न्याय नहीं मिला तो करूंगी आमरण अनशन”, बयान के बावजूद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं

सच की दस्तक डिजिटल न्यूज डेस्क वाराणसी
चन्दौली
सकलडीहा क्षेत्र के विशुनपुरा गांव निवासी रश्मि ने अपने पति और ससुराल पक्ष पर जानलेवा हमला और दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए वाराणसी के लंका थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। बावजूद इसके, घटना के कई सप्ताह बीत जाने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। इससे पीड़िता आहत और नाराज है। उसने न्याय में देरी होने पर आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है।
जानकारी के अनुसार, रश्मि की शादी वाराणसी के जानकी नगर, सामने घाट क्षेत्र निवासी युवक से हुई थी। शादी के बाद से ही उस पर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना शुरू हो गई थी। मामला उस समय और गंभीर हो गया जब 7 जून को रश्मि पर उसके पति, सास और ननद ने मिलकर जानलेवा हमला किया।
रश्मि ने साहस दिखाते हुए लंका थाने में एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें आईपीसी की धाराएं 85, 115(2), 352, 351(2) और दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 की धारा 3 व 4 लगाई गईं। इन धाराओं में गिरफ्तारी अनिवार्य मानी जाती है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
विवेचना अधिकारी शिप्रा सिंह ने पीड़िता से बयान लेने के बाद न्याय का भरोसा दिलाया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। जब इस संबंध में पत्रकारों ने शिप्रा सिंह से जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने थाने पर आकर बात करने को कहा।
वहीं इस सम्बन्ध में जानकारी देते समय रश्मि का दर्द छलक पड़ा। उसका कहना है, “जब बेटी अपनी जान बचाकर थाने पहुंचती है, तब भी उसे इंसाफ पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। सरकार कहती है कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ। लेकिन हकीकत में पुलिस ही हमारी सुनवाई नहीं करती।”
रश्मि ने दो टूक शब्दों में कहा है कि अगर जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तो वह आमरण अनशन पर बैठ जाएगी। उसने स्पष्ट कहा, “अगर मुझे कुछ भी होता है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन और पुलिस की होगी। मैं अब और इंतजार नहीं कर सकती