नियमित दवा का सेवन व पोषण युक्त भोजन अपनाएं , टीबी को हराएं – डॉ. राजेश कुमार

सच की दस्तक न्यूज डेस्क चन्दौली
क्षय रोग से लड़ने की क्षमता सही पोषण यानि उचित खान-पान से मिलती है| सामान्य टीबी में इलाज अमूमन छह महीने तक चलता है | इस दौरान मरीज के पोषण युक्त भोजन के प्रति विशेष ध्यान रखना होता है, ताकि उसके अंदर संक्रमण से लड़ने की क्षमता पैदा हो सके | इसके साथ ही नियमित दवा का सेवन भी बेहद ही महत्वपूर्ण होता है |
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. राजेश कुमार का कहना है कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी यानि तपेदिक (क्षय रोग) से मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है | इसी क्रम में जिले में 23 टीबी चैम्पियन के सहयोग से 1586 टीबी मरीजों की निगरानी, उनका समुचित इलाज व निक्षय पोषण योजना का लाभ पहुंचाया जा रहा है |
ब्लॉक सदर निवासी 44 वर्षीय दिनेश ने बताया कि “हमें खांसी आती थी| 20 से 25 दिन में तबीयत और खराब होने लगी | तब टीबी चैंम्पियन दीपक कुमार को इसकी जानकारी मिली तो वह हमें सीएचसी लेकर गए और बलगम कि जांच करवायी | जनवरी 2022 में टीबी की पुष्टि हुई| उस समय मेरा वजन 27 किलो था | दवा के साथ मेरे खानपान पर भी ध्यान दिया गया | सोयाबीन,अंडा,दूध,दाल-रोटी हरी सब्जी चार से पाँच बार खाने की सलाह और सुविधा दी गई | जून माह में मेरा वजन 31 किलो हो गया | छह माह में ही मैं पूरी तरह स्वस्थ हो गया |”
अब टीबी रोगियों को करते हैं जागरूक-
ग्राम सिरसी ब्लॉक सदर से टीबी चैम्पियन दीपक कुमार ने बताया कि वह काफी समय से बुखार व खांसी से परेशान थे | प्राइवेट डॉक्टरों को दिखाया लेकिन आराम नहीं हुआ | गांव के स्टाफ कर्मी सरकारी चिकित्सालय में बलगम की जांच व एक्स-रे मुफ्त में करवाए | 20 अक्टूबर 2017 से 6 महीने दवा चली | नियमित दवा सेवन और पूरा कोर्स किया | छह महीने में फिर से बलगम जांच करायी तो रिपोर्ट नेगेटिव आयी और पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गया | अप्रैल 2018 के बाद मैं टीबी रोग से ग्रसित व्यक्तियों को जागरूक करने का काम शुरू कर दिया | हमें लगा कि जानकारी के अभाव और समय पर इलाज न करने से बीमारी गंभीर बन सकती है | कुछ लोग बीमारी की जानकारी के अभाव में दवा बीच में छोड़ देते हैं | यही सोचकर समुदाय को टीबी के प्रति जागरूक करने एवं मरीजों को सरकारी चिकित्सालय में मुफ्त मिलने वाली दवाओं के बारे में बताना शुरू किया | इस क्रम में अब तक 40 मरीजों का ट्रीटमेंट कोर्स पूरा कराया | वर्ष 2019 में रीच संस्था द्वारा लखनऊ में प्रशिक्षण दिया गया | प्रशिक्षण में टीबी के बारे में व रोग से बचाव व सावधानियों के बारे में बताया गया |
मास्क जरुर लगायें-
जिला समन्वक पूजा राय ने बताया कि टीबी रोग के संक्रमण से बचने के लिए मास्क का प्रयोग बेहद जरूरी है | खांसते व् छींकते समय प्रोटोकाल का पालन अवश्य करें | उन्होंने कहा कि अधिक दिनों की खांसी, वजन का कम होना, भूख न लगना, रात को सोते समय पसीना आना , शारीरिक क्षमता कम होने आदि लक्षण दिखने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाँच करानी चाहिए| बलगम की जांच में टीबी की पुष्टि होने पर निशुल्क इलाज होता है | इतना ही नहीं रोगी निक्षय पोषण पोर्टल पर आवेदन कर इलाज के दौरान बैंक खाते में 500 रुपये की सहायता राशि प्राप्त कर सकता है | टीबी रोग में पौष्टिक आहार जैसे – दूध ,अंडा,अंकुरित अनाज एवं नियमित दवा लेने से वजन में बढ़ोतरी व टीबी की बीमारी से छह माह में ही छुटकारा मिल जाता है |