सालासर बालाजी मंदिर का ‘मुख्य द्वार’ तोड़ा गया?

जयपुर, मार्च। राजस्थान के चुरू जिले में स्थित देश का प्रसिद्ध मंदिर सालासर बालाजी है और इस मंदिर से पहले सुजानगढ़-सालासर मेन हाईवे पर ‘राम दरबार‘ ( एक तरह का मुख्य द्वार) था, जिसे स्थानीय प्रशासन ने रात के अंधेरे में ढहा दिया है। यह घटना 15 मार्च की है, लेकिन अब सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसके बाद राज्य की सियासत में घमासान मच गया है। कई हिंदूवादी संगठनों समेत भारतीय जनता पार्टी ने अशोक गहलोत सरकार पर तीखा हमला बोला है।
इस सियासत के बीच राज्य सरकार के मंत्री प्रताप खाचरियावास ने पूरे मामले पर सरकार की ओर से सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि इस घटना को इतना तूल देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जिस जगह से मुख्य द्वार को हटाया गया है, वहां सड़क को चौड़ा करने का काम होना है और इसी वजह से 15 मार्च को उस मुख्य द्वार को तोड़ा गया। मंत्री जी ने आगे कहा कि उस मुख्य द्वार पर जो भगवान राम की मूर्ति थी, उसे पहले वहां से हटाकर कहीं और शिफ्ट किया गया था, उसके बाद द्वार को गिराया गया था।
‘संबंधित अधिकारियों पर करेंगे कार्रवाई’
मंत्री प्रताप खाचरियावास ने आगे कहा है कि इस मामले में अगर किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार इसको लेकर प्रतिबद्ध है कि किसी की धार्मिक भावनाएं आहत ना हों।
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि यह घटना 15 मार्च की है, जब रात के अंधेरे में चुरू प्रशासन ने जेसीबी के मशीनों से सालासर बालाजी के मुख्य द्वार को गिरा दिया। इस मुख्य द्वार पर सबसे उपर भगवान राम, लक्ष्मण और मां सीता की मूर्ति भी लगी थी। सराकर का कहना है कि उस मूर्ति को शिफ्ट कर दिया गया था, लेकिन वायरल वीडियो में दिख रहा है कि जब गेट को गिराय गया तो मूर्ति अपनी जगह पर थी।
आपको बता दें कि सालासर-सुजानगढ़ मार्ग को फोरलेन बनाने के लिए रोड को चौड़ा किया जाना है और इसीलिए स्थानीय प्रशासन ने पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार की मदद से मंगलवार की रात जेसीबी मशीन के जरिए इस द्वार को ढहा दिया। अब सरकार के इस कदम से लोगों में नाराजगी है। कई हिंदूवादी संगठनों ने राम दरबार गिराए जाने का कड़ा विरोध किया है।