छात्रा जब कॉलेज से बूटी बस्ती स्थित आवास जाने लगी तो वह पीछे-पीछे उसके घर तक गया था। छात्रा अपने घर के पास एक दुकान से मैगी खरीदी और वापस चली गई। इस दौरान वह आश्वस्त हो गया कि घर में छात्रा अकेली है। 15 दिसंबर 2016 की रात करीब साढ़े तीन से चार बजे के बीच वह छात्रा के घर के परिसर में पहुंचा। उसके पास मास्टर चाबी रहती थी, जिससे वह कोई भी ताला खोल सकता था। उसने छात्रा के ग्रिल का ताला खोल लिया।
  4. छात्रा जिस कमरे में सो रही थी, उसमें सिटकनी नहीं लगी थी, इसलिए वह कमरे में आसानी से पहुंच गया और सीधे छात्रा के बिछावन पर पहुंचकर गला दबा दिया। जब तक छात्रा विरोध करती, उसके साथ दुष्कर्म करने लगा और दङ्क्षरदगी की हद पार कर दी। इस दरम्यान छात्रा के प्राइवेट पार्ट से भारी रक्तस्राव हुआ, जिससे वह अचेत हो गई। दुष्कर्म के बाद उसने तार से गला घोट दिया ताकि वह जिंदा न बचे। साक्ष्य मिटाने के लिए छात्रा के मरने के बाद उसने उसे निर्वस्त्र कर दिया और उसके कपड़े को एक जगह रखकर पास में मशीन में डालने के लिए रखे मोबिल छिड़ककर आग लगा दी तथा भाग निकला।

पटना की घटना के बाद ही उसने साक्ष्य जलाने का किया था प्रयास

राहुल ने सीबीआइ को बताया कि पटना में 11 साल की बच्ची से दुष्कर्म मामले में वह पकड़ा गया था। तब उसे पता चला कि बच्ची के अंडरगारमेंट में उसके सीमेन (वीर्य) मिले थे, जिससे वह दोषी पाया गया। इस घटना से ही सीख लेते हुए उसने बीटेक छात्रा से दुष्कर्म के पहले उसके अंडरगारमेंट को निकालकर फेंक दिया था और दुष्कर्म के बाद बाकी कपड़ों को भी जला दिया था।

घटना के बाद मौके पर पहुंचा था राहुल

राहुल ने बताया कि घटना के बाद भी दूसरे दिन मौके पर अपने दोस्त बंटी के साथ पुलिस की मौजूदगी में घटनास्थल पर पहुंचा था। तब बंटी ने अज्ञात दङ्क्षरदे के लिए गाली का संबोधन किया तो राहुल ने बंटी को यह कहा भी कि तुम्हे इससे क्या लेना देना, हत्यारे को गाली क्यों दे रहे हो और यह कहकर उसने बंटी को चुप करा दिया था। घटना के बाद भी वह बंटी से पुलिस की गतिविधि पूछता था। दो साल बाद 2018 भी वह रांची आया और चोरी करने लगा था।

ऐसे हत्यारे तक पहुंची सीबीआइ

  1. सीबीआइ ने केस को टेकओवर करने के बाद झारखंड पुलिस के दस्तावेज व साक्ष्य का पूरा अध्ययन किया। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों से पूरी रिपोर्ट पर चर्चा की। डॉक्टरों ने बताया कि वहशी ने गंभीर तरीके से दुष्कर्म किया, जिससे छात्रा के प्राइवेट पार्ट क्षतिग्रस्त हो गए थे। पोस्टमार्टम में छात्रा के नाखून व वेजाइनल स्वैब राज्य विधि-विज्ञान प्रयोगशाला (एसएफएसएल) में भेजे गए थे। सीबीआइ ने एसएफएसएल की रिपोर्ट में पाया कि नाखून व वेजाइनल स्वैब में केवल एक ही पुरुष के होने के सबूत मिले।
  2. अब सीबीआइ आश्वस्त हो गई कि केवल एक ही व्यक्ति ने इस घटना को अंजाम दिया है। सीबीआइ मुख्यालय के आदेश पर कुछ अधिकारियों ने बूटी बस्ती में किराए पर मकान लिया और छानबीन करने लगे।  एक बूढ़ी महिला ने सुराग दिया कि एक युवक अक्सर घूमता था, जो मंदिर परिसर के एक कमरे में रहता था। सीबीआइ ने 300 से अधिक लोगों के कॉल डंप के आधार पर मोबाइल नंबर का एनालिसिस किया जिसमें 150 नंबर घटनास्थल के आसपास के थे। उनमें कुछ मृतका के संबंधी और दोस्त थे।
  3. सीबीआइ ने 11 लोगों के खून के नमूने लेकर केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला दिल्ली (सीएफएसएल दिल्ली) में जांच कराया। इस बीच सीबीआइ बंटी तक पहुंची और उस युवक के बारे में पता किया कि वह राहुल है तथा नालंदा के एकंगरसराय के धुरगांव का रहने वाला है। सीबीआइ वहां पहुंची तो पता चला कि वह फरार है और पटना में बेउर जेल से पैरोल पर बाहर आने के बाद भाग गया था। इसके बाद सीबीआइ की टीम ने राहुल की मां निर्मला देवी व पिता उमेश प्रसाद को बुलाया।
  4. राहुल राज के माता-पिता के खून के नमूने सीएफएसएल दिल्ली भेजे गए। वहां बीटेक छात्रा के नाखून व वेजाइनल स्वैब से मिले पुरुष के डीएनए से राहुल की मां का डीएनए मैच कर गया, जबकि पिता का मैच नहीं किया। अब यह तय हो गया कि कातिल राहुल ही है। राहुल की तलाश कोलकाता, बनारस सहित कई जगहों पर हुई। इसी बीच राहुल लखनऊ में मोबाइल चोरी के एक केस में पकड़ा गया। सीबीआइ पीछे पड़ी ही थी, लखनऊ पहुंच गई। वहां ट्रांजिट रिमांड पर लेकर रांची आ गई और पूछताछ की तो वह टूट गया तथा पूरी कहानी बयां कर दी।

Sach ki Dastak

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x