जाधव मामले में ICJ में सुनवाई शुरू, भारत की ओर से हरीश साल्वे –
हेग,
एजेंसियों के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय न्याय अदालत में (आइसीजे) भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव मामले में सार्वजनिक सुनवाई शुरू हो गई है। चार दिन चलने वाली सुनवाई में भारत और पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत में अपनी-अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं।
The International Court of Justice (ICJ) begins the oral proceedings in the Kulbhushan Jadhav case at The Hague.
” Jadhav’s continued custody without consular access should be declared unlawful”.
__Harish Salve
भारत की तरफ से मशहूर वकील हरीश साल्वे दलील दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस नहीं दिया। भारत और पाकिस्तान ने वियना कन्वेंशन पर सहमति से हस्ताक्षर किए थे। पाकिस्तान जाधव पर प्रोपेगेंडा में में जुटा हुआ है। पाकिस्तान ने वियना संधि का उल्लंघन किया है।
उन्होंने कहा कि भारत के पास जाधव की किडनैपिंग के सबूत हैं। पाकिस्तान ने जाधव के अधिकारों का भी उल्लंघन किया है। पाकिस्तान की कहानी घिसीपिटी है। उसके पास सबूत नहीं है। पाकिस्तान भारत विरोधी प्रोपैगेंडा में फेल हो गया है। पाकिस्तान जाधव को काउंसलर ऐक्सेस देने के लिए समझौते से बंधा हुआ है। लेकिन पाकिस्तान ने भारत के 13 रिमाइंडर का जवाब नहीं दिया है।
जाधव की जांच के लिए पाकिस्तान में संयुक्त जांच टीम बनाया गया लेकिन उस जांच की जानकारी के बारे में मालूम नहीं चल पाया है। पाकिस्तान ने जाधव को उसके अधिकार के बारे में भी जानकारी नहीं दी। पाकिस्तान ने जाधव पर तीन साल अत्याचार किया। भारत ने कब-तब पाकिस्तान को जाधव का कॉन्सुलर ऐक्सेस के लिए निवेदन किया, इसकी जानकारी कोर्ट को हरीश साल्वे ने दी।
भारत ने पहली बार 8 मई 2017 को आइसीजे का दरवाजा खटखटाते हुए पाकिस्तान के अहंकारी रुख और ‘वियना संधि’ के प्रावधानों के उल्लंघन से अवगत कराया था। कहा था कि आग्रह के बावजूद पाकिस्तान ने जाधव को काउंसलर उपलब्ध नहीं कराया।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायलय में सुनवाई के दौरान कहा कि पाकिस्तान ने जाधव को काउंसलर मुहैया कराने की भारत की हर अपील को नजरंदाज किया। साल्वे ने कहा कि भारत ने 13 बार रिमाइंडर भेजे, लेकिन पाक ने कोई जवाब नहीं दिया।
साल्वे में एक-एक कर तारीखवार भारत की कोशिशों को ब्योरा सामने रखा। पाकिस्तान ने जाधव से जबरदस्ती अपराध कबूल करवाया गया। जाधव के खिलाफ काफी देर से एफआईआर दर्ज किया गया। साल्वे ने ICJ में इस बात को जोरदार तरीके से सामने रखा कि जाधव निर्दोष हैं और पाकिस्तान ने उन्हें गलत तरीके से फंसाया है।जाधव को कोई वकील भी नहीं दिया गया। चार्जशीट और मिलिटरी कोर्ट का आदेश पाकिस्तान ने कभी सार्वजनिक नहीं किया है।
आइसीजे की 10 सदस्यीय पीठ ने 18 मई 2017 को पाकिस्तान को न्यायिक निर्णय आने तक जाधव को सजा देने से रोक दिया था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद आइसीजे की स्थापना अंतरराष्ट्रीय मसलों को सुलझाने के लिए की गई थी। हेग स्थित न्यायालय ने हाईप्रोफाइल जाधव मामले की सार्वजनिक सुनवाई के लिए 18-21 फरवरी तक का समय तय कर रखा है।
इसी वर्ष गर्मियों में आ सकता है आइसीजे का फैसला-
माना जा रहा है कि भारत की तरफ से पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे और पाकिस्तान की तरफ से बैरिस्टर के कुरैशी अपने-अपने देश का पक्ष रखेंगे। सोमवार को भारत पहले अपना तर्क रखेगा, जबकि पाकिस्तान को मंगलवार को पक्ष रखने का मौका मिलेगा। बुधवार को भारत इसका जवाब देगा, जबकि गुरुवार को पाकिस्तान को समापन पक्ष रखने का मौका मिलेगा। उम्मीद की जा रही है कि आइसीजे इसी साल गर्मी में फैसला सुना सकता है।
पाकिस्तानी अदालत ने सुनाई थी मौत की सजा-
जाधव भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अफसर हैं। अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने उन्हें जासूसी और आतंकवाद फैलाने के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने 48 वर्षीय जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को उसी वर्ष मई में आइसीजे में चुनौती दी थी।