हाई स्पीड ट्रेन देगी देश को बेरोजगारी
सच की दस्तक डेस्क (नई दिल्ली)
एक तरफ जहां अत्याधुनिक तकनीकी क्षेत्र का विकास तो दूसरी तरफ उसके कारण बेरोजगारी में वृद्धि का उदाहरण पहली एक ऐसी ट्रेन जिस की स्पीड भी आम ट्रेन की तुलना में काफी अधिक है और यह ट्रेन बिना ड्राइवर की चलाई जाने वाली है। प्रत्येक वर्ष अलग अलग रेलवे मंडल द्वारा लोको पायलट की भर्ती की जाती है। जिससे युवाओं को रोजगार मिलता है और बहुत बेसब्री से बच्चे लोको पायलट की तैयारी करते हैं । बिना ड्राइवर के तेज स्पीड वाली ट्रेन आ जाने के बाद इनकी भी नौकरी खतरे में आज आने की पूरी संभावना है । नए युवा जो इसे अपना उद्देश्य बनाकर इसकी तैयारी करते हैं उनका भविष्य भी खतरे में पड़ना लाजमी है। एक तरफ नौकरियों में छटनी होने से लोग परेशान हैं। बेरोजगारी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है सारे आंकड़े ध्वस्त होते जा रहे हैं। वहीं सरकार द्वारा कोई प्रयास भी बेरोजगारों के लिए नहीं किया जा रहा है ।ऐसे में बेरोजगारी की मार तो दूसरी तरफ मोदी सरकार का हाई स्पीड ट्रेन विदाउट ड्राइवर देश को समर्पित कर कर अपनी पीठ थपथपा ने की पूरी तैयारी कर ली है।
देश की पहली बिना इंजन वाली ट्रेन-18 का परिचालन 15 दिसंबर तक शुरू हो सकता है। अभी इसका परीक्षण मुरादाबाद में चल रहा है। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘ट्रेन-18 की गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। पहली बार इसे दिल्ली से वाराणसी या दिल्ली से भोपाल के लिए चलाया जा सकता है।
उक्त अधिकारी के अनुसार, ‘परीक्षण के दौरान ट्रेन-18 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ चुकी है। परिचालन के दौरान यह 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। उम्मीद है कि 15 दिसंबर तक इसका परिचालन शुरू हो जाएगा।
ट्रेन-18 में विश्व की सबसे अच्छी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इनमें वाईफाई, जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली, बायो वैक्यूम टायलेट, एलईडी लाइटिंग, मोबाइल चार्जिग प्वाइंट और यात्रियों की उपलब्धता तथा मौसम के हिसाब से तापमान नियंत्रित करने वाली प्रणाली से युक्त है। पूर्णत: वातानुकूलित और स्वचालित माड्यूल वाली ट्रेन-18 को पिछले महीने धूमधाम से लांच किया गया था। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने चेन्नई स्थित इंटिग्रेटेड कोच फैक्ट्री में धूमधाम के साथ इसे हरी झंडी दिखाई थी।