भाजपा और MVA के बीच मुकाबला, महाराष्ट्र विधान परिषद की 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में

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मुंबई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सदाभाऊ खोत और राकांपा के शिवाजीराव गजरे ने सोमवार को महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव के लिए अपना नामांकन वापस ले लिया, जिससे 10 सीटों के लिए अब मैदान में 11 उम्मीदवार बचे हैं।

पिछले सप्ताह राज्यसभा चुनाव के बाद अब राज्य में भाजपा और सत्तारूढ़ महा विकास अघाडी (एमवीए) के बीच एक और मुकाबला देखने को मिलना तय है। एक अधिकारी ने बताया कि विधान परिषद की 10 खाली सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिसके लिए 20 जून को मतदान होगा। सोमवार को नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन था।

महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती देवेंद्र फडणवीस सरकार (2014-19) में पूर्व मंत्री, खोत ने विपक्षी भाजपा के समर्थन से एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था। चुनाव में जीत हासिल करने के लिए प्रत्येक उम्मीदवार को 25.81 वोट हासिल करने होते हैं, जहां 288 सदस्यीय विधानसभा के सदस्य निर्वाचक मंडल बनाते हैं। भाजपा ने पांच उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि सत्तारूढ़ एमवीए के एक घटक कांग्रेस ने दो उम्मीदवारों को टिकट दिया है। हालांकि, भाजपा और कांग्रेस के पास अपने क्रमश: पांचवें और दूसरे उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त वोट नहीं हैं। राज्यसभा चुनावों के विपरीत, जिसमें विधायकों को वोट डालने के बाद संबंधित पार्टी के अधिकृत प्रतिनिधि को अपना मतपत्र दिखाना होता था, विधान परिषद के चुनाव गुप्त मतदान के माध्यम से होंगे, जिससे क्रॉसिंग-वोटिंग और निर्दलीय एवं छोटे दलों के सदस्यों के निष्ठा बदलने की आशंका उत्पन्न होगी।

भाजपा ने निवर्तमान एमएलसी प्रसाद लाड और प्रवीण दारेकर को फिर से टिकट दिया है, और राम शिंदे, उमा खापरे और श्रीकांत भारतीय को भी टिकट दिया है। प्रदेश की वरिष्ठ भाजपा नेता पंकजा मुंडे को सूची में जगह नहीं मिली। इस कदम ने मुंडे के समर्थकों को निराश किया। कांग्रेस ने मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप और पूर्व मंत्री चंद्रकांत हंडोरे को मैदान में उतारा है। राकांपा ने विधान परिषद के वर्तमान सभापति रामराजे नाइक निंबालकर और पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे को मैदान में उतारा है। शिवसेना ने आदिवासी बहुल नंदुरबार जिले से पार्टी के पदाधिकारी सचिन अहीर और अमश्य पड़वी को उम्मीदवार बनाया है।

राज्य विधानमंडल के उच्च सदन के लिए चुनाव राज्यसभा चुनाव के कुछ दिनों बाद हो रहा है, जिसमें भाजपा ने अपने तीसरे उम्मीदवार धनंजय महादिक के लिए आश्चर्यजनक जीत सुनिश्चित की, जबकि शिवसेना के उम्मीदवार संजय पवार को हार का सामना करना पड़ा। राज्यसभा चुनाव 10 जून को हुआ था। चुनाव कराना इसलिए जरूरी हो गए हैं क्योंकि परिषद के 10 सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं। फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम उम्मीद कर रहे थे कि परिषद के चुनाव निर्विरोध होंगे, लेकिन इस मोर्चे पर कोई सफलता नहीं मिली। कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार को वापस लेने से इनकार कर दिया। हमें विश्वास है कि हमारे सभी पांच उम्मीदवार जीतेंगे।

Sach ki Dastak

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