चंधासी कोल मंडी की प्रदूषित हवा से ग्रामीणों में रोष –
चन्दौली जनपद के मुख्य मुद्दा –
प्रदेश व केंद्र सरकार द्वारा वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए तमाम योजनाएं चलाए जाने के बावजूद पंडित दीनदयाल नगर के पास स्थित एशिया की सबसे बड़ी कॉल मंडी चंदासी की धूल रूपी प्रदूषित वायु लोगों के लिए बीमारी का मुख्य कारण बन रही है। इसकी लपेट में कई गांव आ गए हैं ।
जानकारी हो की चंधासी की कोल मंडी एशिया की सबसे बड़ी कोल मंडी मानी जाती है । करोड़ों का कारोबार प्रतिदिन इस बाजार से होता है ।
साथ ही इस कोल मंडी से राज्य सरकार को भी काफी राजस्व प्राप्त होता है। व्यावसायिक दृष्टि से यह काफी महत्वपूर्ण मंडी मानी जाती है। यहां से देश के विभिन्न कारखानों में कोयले की सप्लाई बड़े स्तर पर होती है ।
यहां से व्यापारी रेक लगा कर भी ट्रांसपोर्ट के माध्यम से व्यवसाय करते हैं । करोड़ों का कारोबार व करोड़ों का राजस्व इस मंडी से होने के बावजूद यहां पर जहर की वायु भी मिलती है। इस कोल मंडी में करीब 5000 कोल मजदूर काम करते हैं।
इनकी रोजी रोटी इनका परिवार इसी व्यवसाय पर पूर्ण रूप से आश्रित है। वर्तमान समय में ज्यादातर कोल मजदूर वातावरण में फैल रही है जहर रूपी वायु के संपर्क में आने से रोगों का शिकार बन गए हैं।
जानकारी हो की कोल मंडी में प्रातः काल से ही लगभग हजारों ट्रकों का आना जाना लगा रहता है। यहां पर उड़ने वाली धूल आसपास के गांव के लिए भी नासूर बन गई है ।
कोयले से लदी ट्रक ओं से निकलने वाले धुंए वातावरण को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं।
ट्रकों से निकलने वाले धूम कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड ,सल्फर ट्राई आक्साइड कार्बन डाइऑक्साइड की विशेष मात्रा वह विभिन्न प्रकार की जहरीले वैसे भी निकलती हैं।
जिसके कारण रोगों को पांव पसारने का मौका मिल जाता है। शाम के समय चंधासी कोल मंडी में ट्रकों से निकलने वाले धुओ से एक विशेष प्रकार का बादल छा जाता है।
यह बादल विनाश के बादल हैं। क्योंकि यदि बारिश हो जाए तो अम्लीय वर्षा के रूप में यह स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक सिद्ध हो रहे हैं। हवा के झोंकों के बीच यहां से उड़ने वाली धूल कोल मंडी के आसपास के गांव को भी काफी प्रभावित कर रही है । जिसमें हरिशंकरपुर ,चंधासी गांव, महावतपुर, सतपोखरी, दुल्हीपुर के क्षेत्र इससे बुरी तरह प्रभावित हैं।
यहां तक यहां के गांव में परिवार का कम से कम एक सदस्य निश्चित तौर पर वायु से संबंधित रोग से पीड़ित है ।जिसका मुख्य कारण चंधासी से उड़ने वाली धूल जिसमें विषैली गैसें भी शामिल हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि मुगलसराय वाराणसी को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग चंधासी कोल मंडी से ही जाता है और न जाने कितनी बार केंद्रीय मंत्री राज्य मंत्री व जिले के आला अधिकारी इन रास्तों से गुजरते हैं । चंधासी की धूल को अपनी नंगी आंखों से देखते हैं उसके बावजूद भी इसका कोई विशेष उपाय ढूंढा जाए उस पर विस्तारपूर्वक सहमति नहीं हो पाई ।
जबकि चंधासी कोल मंडी के बने 40 वर्ष से भी ऊपर हो गए। सबसे बड़ी बात जिले के सृजन हुए भी काफी वर्ष हो गए हैं लेकिन जिले में प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड अभी तक नहीं बना है।
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड होने से प्रदूषण नियंत्रण करने की जिम्मेदारी इनकी हो जाती है लेकिन इसका भी सर्वे सर्वा जिलाधिकारी ही होते हैं चंदौली में प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड वर्तमान समय में नहीं है और वाराणसी के माध्यम से ही चंदौली को भी प्रदूषण की स्थिति का आकलन किया जाता है।
प्रभावित ग्रामीणों का दर्द –
इस संबंध में धूल व विषैली गैस से प्रभावित हरिशंकरपुर के निवासी प्रीतम सिंह यादव ने बताया की चंधासी से निकलने वाले धुंए व उसकी धूल दोपहर के समय घरों में आ जाती है। इस धूल के कारण हम लोग वायु से संबंधित रोगों से पीड़ित हैं ।
सांस लेने में तकलीफ होती है ।इसके अलावा दमा व फेफड़े के कैंसर होने का खतरा हमेशा बना रहता है। इसकी शिकायत कई बार की गई लेकिन अभी तक इस पर कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए।
वही चंधासी निवासी अजय राय का कहना है कि चंधासी व्यवसायियों के लिए तो बहुत अच्छी हो सकती है लेकिन निश्चित तौर पर यहां से उड़ने वाली धूल हमारे लिए घातक है ।शाम के समय तो यहां से गुजर ना बहुत मुश्किल होता है। यदि कोई राहगीर यदि इस मंडी से गुजरता है तो निश्चित तौर पर धूल भरी होली से पट जाता है ।ऐसे में इसका कोई उपाय चुना जाना चाहिए
डॉ का इस सम्बंध में विचार –
इस संबंध में डॉ राजेश कुमार शर्मा का कहना है कि चंधासी की धूल में व ट्रकों से निकलने वाली धुओ में विषैली गैस से होती हैं जो सीधे फेफड़ों को प्रभावित करती हैं । फेफड़ों में पाई जाने वाली कुपिकाओ में यह भर जाता है। जिससे प्लुरिशी ऐसी बीमारी हो जाती है ।साथ ही साथ फेफड़ों का कैंसर बढ़ने का खतरा बना रहता है ।इसके अलावा सांसों का फूलना ,सांसो का घुटन, हमेशा बना रहता है।
जिलाधिकारी ने समस्या का जल्द निराकरण करने का दिया अश्वाशन –
इस संबंध में सच की दस्तक रा. पत्रिका सूत्र से इस समस्या पर बातचीत करते हुए जिलाधिकारी नवनीत चहल ने बताया कि निश्चित तौर पर चंधासी से निकलने वाली दुआ व प्रदूषित वायु लोगों के लिए खतरा है ।लेकिन इसका उपाय भी जिला प्रशासन कर रही है ।कौन की टीटू के माध्यम से चंदासी कोल मंडी को धीरे धीरे धूल मुक्त कर लिया जाएगा ।
इसके लिए दो करोड़ का प्रोजेक्ट लाया गया है जो विकास प्राधिकरण के माध्यम से चार भागों के अर्थात चार चरणों में काम किया जाएगा । निश्चित तौर पर आने वाले समय में यहां की धुनों से व निकलने वाले प्रदूषित गैसों से निजात मिल पाएगी।
इसके लिए व्यापारियों से मिलकर कारगर कदम भी जिला प्रशासन उठा रही है। भविष्य में निश्चित तौर पर लोगों को इस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
बहुत अच्छा