‘पीएम किसान’ के तहत लोकसभा चुनाव से पहले एक नहीं, दो किस्तें देने की तैयारी-

नई दिल्ली –
‘पीएम किसान’ योजना के तहत सरकार लोकसभा चुनाव से पहले किसानों को दो किस्तें (दो-दो हजार रुपये) देने की तैयारी कर रही है। पहले कहा जा रहा था कि चुनाव पूर्व किसानों के खाते में एक किस्त पहुंच जाएगी।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि योजना के तहत राज्य योग्य किसानों की पहचान कर रहे हैं। लाभार्थी किसानों की प्रारंभिक सूची जल्द तैयार हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों ने भू-अभिलेखों का डिजिटलीकरण कर लिया है। तेलंगाना, ओडिशा और झारखंड के पास भी आंकड़ें उपलब्ध हैं क्योंकि वे ऐसी योजनाओं की घोषणा कर चुके हैं। उन्होंने बताया, चूंकि इस योजना को चालू वित्तीय वर्ष में कार्यान्वित किया जा रहा है इसलिए अगले महीने आचार संहिता लागू होने के बाद भी इसके कार्यान्वयन पर असर नहीं पड़ेगा।
मालूम हो कि कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने एक फरवरी को पेश अंतरिम बजट में देश के करीब 12 करोड़ लघु और सीमांत किसानों के लिए इस योजना की घोषणा की थी। इसके तहत दो हेक्टेयर तक भू-स्वामित्व वाले किसानों को प्रतिवर्ष तीन किस्तों में दो-दो हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया है।
क्या है पीएम किसान योजना-
-छोटे और सीमांत किसान, जिनके पास 2 हेक्टेयर तक उपजाऊ भूमि है उनको 6,000 रुपये प्रति वर्ष की दर से प्रत्यक्ष आय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी
-यह राशि उनके बैंक अकाउंट में तीन बराबर किस्त (2 हजार प्रति किस्त) में ट्रांसफर की जाएगी
-वित्त वर्ष 2019-20 में इस स्कीम पर कुल 75 हजार करोड़ रुपये खर्च होगा
-यह स्कीम करीब 12 करोड़ किसान परिवारों को लाभ पहुंचाएगी
-पीएम किसान योजना में आपका नाम है या नहीं उसे http://pmkisan.nic.in पर चेक किया जा सकता है
सरकार ने साफ किया है कि पहली किस्त, जिसका पैसा मार्च तक ट्रांसफर हो सकता है उसके लिए आधार जरूरी नहीं होगा।
-किसी संवैधानिक पद पर मौजूद किसान, पूर्व और मौजूदा सांसद और विधायक, इनकम टैक्स देनेवाला शख्स
कार्यरत या रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी जिनको महीना 10 हजार रुपये पेंशन मिलती हो
-जो 1 फरवरी के बाद किसी जमीन का नया मालिक बना है तो उसे योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
छोटे एवं सीमांत किसान परिवार की परिभाषा में वैसे परिवारों को शामिल किया गया है जिनमें पति-पत्नी और 18 वर्ष तक की उम्र के नाबालिग बच्चे हों और ये सभी सामूहिक रूप से दो हेक्टेयर यानी 5 एकड़ तक की जमीन पर खेती करते हों।