डेटा यूजर्स कॉन्फ्रेंस ने जनगणना-2021 के लिए रणनीति और प्रश्नावली पर मंथन –

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भारत के महापंजीयक कार्यालय के अधिकारियों ने मंगलवार 09 अप्रैल को डेटा यूजर्स कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत की जनगणना के 140 वर्ष के लम्बे इतिहास में पहली बार मोबाइल ऐप के जरिए डेटा का संग्रह किया जाएगा। कॉन्फ्रेंस में जनगणना-2021 के लिए रणनीति और प्रश्नावली को अंतिम रूप दिया जाएगा।

जनगणनाकर्मियों को अपना मोबाइल उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और इसके लिए उन्हें प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। आंकड़ों का संग्रह दस्तावेज पर भी किया जा सकता है लेकिन इसे इलेक्ट्रॉनिक रूप से ही भेजा जा सकेगा।

केन्द्रीय गृह सचिव राजीव गाबा ने कहा कि जनगणना-2021 विश्व की सबसे बड़ी प्रक्रिया है। आंकड़ों के संग्रह के लिए 33 लाख जनगणनाकर्मी कार्य करेंगे। इसके लिए अधिसूचना जारी हो चुकी है। जम्मू और कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के हिम प्रभावित क्षेत्रों के लिए संदर्भ तिथि 1 अक्टूबर, 2020 है, जबकि शेष भारत के लिए संदर्भ तिथि 1 मार्च, 2021 है।

श्री गाबा ने कहा कि जनगणना में केवल व्यक्तियों की ही गिनती नहीं होती, बल्कि इससे सामाजिक-आर्थिक आंकड़ों का भी संग्रह होता है। इसके आधार पर नीतियों का निर्माण होता है और संसाधनों का आवंटन किया जाता है।

इसके अलावा जनगणना के आंकड़ों के आधार पर चुनाव क्षेत्रों का निर्धारण और एससी व एसटी के लिए सीटों को आरक्षण किया जाता है।

उन्होंने कहा कि आंकड़ों के संग्रह में सावधानी बरती जानी चाहिए और गोपनीयता बनाए रखी जानी चाहिए। उन्होंने सम्मेलन के प्रतिभागियों से कहा कि उन्हें जनगणना के लिए रणनीति व प्रश्नावली बनाने पर विचार-विमर्श करना चाहिए, ताकि जनगणना से अधिकतम लाभ की प्राप्ति हो सके।

भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि जनगणना-2021 का संचालन दो चरणों में किया जाएगा। पहले चरण के अंतर्गत अप्रैल-सितंबर, 2020 के दौरान आवासों की सूची बनाने का कार्य पूरा किया जाएगा।

दूसरे चरण में 9-28 फरवरी, 2021 के दौरान जनगणना का कार्य होगा। 1-5 मार्च, 2021 के बीच पुनर्निरीक्षण का कार्य किया जाएगा। श्री जोशी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में जनगणना का कार्य 11-30 सितंबर, 2020 के दौरान पूरा किया जाएगा। पुनर्निरीक्षण का कार्य 1-5 अक्टूबर, 2020 के दौरान किया जाएगा।

डेटा यूजर्स कॉन्फ्रेंस, जनगणना संगठन तथा विभिन्न हितधारकों के बीच पहला औपाचारिक विचार-विमर्श है। डीओपीटी के सचिव डॉ• सी• चन्द्रमौली तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव शैलेश ने भी कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और अपने अमूल्य सुझाव दिए। ये दोनों अधिकारी पूर्व में भारत के महापंजीयक रह चुके हैं।

कॉन्फ्रेंस में शिक्षाविदों, विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधियों तथा राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों के जनगणना निदेशालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

Sach ki Dastak

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