पोषण की ज़िम्मेदारी माँ के साथ-साथ घर के सभी सदस्यों की
सच की दस्तक न्यूज डेस्क चन्दौली
सीफार के सहयोग से आयोजित हुई मीडिया कार्यशाला
स्वस्थ एवं सुपोषित समाज के लिए सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन, आयरन, कैल्शियम आदि की बेहद आवश्यकता है। अगर आप स्वस्थ रहेंगे तो किसी भी आपदा से जीत जाएंगे। साथ ही अगर पौष्टिक भोजन करेंगे तो आपका शारीरिक, मानसिक और आर्थिक पूर्ण विकास होगा। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीपी द्विवेदी का। सीएमओ डॉ वीपी द्विवेदी शनिवार को बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) के तत्वावधान सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित जिला स्तरीय मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीपी द्विवेदी ने कहा कि आजकल मौसम बदल रहा है और दिन व रात के तापमान में भी काफी अधिक अंतर दिख रहा है। दिन व रात के तापमान में ज्यादा अंतर होने से अक्सर मौसमी बुखार की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए सेहत के प्रति सावधान रहें और शरीर में थोड़ी सी भी परेशानी होने पर नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं। उन्होने कहा कि सरकार द्वारा दिये गए सिद्धान्त ‘स्वस्थ राष्ट्र – स्वस्थ शिशु’ को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग सम्पूर्ण प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि अतिकुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने के लिए हमारी टीम सदैव कार्य कर रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जनसहयोग की भावना से कुपोषण की समस्या जल्द दूर की जा सकेगी।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर बी शरण ने कहा कि कोविड-19 का संक्रमण अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। कोरोना से जीतने का फिलहाल कोविड टीका और कोविड प्रोटोकाल ही विकल्प है। इसको हमें अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा। जो लोग कोरोना टीका की पहली डोज लगवा चुके हैं। वह दूसरी डोज अवश्य लगवा लें। इसके साथ ही उन्होने बच्चों के नियमित व सम्पूर्ण टीकाकरण के बारे में विस्तार से चर्चा की।
जिला कार्यक्रम अधिकारी राम प्रकाश मौर्य ने कहा कि सरकार का पूरा प्रयास है कि समस्त पंजीकृत बच्चों, किशोरियों, गर्भवती एवं धात्री महिला लाभार्थियों को पोषण आहार नियमित रूप से मिलता रहे। उन्होने कहा कि बच्चों के पोषण की ज़िम्मेदारी सिर्फ माँ की नहीं है बल्कि घर के सभी सदस्यों की अहम ज़िम्मेदारी है। हमारा प्रयास है कि समाज के अंतिम व्यक्ति को पोषण मिशन से जोड़ा जाए और उन्हें पोषण का लाभ पहुंचाया जाए। इसके साथ ही उन्होने मिशन शक्ति, ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के बारे में विस्तार से चर्चा की।
इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ डीएन मिश्रा ने क्षय रोग उन्मूलन के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होने कहा कि टीबी और कुपोषण दोनों बीमारियों का एक-दूसरे से सीधा संबंध है। कुपोषित बच्चों को क्षय रोग के होने की अधिक संभावना रहती हैं। इसके लिए सभी बच्चों की स्क्रीनिंग सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क की जाती है। जांच में पॉज़िटिव आने के बाद उनका निःशुल्क उपचार किया जाता है। इसके साथ ही बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) आशीष कुमार वर्मा ने पीपीटी के माध्यम से ‘पोषण और भोजन में पोषक तत्वों के महत्व’ पर प्रकाश डाला। यूनिसेफ से मण्डल समन्वयक अंजनी राय ने सैम/मैम बच्चों के प्रबंधन व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के गृह भ्रमण के बारे में विस्तार चर्चा की।
कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीपी द्विवेदी ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम का संचालन सीडीपीओ राकेश बहादुर ने किया। इस मौके पर सीफार की स्टेट कंसल्टेंट अंजू सिंह ने संस्था की गतिविधियों, उपलब्धियों और योजनाओं के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर सीफार के मण्डल समन्वयक शुभम गुप्ता, संजीव द्विवेदी, मनोज श्रीवास्तव, मृदुला श्रीमाली और जिला स्तरीय मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
लाभार्थियों ने भी सराहा
कार्यशाला के अंत में लाभार्थियों में एक गर्भवती, दो किशोरी और तीन बच्चों को पाँच रंग के फलों की एक-एक टोकरी व एक-एक अमरूद का पौधा उपहार में दिया गया। लाभार्थियों के अभिभावकों ने मिल रही सरकारी सुविधाओं के बारे में संतोष जताया। संजू देवी ने बताया कि आंगनबाड़ी दीदी ने गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ एवं संतुलित खान-पान के बारे बताया। प्रसव पूर्व जांच के बारे में नियमित परामर्श दिया। इसके साथ ही प्रसव पश्चात स्वयं व बच्चे का कैसे ध्यान रखना है, के बारे में बताया। आंगनबाड़ी दीदी की बताई गईं सभी बातों को हमेशा मानती हूँ।
जनपद के आंकड़ें
जिले में ड्राई राशन के 6 माह से 3 वर्ष के 102789 बच्चे लाभार्थी हैं। जबकि 3 वर्ष से 6 वर्ष के 76221 बच्चों और 43639 गर्भवती/धात्री महिलाओं को ड्राई राशन दिया जा रहा है। इसी तरह 6 माह से 3 वर्ष के 83286 बच्चे, 3 वर्ष से 6 वर्ष के 53056 बच्चे पंजीकृत हैं। जबकि 38696 गर्भवती/धात्री और स्कूल न जाने वाली 1399 किशोरी बलिकाएं पंजीकृत हैं। विभाग की ओर से शून्य से 5 वर्ष तक के 194931 बच्चे चिन्हित हैं। इसमें गत माह सितंबर में 182440 बच्चों का वजन किया है। इन बच्चों में 176852 बच्चे सामान्य, 840 लाल श्रेणी, 4748 पीले श्रेणी, 171 सैम और 751 मैम श्रेणी में पाए गए। इनमें 157 सैम और 659 मैम बच्चों में सुधार आ चुका है।