बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन पर बनेगी फ़िल्म, लिखी जा रही है कहानी

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जनपद के निवासी पत्रकार व लेखक सुजीत कुमार मिश्रा बहुचर्चित बिहार निवासी पूर्व सांसद सहाबुद्दीन के ऊपर एक फ़िल्म कथा/पटकथा लिख रहे है। लेखक के विचार में शहाबुद्दीन की छवि जो पूरी दुनिया जानती है

उसके अतिरिक्त भी एक छवि इस पूर्व सांसद व विधायक की है जिससे जनमानस को अवगत कराने के उद्देश्य से यह कहानी वो लिख रहे है साथ ही इस कहानी में सहाबुद्दीन के बचपन से लेकर सांसद बनने तक कि कथा को नाट्कीय ढंग से जनता के बीच रखने का प्रयास किया जाएगा।

बन सकती फ़िल्म

लेखक चित्रपट लेखक संघ के सदस्य भी है उनके मुताबिक़ कहानी पूरी होने के बाद ही फ़िल्म निर्माताओं व निर्देशकों से मुलाकात कर फ़िल्म निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी।

लेखक कर सकते है तिहाड़ में शहाबुद्दीन से मुलाक़ात

लेखक सुजीत कुमार मिश्रा सहाबुद्दीन से मुलाक़ात भी कर सकते है क्योंकि बिना सहाबुद्दीन से मुलाकात के कहानी पूरी करने में दिक्कतें आ सकती है।

ग़ौरतलब है कि सहाबुद्दीन हत्या के आरोप में दिल्ली की केंद्रीय तिहाड़ जेल में बंद है इस संदर्भ में तिहाड़ के जेल अधीक्षक से बातचीत भी की गई है जरूरी कानूनी व कागजी कार्यवाही के उपरांत लेखक और जेल में निरुद्ध बंदी पूर्व सांसद से मुलाक़ात का रास्ता साफ हो जाएगा।

कहानी में सब कुछ सच हो यह जरूरी नही-

लेखक ने बातचीत के दौरान यह स्पष्ठ किया कि बेशक़ यह कहानी शहाबुद्दीन पर लिखी जाएगी लेकिन इसमें सारी बाते और सारे क़िरदार व घटनाएं सत्य हो इसकी गारंटी नही दी जा सकती क्योकि लेखक कहानी की रोचकता बनाये रखने व पाठकों व दर्शकों को पसंद आने के लिए इसमें जरूरी अंश जोड़ और हटा सकते है जो लेखक के निजी विचार या कहानी की मांग भी हो सकते है।

कहानी लिखने में कुछ कानूनी पेच व दिक्कते भी रहेगी-

सम्भव है कि शहाबुद्दीन एक बहुत बड़ा चर्चित व विवादित नाम है इसलिए उसने जुड़ी कहानी व फ़िल्म के निर्माण में तमाम दिक्कते आ सकती है। उनको ध्यान में रखते हुए फ़िल्म व कथा के निर्माण में जब जब न्यायिक कोई भी विषयवस्तु आएगी तो उसपर सम्वेदनशीलता दिखाई जाएगी साथ ही सहाबुद्दीन पर चल रहे मामलों की जो स्तिथि है कहानी में उसे दर्शाया जाना है या नही इस पर भी विचार किया जाएगा। 

कहानी का अंत नाटकीय होगा इसकी सम्भावना प्रबल है और उस स्तिथि में पूर्ण रूप से कहानी काल्पनिक स्वरूप ले लेगी इसइस बात से भी इंकार नही किया जा सकता है लेखक को इस कहानी को लिखने में बिहार के तमाम जिलों खासकर सिवान का भृमण भी करना है जिसकी तैयारी जल्द ही पूरी कर ली जाएगी।

कहानी के नाम को लेकर लेखक अभी विचार कर रहे है और तमाम नाम सुझाये भी जा रहे है जिनमे फिलहाल शीर्षक SHAHABUDDIN A HERO OR VILLEN हो सकता है।

चंद लाइनों में लेखक ने दिखाया कहानी का सारा –

हा सायद ज़ुर्म उस का, जहाँ में नामाफ़ी है
किउसका हश्र होना, सज़ा ए मौत फांसी है 
मग़र क्या क्या किया उसने जमाना जान तो जाए
कि हर अपराध का है अंत ये मान तो जाए 
नही पैदा हुआ हाथों मे लेके, बम कोई बारूद
जमाना डर रहा था तो डरना किससे सीखा था
छिपे होंगे हज़ारो राज दफ़न होंगे सिवान मिट्टी में 
था मासूम जो क़ातिल बना होगा नही पल में 
किउसकी हर कहानी की कहानी को बताना है
सिट्टी इसी ज़ानिब हक़ीक़त को कहानी सा बनाना है।

Sach ki Dastak

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