सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण

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सच की दस्तक न्यूज डेस्क चन्दौली

भाषाई शुद्धता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है -डा. दयानंद

पीडीडीयू नगर। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) वाराणसी के तत्वावधान में चंदौली जिले के पं. दीनदयाल उपाध्याय नगर स्थित नगरपालिका इंटर कॉलेज के वीर अब्दुल हमीद सभागार में ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकारों और भारत सरकार के बीच संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से वार्तालाप का आयोजन बुधवार को किया गया। इस कार्यक्रम में जनपद के विभिन्न क्षेत्रों के 50 से अधिक पत्रकारों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला का विधिवत शुभारंभ मुगलसराय विधायक साधना सिंह, प्रोफेसर अनिल यादव, भाजपा के चंदौली मीडिया प्रभारी बतौर सांसद प्रतिनिधि हरबंश उपाध्याय व शिवराज सिंह द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। बतौर मुख्य अतिथि कार्यशाला को संबोधित करते हुए

विधायक साधना सिंह ने कहा कि मीडिया राजनीतिज्ञों की प्राण है। ईश्वर उसे इतना बल प्रदान करे कि वह निर्भयता पूर्वक सच्ची व अच्छी पत्रकारिता कर सकें। उन्होंने सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में मीडिया की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। मंडल वाणिज्य प्रबंधक पूर्व मध्य रेलवे डीडीयू धीरज कुमार ने रेलवे की उपयोगिता बताते हुए कहा कोरोना काल में रेलवे ने नागरिकों को यातायात सहित भोजन चिकित्सा व अन्य समस्याओं का प्रबंधन सुव्यवस्थित रूप से किया। भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी हरबंश उपाध्याय ने पीआईबी को धन्यवाद देते हुए कहा कि जनकल्याणकारी कार्यक्रमों की सूचना मीडिया तक पहुंचाने में संस्था सेतु के रूप में कार्य करती है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आर.बी शरण ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण काल में स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं को संस्था ने जन -जन तक पहुंचाने के लिए मीडिया को सूचनाओं का आदान-प्रदान बखूबी रूप से किया। जिला सूचना अधिकारी डा. एस.एन पाल ने कहा सरकार जनता की बेहतरी के लिए विभिन्न योजनाएं बनाती है और उन्हें जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम संस्था बनती है। डा. अनिल यादव ने कहा कि संस्था के सहयोग से मीडिया तक पहुंचने वाली खबरें जनता तक पहुंचती है। जिसका लाभ जनता को मिलता है। वरिष्ठ पत्रकार पवन तिवारी ने हिंदी पत्रकारिता में त्रुटियों का ध्यान रखने व शब्दों के चयन की जानकारी के लिए पत्रकार को जागरूक किया। चर्चा में संवाददाता श्वेता सिद्धिदात्री ने अपने उद्बोधन में प्रिंट मीडिया के क्षेत्र में महिलाओं की कमी की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि लोगों की सोच व संकुचित मानसिकता से महिलाएं इस क्षेत्र में आने से संकोच करती हैं। अब परिस्थितियां अनुकूल होने पर इस क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में महिलाएं चुनौतीपूर्ण कार्य करते हुए सफलता की ओर अग्रसर हैं। पत्रकार कमलेश तिवारी ने मीडिया क्षेत्र में संवाददाताओं की परेशानी को बखूबी उकेरा। कहा कि संस्थाएं पत्रकारों का शोषण बंद कर दे तो सच्ची और अच्छी पत्रकारिता का संप्रेषण ठीक प्रकार से हो सकेगा। वरिष्ठ पत्रकार डा. दयानंद ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में उसी व्यक्ति को आना चाहिए। जिसको भाषाई ज्ञान व सच लिखने का माद्दा हो। ग्रामीण पत्रकार एक बड़े आबादी को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से जनता को रूबरू कराता है। ग्रामीण क्षेत्रों में पत्रकारिता एक बड़ी चुनौती है। मंच संचालन डीएफपी वाराणसी के एफपीओ डा. लालजी, मंत्रालय एवं पसूका के बारे में प्रस्तुतीकरण पत्र सूचना कार्यालय के मीडिया एवं संचार अधिकारी और कार्यक्रम के नोडल अधिकारी प्रशांत कक्कड़ और अतिथियों का स्वागत मनोज त्रिपाठी व राजीव गुप्ता ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में पसूका वाराणसी के सत्येंद्र कुमार, शिव कुमार झा, रमेश मिश्रा और रजत कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

Sach ki Dastak

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