भारतीय नाविक कमांडर अभिलाष टोमी अब सुरक्षित –
गोल्डन ग्लोब रेस में हिस्सा लेने के दौरान दक्षिणी हिंद महासागर के आसपास बीच रास्ते में तूफान के चलते घायल हुए भारतीय नाविक कमांडर अभिलाष टोमी को सोमवार को बचा लिया गया। कमांडर टोमी के रेस्क्यू की कहानी किसी एडवेंचर या साइंस फिक्शन फिल्म से कम नहीं है। टोमी के रेस्क्यू में एक, दो नहीं बल्कि पूरे चार देश लगे हुए थे। चार दिनों तक टोमी, विशाल समंदर और इसकी खतरनाक लहरों के बीच जिंदगी तलाशने की कोशिश कर रहे थे।
उन्हें चिकित्सा सहायता और निगरानी के लिए नौसैनिक अस्पताल आईएनएचएस कल्याणी में शिफ्ट करा दिया गया है।
वाइस एडमिरल करमवीर सिंह ने उन्हें लाने वाले आईएनएस सतपुड़ा के कैप्टन आलोक आनंद से बात की जिनके पिता का उस समय निधन हो गया था जब वह टोमी के राहत अभियान के लिए जहाज को लेकर निकले थे।
कमांडर टोमी इस रेस में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे और उनकी नौका ‘थूरिया’ दक्षिण हिंद महासागर में 21 सितंबर को एक तूफान की चपेट में आकर नष्ट हो गई थी और कमांडर टोमी पीठ में चोट लगने से रेस से बाहर हो गए थे।
उन्होंने अपने घायल होने की जानकारी खुद ही दी थी और आस्ट्रेलियाई बचाव दल के साथ-साथ भारतीय नौसेना ने भी उन्हें बचाने के लिए ऑपरेशन रक्षम चलाया था और 24 सितंबर को टोमी को बचा लिया गया था। इसके बाद उन्हें एम्सटर्डम के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
कमांडर टोमी ने गोवा विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक की डिग्री ली थी और वह 2000 में सेना में भर्ती हुए थे। वह अकेले ही समुद्री मार्ग से पूरी दुनिया का चक्कर लगा चुके हैं और उन्हें कीर्ति चक्र से भी सम्मानित किया जा चुका है।