पार्थ श्रीवास्तव सुसाइड केस: लखनऊ पुलिस ने दर्ज की FIR, ट्वीट डिलीट करने का होगा खुलासा!

लखनऊ के पार्थ श्रीवास्तव सुसाइड केस Parth srivastava suicide case में शनिवार को एफआईआर (FIR) दर्ज की गई. 22 मई को पार्थ का शव उसके घर में पंखे से लटकता हुआ मिला था. सोशल मीडिया में पार्थ का सुसाइड नोट वायरल हुआ था.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में यूपी सरकार (UP Government) की सोशल मीडिया देखने वाली एक निजी कंपनी के कर्मचारी पार्थ श्रीवास्तव सुसाइड (Suicide) मामले में शनिवार को एफआईआर (FIR) दर्ज की है. इंदिरा नगर थाने के इंस्पेक्टर अजय प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि मृतक पार्थ के पिता की तहरीर पर पुष्पेंद्र सिंह और शैलजा के खिलाफ आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने की धारा आईपीसी 306 में एफआईआर दर्ज की है.
आरोपी पुष्पेंद्र सरकार की सोशल मीडिया देखने वाली कंपनी का कर्मचारी और पार्थ का सीनियर था वहीं शैलजा पार्थ के साथ काम करती थी.
बता दें कि 22 मई को पार्थ का शव उसके घर में पंखे से लटकता हुआ मिला था. पुलिस का शव पोस्टमार्टम करवाया था. इसी बीच सोशल मीडिया में पार्थ का सुसाइड नोट वायरल हो गया था. सुसाइड से कुछ देर पहले पार्थ ने अपना सुसाइड नोट ट्वीट किया था जो बाद में डिलीट कर दिया गया था, अब ट्वीट किसने डिलीट किया इसका भी पुलिस की जांच से खुलासा होगा. पार्थ ने अपनी आत्महत्या का जिम्मेदार अपने सीनियर पुष्पेंद्र को ठहराया है. उन्होंने एक महिला सहकर्मी शैलजा का पक्ष लेने का आरोप पुष्पेंद्र पर लगाया है.
हालांकि, कुछ देर बाद ही यह ट्वीट डिलीट कर दिया गया. पार्थ ने इस ट्वीट में सरकार के एक अधिकारी को टैग भी किया था. यह बात अभी भी रहस्य बनी हुई है कि पार्थ का ट्वीट किसने डिलीट किया?
पार्थ की बहन का आरोप है कि पुलिस ने पार्थ का मोबाइल कब्ज़े में लिया था, लिहाज़ा पुलिस ट्वीट डिलीट कर सकती है.
मामला सरकार की सोशल मीडिया सेल देखने वाली कंपनी के कर्मचारी की आत्महत्या का था, लिहाज़ा सोशल मीडिया पर सरकार को घेरने का काम शुरू हो गया है. मामले में पूर्व आईएएस एसपी सिंह ने इस आत्महत्या पर सरकार के सूचना विभाग के अधिकारियों पर जमकर निशाना साधा .