खाद्य पदार्थ : मिलावट के मामले में कैंसल होगा लाइसेंस –
योगी सरकार ने घरों में छोटी दुकान चलाने वालों को बड़ी राहत दी है।
सरकार ने पांच गुना गृहकर घटाकर अब डेढ़ गुना कर दिया है। इससे बेरोजगारी की समस्या पर भी अंकुश लगाने में सरकार को सहायता मिलेगी। सोमवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके साथ खाने के मिलावट होने के मामले में सरकार बेहद गंभीर है। अब खाद्य पदार्थ में किसी भी प्रकार के मिलावट के मामले में लाइसेंस निरस्त करने के प्रस्ताव पर योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल ने एक स्वर से मुहर लगा दी है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि कैबिनेट ने नगर निगम (संपत्ति कर) नियमावली, 2000 में संशोधन कर उत्तर प्रदेश नगर निगम (संपत्ति कर) (तृतीय संशोधन) नियमावली, 2019 जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से संपत्ति वर्गीकरण की असमानता को दूर किया गया है। बदले नियम के तहत अधिकतम 120 वर्ग फीट क्षेत्रफल की दुकानों मसलन चाय, अंडा, पान, सब्जी, ब्रेड, दूध, दर्जी, धोबी-लॉन्ड्री, फल, फोटो स्टेट, हेयर ड्रेसर आदि की दुकानों के लिए आवासीय दर से अब डेढ़ गुना ही कर लिया जाएगा। अभी तक यह दर पांच गुना थी। इस फैसले से प्रदेश में लाखों की संख्या में छोटे दुकानदारों को फायदा होगा।
उल्लेखनीय है कि नगर निगम सीमा में स्थित भवन और भूमि पर संपत्ति कर लगाए जाने का प्रावधान है। संपत्ति कर के तहत सामान्य कर (भवन कर), जल कर और जल निस्तारण कर (सीवर कर) आते हैं। यह कर भवन या भूमि के वार्षिक मूल्य के आधार पर लगाए जाते हैं। कर निर्धारण की प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और व्यावहारिक बनाने के लिए नगर निगमों में आवासीय भवनों के संपत्ति कर के लिए स्वनिर्धारण का विकल्प लागू किया गया और उप्र नगर निगम संपत्ति कर नियामवली, 2000 बनाई गई। 2009 में उप्र नगर निगम अधिनियम, 1959 में संशोधन कर अनावासीय भवनों के कर निर्धारण के लिए भी स्वकर निर्धारण का प्रावधान कर उप्र नगर निगम संपत्ति कर द्वितीय संशोधन, 2013 जारी की गई थी। अब इसमें बदलाव किया गया है।
दंड का है प्रावधान –
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतीक चिह्न (लोगो) का अवैध ढंग से प्रयोग करना अब दंडनीय अपराध होगा। कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है। दोष सिद्ध होने पर दो वर्ष की सजा और पांच हजार रुपये जुर्माना का प्रावधान किया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य संप्रतीक (अनुचित प्रयोग प्रतिषेध) विधेयक 2019 को विधान मंडल सत्र में फिर से प्रस्तुत करने के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। राज्य सरकार का लोगो राज्य सरकार की गरिमा का प्रतीक होता है। अभी तक राज्य स्तर पर प्रचलित किसी भी कानून में राज्य सरकार के लोगो के अनधिकृत प्रयोग को दंडनीय अपराध की श्रेणी में नहीं आता है, जबकि केंद्र सरकार ने इसके लिए अधिनियम बनाया है।
केंद्र के अधिनियम के तहत अवैध प्रयोग को दंडनीय अपराध घोषित किया गया है। केंद्र की तर्ज पर ही राज्य सरकार के लोगों के अवैध प्रयोग पर अंकुश लगाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। इसके लिए विधान मंडल के सत्र में नए सिरे से इसका विधेयक लाने की तैयारी की गई है। कैबिनेट ने इसकी स्वीकृति दे दी है। विधान मंडल का सत्र गुरुवार से शुरू हो रहा है। ध्यान रहे कि बहुत से लोग अवैध ढंग से अपने वाहनों और लेटर हेड पर राज्य सरकार का प्रतीक चिह्न लगाते हैं।
डिफेंस कॉरीडोर के लिए अलीगढ़ में कृषि विभाग देगा 45 हेक्टेयर भूमि-
प्रदेश में डिफेंस कॉरीडोर विकसित करने के लिए अलीगढ़ जिले की खैर तहसील के ग्राम अंडला में कृषि विभाग की 45.489 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक विकास विभाग को निश्शुल्क देने के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। इस निर्णय से राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर कोई व्यय नहीं आएगा। इससे रक्षा सामग्री के उत्पादन और अनुसंधान के साथ-साथ जनसामान्य के लिए रोजगार के अवसर भी सुलभ होंगे। डिफेंस कॉरीडोर को विकसित करने का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक इकाइयों की आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए राज्य में सहायक इकाइयों को उनसे जोडऩा, रक्षा क्षेत्र में निर्यात की दिशा में निर्माण और निरंतर प्रौद्योगिकी का विकास करना है।
उत्तर प्रदेश निदेशक से संयुक्त निदेशक पद पर होगी प्रोन्नति –
कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग (राजपत्रित अधिकारी) सेवा (प्रथम संशोधन) नियमावली, 2019 जारी करने की मंजूरी दी है। इसमें पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में उप निदेशक के पद से संयुक्त निदेशक के पद पर पदोन्नति का प्राविधान किया गया है। अभी तक विभाग में उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग (राजपत्रित अधिकारी) सेवा (प्रथम संशोधन) नियमावली, 1998 जारी थी जिसमें पदोन्नति का प्राविधान नहीं था। इस वजह से संयुक्त निदेशक के रिक्त पद को भरा जाना संभव नहीं हो पा रहा था। अब उप निदेशक के पद से संयुक्त निदेशक के पद पर पदोन्नति के लिए चयन प्रक्रिया का प्राविधान किया गया है।
उप्र वेयरहाउसिंग तथा लाजिस्टिक नीति में संशोधन-
कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश वेयरहाउसिंग तथा लाजिस्टिक नीति 2018 में संशोधन किया है। इसके तहत विकास शुल्क में टोकन की दर में 75 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
उप्र लोक सेवा अधिकरण में रिक्त पदों को भरने की मंजूरी-
कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा अधिकरण में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य समेत 13 रिक्त पदों को भरने की मंजूरी दे दी है। शासन ने 14 अगस्त 2017 को जारी शासनादेश के मुताबिक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष और न्यायिक और प्रशासनिक शाखा से आये छह सदस्यों को पद से हटा दिया था। यह पद इस समय रिक्त चल रहे हैं।
आबकारी नीति में बदलाव का प्रस्ताव मंजूर-
लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में आबकारी नीति में बदलाव का प्रस्ताव भी पास किया गया। इसमें पहले डिस्टलरी के पास तीन दिन तक होलसेल का इंडेंट नहीं देते थे तो 0.5 प्रतिशत ब्याज या इससे अधिक समय पर 5000 हजार प्रति दिन जुर्माना लगता था। यदि उसने तय मानक की सप्लाई की है तो अब इसे शिथिल किया जाएगा। अब रेस्टोरेंट 20, 30 लीटर और 50 लीटर के बियर रख सकेंगे। पहले यह प्रवधान केवल 50 लीटर था। पहले गरंटी के लिये केवल बचत पत्र लिया जाता था अब ई पेमेंट और एफडीआर भी लिया जाएगा।
मिलावट के मामले में कैंसल होगा लाइसेंस –
खाद्य पदार्थ के साथ किसी भी प्रकार की मिलावट के मामले में पहले अपराध में 40 हजार, दूसरे में 50 हजार जुर्माना और उसके बाद लाइसेंस कैंसल होता था। अब इस मामले में सीधे लाइसेंस कैंसल होगा। इतना ही नहीं इसमें दोषी की सम्पत्ति जब्त होने के साथ उसके खिलाफ रासुका और गैंगेस्टर की भी कार्रवाई होगी।
सरकार ने इसके साथ ही एमआरपी से अधिक मूल्य की बिक्री करने पर दुकानदार पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। एमआरपी से अधिक कीमत पर उत्पाद बेचने पर पहले 10, 20, 30 हजार के जुर्माने को बढ़ाकर 75 हजार और डेढ़ लाख कर दिया है। इसके बाद लाइसेंस कैंसिल किया जाएगा। अब केंद्र के मानक के अनुसार राज्य सरकार का लोगो तय होगा। इसका अनिधकृत उपयोग अपराध है। यूपी में कानून नहीं था। अब इसका दुरुपयोग दंडनीय अपराध होगा। दो साल तक की सजा और पांच हजार तक जुर्माना किया जाएगा।
इंस्पेक्टर और दारोगा भर्ती प्रमोशन के बदले नियम-
कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश उप निरीक्षक और निरीक्षक (नागरिक पुलिस) सेवा (छठवां संशोधन) नियमावली, 2019 को मंजूरी दी है। इससे उप निरीक्षक (दारोगा) की भर्ती में सहूलियत होगी। इसमें दारोगा भर्ती की लिखित परीक्षा में अभ्यर्थी द्वारा प्रश्नपत्र वार प्राप्त किये जाने वाले अंकों में संशोधन किया गया है।
सुधारा जायेगा : पेयजल तथा सीवरेज सिस्टम
लखनऊ तथा गाजियाबाद नगर निगम अब बांड भी बेच सकेंगे। नगर निगम लखनऊ और गाजियाबाद के लिये म्युनिसिपल बांड और अवस्थापना विकास निधि के लिये क्रेडिट रेटिंग को मंजूरी दी गई है। पहली बार यूपी में मार्केट से पैसा लिया जाएगा। लखनऊ के लिये 200 और गाजियाबाद के लिये150 करोड़ मार्केट से उठाया जाएगा। इसके लखनऊ में पेयजल तथा सीवरेज सिस्टम को सुधारा जाएगा। यह दस वर्ष का बांड होगा। इस पर 9.5 प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा। केंद्र इसके लिए हर 100 करोड़ पर 13 करोड़ केंद्र सब्सिडी देगा। इसमें सेबी के मानकों का पालन किया जाएगा।