भ्रूण हत्या और बालविवाह की,
शिकार हुई हैं नारियां।
घरेलू हिंसा ताना- बाना
सब सहीं हैं नारियां।।
बहुत सहा अपमान इन्होंने,
सही समाज की गालियाँ।
वैश्यावृत्ति ,दासप्रथा की
शिकार हुई है नारियां।।
जमुना देवी ,किशोरी देवी ,
कमला जैसी नारियां।
कस्तूरबा गांधी, और सरोजनी ,
लक्ष्मी बाई जैसी नारियां।।
देश की आज़ादी की खातिर,
अंग्रेजों से लड़ती रहीं नारियां।
स्वतंत्रता की आकांक्षा में ,
बलिदान हुई हैं नारियां।।
ऐसा कोई क्षेत्र नहीं
जहां नही पहुंची है नारियां।
सदियों पुरानी जंजीरों को
तोड़ रही अब नारियां।।
अपने हक की अब लड़ाई
लड़ रही हैं नारियां।
देश की सीमा या हो अंतरिक्ष,
सब जगह डंका बजातीं नारियां।।
शिक्षित और सक्षम होकर ,
देश की प्रगति कर रहीं नारियां।
आर्थिक और राजनैतिक क्षेत्र में
सशक्त बन, बढ़ रही हैं नारियां।।
नर को पीछे छोड़ दिया अब,
देश का नाम रोशन कर रहीं नारियां।
समाज कल्याण का हिस्सा बनकर,
इज़्ज़त पा रही हैं नारियां।।
मत करो गलतफहमी अब,
सशक्त हुई हैं नारियां।
पहले जैसीं चुप्पी साधे, अबला,
कायर, नही रहीं अब नारियां।।
__डॉ निशा अग्रवाल
जयपुर, राजस्थान
Excellent
नारी सशक्तिकरण के बारे में बहुत ही जबरदस्त बात कही है डॉ निशा जी आपने।आपकी लेखनी को प्रणाम करता हूँ।
देवेन्द्र कुमावत
(RJ देव)
लेखिका की सटीक आभिव्यक्ति
Awesome
बहुत ही सुंदर रचना!!!
इतने अच्छे शब्दों से नारी की महत्ता को बताने के लिए आपका आभार डॉक्टर निशा जी।
नारी हमेशा ही नर से हर क्षेत्र मे अग्रणी रही है।
Bahut hi shandar di