महाराष्ट्र: पालघर में ‘साधुओं’ की हत्या पर देश में आक्रोश

पालघर जिले में जूना अखाड़े के दो साधुओं की निर्मम हत्या किए जाने पर साधु-संतों से लेकर सोशल मीडिया तक पर लोगों में गुस्सा है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने चेतावनी दी कि अगर हत्यारों पर कार्रवाई नहीं हुई तो महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आंदोलन होगा। बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रवक्ता बैजयंत जय पांडा ने भी घटना को शर्मनाक बताते हुए उद्धव सरकार पर निशाना साधा।
मिली जानकारी के अनुसार ये तीनों लोग मुंबई से सूरत किसी की अंत्येष्टि में शामिल होने जा रहे थे, वहीं पालघर जिले में लगभग 100 लोगों की भीड़ इन पर टूट पड़ी। दरअसल ग्रामीण इन लोगों को चोर समझ बैठे और ताबड़तोड़ हमला करते चले गये। ग्रामीण इतने उत्तेजित थे कि उन्होंने पुलिस की गाड़ी पर भी हमला कर दिया। ये तीनों लोग कार से सूरत जा रहे थे, इन ग्रामीणों ने इनकी कार रोकी और तीनों को कार से बाहर खींच लिया।
पुलिस अधिकारी के अनुसार जैसे ही हमें घटना की जानकारी मिली हम वहां पहुंचे लेकिन हमलावर ग्रामीणों की संख्या इतनी अधिक थी कि हम पीड़ितों को बचा नहीं सके। हमलावरों ने पुलिस वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया ये वीभत्स घटना वीरवार रात की है। इस मामलें में जांच जारी है, दोषी 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में ले लिया गया है।
इन लोगों की पहचान कांदीवली के सुशील गिरी महाराज, जयेश और नरेश यलगडे के रूप में हुई है। ये लोग किराये की गाड़ी से सूरत में किसी की अंत्येष्टि में शामिल होने जा रहे थे। लॉकडाउन के बावजूद ये तीनों मुंबई के करीब लगभग 120 किमी तक जाने में कामयाब रहे। इस पूरे इलाके में कुछ दिनों से बच्चा चोर गिरोह की अफवाह फैली हुई थी। बस लोगों ने इन्हें इसी गिरोह से संबंधित समझा और बिना सोचे समझे हमला करना शुरु कर दिया, बाद में मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने इन्हें बचाया लेकिन अस्पताल में तीनों की मौत हो गयी।
फडणवीस ने ट्वीट किया, ‘पालघर में मॉब लिंचिंग घटना का वीडियो हैरान करने वाला और अमानवीय है। ऐसी विपदा के समय इस तरह की घटना और भी ज्यादा परेशान करने वाली है। मैं राज्य सरकार से गुजारिश करता हूं कि वह इस मामले की हाई लेवल जांच करवाएं और जो दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।’
महाराष्ट्र के पालघर के गड़चिनचले गांव में दो साधुओं की निर्मम हत्या कर दी गई। यह पूरी घटना वहां मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों के सामने हुई। कलेक्टर कैलास शिंदे ने बताया कि दोनों को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया। लगभग 110 ग्रामीणों को पूछताछ के लिए पुलिस थानों में लाया गया है। आगे की जांच की जा रही है। घटना का वीडियो सामने आने पर सोशल मीडिया पर लोगों ने उद्धव सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा निकाला।
महाराष्ट्र में कोरोना के नाम पर धर्म विशेष के लोगों द्वारा जूना अखाड़े के दो संतों की हत्या किए जाने की अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कड़े शब्दों में निंदा की है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो लाॅकडाउन के बाद सभी तेरह अखाड़ों के संत-महात्मा राज्य सरकार का घेराव करेंगे।
दरअसल, महाराष्ट्र में जूना अखाड़े के दो संतों की हत्या को लेकर संत-महात्माओं की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में आक्रोश है। महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है लॉकडाउन चल रहा है ऐसे में अगर कोई संत महात्मा ब्रह्मलीन होते हैं तो उस इलाके के ग्रामीण और आसपास के साधु संत ही उनकी समाधि में शामिल हों। महंत नरेंद्र गिरि ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से से मांग की है कि दोनों संतों की हत्या मामले की उच्च स्तरीय जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये।
उन्होंने आरोप लगाया है कि धर्म विशेष के लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में संतों की हत्या की है। यह जघन्य अपराध है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पालघर जिले के दानू तहसील में दो दिन पूर्व जूना अखाड़े के दो संतों की पुलिस की मौजूदगी में लाठी डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद से साधु संतों में काफी नाराजगी है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का कहना है कि ये संत एक महात्मा की समाधि में शामिल होने जा रहे थे। उसी समय कोरोना के बहाने धर्म विशेष के लोगों ने दोनों संतों की हत्या कर दी।
महंत नरेंद्र गिरी ने साधु-संतों से भी अपील की है कि लाॅकडाउन के दौरान अगर कोई संत-महात्मा ब्रह्मलीन होते हैं तो उनकी समाधि में शामिल होने के लिए दूर के संत न जायें। ऐसी स्थिति में उस क्षेत्र के साधु-संत ही समाधि में शामिल हों। उन्होंने कहा है कि बाहरी जिले से साधु-संतों को समाधि में जाने की फिलहाल लाॅकडाउन तक कोई आवश्यकता नहीं है।
पीड़ित परिवार ने कहा कि ठाकरे सरकार पर पूरा विश्वास है वो जरूर कुछ करेगें।