*गीतकार शिव मोहन सिंह द्वारा रचित पुस्तक “ज्यों कुहरे में धूप” की चर्चा “फुलवारी” में*
सच की दस्तक डिजिटल न्यूज डेस्क देहरादून "फुलवारी" यानी श्री अनिल रतूड़ी जी IPS, पूर्व डीजीपी , जो कि वरिष्ठ...
सच की दस्तक डिजिटल न्यूज डेस्क देहरादून "फुलवारी" यानी श्री अनिल रतूड़ी जी IPS, पूर्व डीजीपी , जो कि वरिष्ठ...
राष्ट्रीय मासिक पत्रिका सच की दस्तक का अक्टूबर अंक (more…)
ग़ज़ल (हिंदी) सही इंसान चुनने में रिवाजों का दखल होगा । वहीं पर रात बीतेगी जहाँ पर अन्न जल होगा...
आँसू _श्रीमती सुमन मिश्रा, झाँसी आँसू क्या है? दर्श हृदय का, करुणा नीर बहाते आँसू। सुख में आँसू दुख में...
लड़की होना अभिशाप क्यों लड़की होना , क्या यह अभिशाप है ? या कोई मुसीबत ? यदि नहीं, तो क्यों...
सच की दस्तक न्यूज़ डेस्क राजस्थान(देवेन्द्र कुमावत) डॉ तारा प्रकाश जोशी मेमोरियल फाउंडेशन द्वारा आयोजित कल का कवि सम्मेलन केवल...
सच की दस्तक न्यूज डेस्क चन्दौली डीडीयू नगर।आरपीएफ और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार सामाजिक न्याय संगठन के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को...
हरे - भरे जंगलों को काट कर , तुमने , कंक्रीट का...
आइये! भगवान श्री कृष्ण जी की बाल लीला का आनंद लेते हैं। जब वह छोटे प्यारे लालन हुआ करते.. तब...
विडम्बना भी आत्महत्या कर ले ________________ विवाह के लिए लड़की देखने वाले आ रहे... सुनकर लड़की अंदर तक हर्षित एक...
थिरकती बूँदों के सावन हमें पुकारेंगे। महती खुशबू के मधुबन हमें पुकारेंगे। तुम्हारे जिस्म की...
हसरतों का उम्र से क्या वास्ता हसरतें अपनी जगह, ...
नारी सशक्तिकरण भ्रूण हत्या और बालविवाह की, शिकार हुई हैं नारियां। घरेलू हिंसा ताना- बाना सब सहीं हैं नारियां।। बहुत...
कोरोना से तुम हारना ना (धुन-इतनी शक्ति हमें देना) ऐसा संदेश देते है मोदी, covid -19 से तुम हारना ना।...
आप सुनो तो आप सुनो तो तान छेड़ दूँ, मन के गीत सुनाने को। रूह हमारी भटक रही थी, दिल...
याद कर वो दिन मछेरे। याद कर, गये दिन मछेरे, जब नदी थी पास तेरे छान लाये तुम मछलियां, छोड...
जो खेतों से राजपथों तक जो धरती की माटी लेकर माथे , तिलक लगाते हैं। जो खेतों से राजपथो तक...
"ज़िन्दगी मौत से लड़ने लगी..." वैन्टिलेटर बहकने लगे उखड़ी सांसे भी रुकने लगीं ज़िन्दगी मौत से ज़िन्दगी मौत से ज़िन्दगी...
शायद कोरोना अनपढ़ है। पढ़े लिखो की दुनिया मे आकर मचाया जिसने कोहराम है। आस्तिक - नास्तिक का फ़र्क नही...
मैं धार्मिक आदमी हूं मुझे पसंद है मिट्टी की मूर्तियां मंदिर मस्जिद- गिरिजा गुरूद्वारा बनाना स्तुतियां करना धार्मिक परंपराओं को...
दृष्टि का विस्तार करके ध्यान से देखो मुझे तुम सदा पाओगे मुझको, वावरी हूँ मैं तुम्हारी । बिन तुम्हारे मैं...
माना बेटे की चाह रखने वाले लोग ज्यादा हैं पर बेटी के जन्म की खुशी मनाने में कोई बुराई न...
ट्विटर पर हैशटैग #modi_rojgaar_दो 1.33 मिलियन ट्वीट के साथ ट्रेंड कर रहा है। देश में बेरोजगारों ने अब सोशल मीडिया के...
भगवान ने इस ब्रह्मांड में छः ऋतु हैं बनाये बसंत,गर्मी,वर्षा, सर्दी, हेमंत और शिशिर इक आये तो दूजी जाए बसंत...
सुख दुख रहते जिसमें दोनों जीवन है वो गांव गर्मी को नहीं कोई चाहता सब ही ढूंढें छांव सुख...
लोगों की शायद भूख मिटती नहीं है, तब तक मृत्यु दरवाजा खटखटाती नहीं है, जब तक काम, क्रोध, मद,...
पुरूषत्व काशी का वह घाट है जिसे स्पर्श करने के गंगा होना पड़ता है....! किसने कहा लड़के बुरे होते हैं.......