खजुराहो लोकसभा क्षेत्र : दिग्गजों में होगा घमासान कांग्रेस के दागी भाजपा के बागियों में वर्चस्व की जंग, हाथी और साइकिल की सवारी से मतदाता होंगे विचलित.!!
भोपाल ।
विधानसभा में जीत के बाद कांग्रेस का फोकस लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की 24 सीटों पर है।ऐसे में कांग्रेस की नजर उन सीटों पर है जिन पर सालों पहले कांग्रेस का ही कब्जा हुआ करता था , लेकिन बीजेपी हथियाने में कामयाब हुई। इनमें से एक सीट खजुराहो लोकसभा सीट है जिस पर सालों पहले कांग्रेस का कब्जा रहा था, लेकिन उमा भारती के राजनीति में एंट्री के बाद यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई थी।
भारती ने यहां से चार चुनाव जीते है।वर्तमान में नागेंद्र सिंह यहां के सांसद थे लेकिन हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने उनको मैदान में उतारा और उन्होंने जीत हासिल की, जिसके बाद ये सीट रिक्त हो गई है और उमा भारती भी यहां से चुनाव लड़ने से इंकार कर चुकी है। ऐसे में कांग्रेस की नजर इस सीट पर है।चुंकी हाल ही में बीजेपी से बागी होकर बुदेंलखंड के कद्दावर नेता कुसमारिया कांग्रेस में शामिल हो गए है।उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस इस मौका का फायदा उठाकर कुसमारिया को यहां से मैदान में उतार सकती है।
दरअसल, खजुराहो लोकसभा सीट पर पहला चुनाव साल 1957 में हुआ था। खजुराहो सीट छतरपुर और कटनी जिले के कुछ क्षेत्रों तक फैली हुई है। सालों तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा था। 1989 में पहली बार बीजेपी ने यहा से चुनाव जीता था और उमा भारती सांसद बनी थी उन्होंने विद्दावती चतुर्वेदी को हराया था। इसक बाद उमा भारती ने 1991, 1996 और 1998 में लगातार जीत हासिल की। वही 1999 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां से सत्यव्रत चतुर्वेदी को टिकट दिया। सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कांग्रेस की इस सीट पर वापसी कराई और वह यहां से सांसद बने।
2004 में बीजेपी ने एक बार फिर यहां पर वापसी की। बीजेपी के रामकृष्ण कुसमरिया ने इस बार सत्यव्रत चुतर्वेदी का मात दे दी। बीजेपी ने इसके बाद अगले 2 चुनावों में यहां से अपने उम्मीदवार को बदला और दोनों ही बार उसको जीत मिली।2009 के चुनाव में भी बीजेपी को जीत मिली थी। बीजेपी के जितेंद्र सिंह ने कांग्रेस के राजा पटेरिया को हराया था।इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नागेंद्र सिंह ने कांग्रेस के राजा पटेरिया को हराया था। इस चुनाव में नागेंद्र सिंह को 4,74,966(54.31 फीसदी)वोट मिले थे तो वहीं राजा पटेरिया को 2,27,476(26.01फीसदी) वोट मिले थे.दोनों के बीच हार जीत का अंतर 2,47,490 वोटों का था।
वहीं बसपा 6.9 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थी।यहां 81.78 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र और 18.22 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है। खजुराहो में 18.57 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जाति और 15.13 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जनजाति के लोगों की है I खजुराहो लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं। चंदला,गुन्नौर,मुरवारा, राजनगर,पन्ना, बहोरीबंद, पवई, विजयराघवगढ़ यहां की विधानसभा सीटें हैं।
यहां की 6 सीटों पर बीजेपी और 2 पर कांग्रेस का कब्जा है।इसके साथ ही हाल ही में बीजेपी के कद्दावर नेता रामकृष्ण कुसमरिया कांग्रेस में शामिल हुए है और नागेन्द्र विधानसभा चुनाव लड़कर नागौद से विधायक बने है, ऐसे में बीजेपी के लिए इस सीट पर कब्जा कर पाना मुश्किल है, चुंकी तीसरे मोर्चे के रुप में बसपा का भी यहां अच्छा वर्चस्व रहा है। साथ ही डॉ. कुसमारिया कुर्मी समाज से हैं और वे बुंदेलखंड में पिछड़ा वर्ग के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं।
लोकसभा चुनाव के पहले कुसमारिया की पार्टी में एंट्री से इस सीट से चुनाव लड़ने की अटकले भी तेज है।अगर कुसमारिया इस सीट से चुनाव लड़ते है तो कांग्रेस की जीत तय है और बीजेपी की मुश्किलें भी। कांग्रेस के दागी और भाजपा के बागियों में वर्चस्व की जंग छिड़ी हुई है, वहीं हाथी और साइकिल की सवारी से मतदाता खामोश हैं l