जम्मू कश्मीर में रोहिंग्याओं के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, 170 को भेजा गया जेल

जम्मू। जम्मू में अवैध रूप से रह रहे 170 रोहिंग्याओं को जेल भेज दिया गया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने शनिवार को एक अभियान चलाकर यहां रह रहे रोहिंग्याओं के बायोमीट्रिक और अन्य विवरण एकत्र किए थे।
आधिकारिक दस्तावेज के बिना शहर में रह रहे विदेशियों की पहचान करने के लिए यह अभियान चलाया गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-से कहा, “कम से कम 170 अवैध प्रवासी रोहिंग्याओं को हीरानगर जेल भेजा गया है।”
उन्होंने कहा कि म्यांमा से आए रोहिंग्या मुस्लिमों के सत्यापन की प्रकिया, यहां एमएएम स्टेडियम में कड़ी सुरक्षा के बीच की गई।
उन्होंने बताया कि विदेशियों का सत्यापन करने की प्रक्रिया जारी है। सरकारी आकंड़ों के मुताबिक रोहिंग्या मुस्लिमों और बांग्लादेशी नागरिकों समेत 13,700 विदेशी जम्मू और सांबा जिलों में रह रहे हैं जहां 2008 से 2016 के बीच इनकी जनसंख्या में छह हजार से अधिक की वृद्धि हुई।
प्रदेश में रोहिंग्याओं पर अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। बीते सप्ताह हीरानगर सब जेल को जहां खाली करते हुए सभी कैदियों को अन्य जेलों में शिफ्ट कर दिया गया था। अमर उजाला ने यह खुलासा किया था कि रोहिंग्याओं को वापस भेजे जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। हीरानगर जेल को रोहिंग्याओं के लिए डिटेंशन सेंटर बनाया जा रहा है। हीरानगर सब जेल में ही लगभग पांच सौ कैदियों को रखने की व्यवस्था है। ऐसे में साफ है कि पांच सौ के लगभग रोहिंग्याओं को इस डिटेंशन सेंटर में रखा जा सकता है।
हीरानगर जेल की सुरक्षा बढ़ाई
रोहिंग्याओं को डिटेंशन सेंटर में भेजे जाने के दौरान कठुआ जिले में सुरक्षा प्रबंध और भी बढ़ा दिए गए हैं। विभिन्न थानों में पुलिसकर्मियों की तैनाती को भी बढ़ा दिया गया है। हीरानगर सब जेल की सुरक्षा को कड़ा कर दिया गया है। वहीं एसएसपी कठुआ ने इस बारे में कुछ भी जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया।
13600 विदेशी नागरिक रहते हैं जम्मू-कश्मीर में
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 6523 रोहिंग्या रहते हैं। इनमें 6461 जम्मू संभाग और 62 कश्मीर में हैं। लद्दाख में भी ये अस्थायी आशियाने बनाकर रह रहे हैं। हालांकि, 13600 विदेशी नागरिक जिसमें रोहिंग्या और बांग्लादेशी शामिल हैं, यहां रहते हैं। इनके अस्थायी ठिकाने जम्मू-कश्मीर के पांच जिलों जम्मू, सांबा, डोडा, पुंछ व अनंतनाग में हैं। जम्मू जिले में ही रोहिंग्याओं के 30 स्थानों पर ठिकाने हैं। मार्च 2017 में तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इनका डाटा बेस तैयार करने को कहा था। अब नए सिरे से इन्हें चिह्नित किया जा रहा है।