वैन्टिलेटर बहकने लगे
उखड़ी सांसे भी रुकने लगीं
ज़िन्दगी मौत से
ज़िन्दगी मौत से
ज़िन्दगी मौत से लड़ने लगी
लाॅकडाउन हुए
नाइट कर्फ्यू लगे
प्रशासन भी जैसे
नींद से जगे
रैलिया कम हुईं भीड़ छंटने लगी
वैक्सीनेशन की उम्र भी घटने लगी
फिर भी कोरोना की
जिदें बढ़ने लगीं
ज़िन्दगी मौत से
ज़िन्दगी मौत से
ज़िन्दगी मौत से लड़ने लगी
अस्पतालों पर भी
बोझ बढ़ने लगा
कोरोना वारियर्स का दम भी
उखड़ने लगा
बैड्स पर और
कोरिडोर में रोगी पड़े
कुछ तो एम्बुलैंस में
बारी को खड़े
उम्मीद की डोर फिसलने लगी
ज़िन्दगी मौत से
ज़िन्दगी मौत से
ज़िन्दगी मौत से लड़ने लगी
वैक्सीन आई तो ऐसा लगा
कि कोरोना अब छोड़ भगा
फिर बैड्स की हुई कमी
दवाओं की कालाबाज़ारी जमी
अब ऑक्सीज़न ही हुई गायब
राज्यों की खींच तान सबब
स्ट्रेचर पर ही जानें थक कर के
उड़ने लगीं
ज़िन्दगी मौत से
ज़िन्दगी मौत से
ज़िन्दगी मौत से लड़ने लगी
✍️ डा. सुनील शर्मा
गुरूग्राम , हरियाणा