बलात्कार के बाद न्याय के लिए नारी की जाति पर राजनीति क्यों

0

सच की दस्तक नेशनल डेस्क
ब्रजेश कुमार (सम्पादक)

हाथरस के निर्भया को न्याय दिलाने के लिए मीडिया जिस तरह लगी है निसन्देह काबिले तारीफ है।लेकिन कुछ मीडिया ग्रुप इसमे भी अपनी ही छीछालेदर करवाने को तैयार है।एक बेटी को न्याय मिले ये सभी की सोच होनी चाहिए।चाहे वह बेटी किसी भी कौम की क्यों न हो किसी भी जाति की क्यों न हो।नारी नारायणी है ,माँ है,नारी ही बहन के रूप में भाई पर सबकुछ न्योछावर करने को तैयार रहने वाली है।नारी ही पत्नी के रूप में अपने पति के लिए सतीसवित्री बनकर काल से लड़ जाती है।आज उसी अबला की लड़ाई में भी अगड़ी व पिछड़ी जाति क्यो आ रही है।
माँ दुर्गा की पूजा शक्ति के रूप में सभी करते है तो आप क्या कभी पूछते है मातारानी किस धर्म विशेष की है? यदि ऐसा नही है तो हाथरस की बेटी के लिए जाति क्यों देखी जा रही है।
अंग्रेज के जमाने मे भी इतना अन्याय नही होता था ।कभी भी किसी की बेटी को माँ बाप की अनुमति के बिना जला कर अंतिम संस्कार नही किया जाता था लेकिन वर्तमान में ऐसा हुआ जो पूरी जनमानस को झकझोर दिया।
विद्वानों की माने तो हिन्दू धर्म कभी भी नही कहता कि 2:30 बजे रात्रि में शव को जलाया जाए वो भी पेट्रोल डाल कर।इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए वो कम है।जिसने भी जलाने का निर्देश दिया वो तो स्वयं को अपने आप को भगवान समझ लिया होगा। लेकिन क्या इस गलती के लिए परम्परमेश्वर उसको माफ् करेंगे ? यह तो समय बताएगा ।
सरकार के उच्च अधिकारी तो इसके लिए लोगो की नजरों में जिम्मेदार अधिकारी जिलाधिकारी हाथरस को अभी तक बचा कर रखा है। ये क्यों कर रहे है ये तो वे ही बता सकते है।
कविरा तेरे देश मे भाँति भांति के लोग की कविता यहां पर सटीक बैठती है। प्रमुख गृह सचिव व डीजीपी दोनों पीड़ित परिवार के घर गए उनकी परेशानी जानी।इस दौरान सभी ने एक सुर में कहा डी एम को हटायें। उसके बावजूद अभी तक सब उनको बचा रहे है क्यों ?
किस प्रकार का दबाव उन पर काम कर रहा है वो तो वही बता सकते है ।क्या उनको भी उनके ऊपर वाले उन्हें मना कर रहे है ? यह यक्ष प्रश्न सबके सामने आ रहा है।

कोंग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी व प्रियंका गांधी उस परिवार से मिलने गए तो प्रशासन ने तिल का ताड़ बना दिया।कोई भी किसी भी दृष्टि से मिलने गया हो पीड़ित परिवार से तो विपत्ति काल मे मिला व आंसू तो परिवार का पोंछा क्या ये कम है?
सच कड़वा होता है आप ही बताये वर्तमान समय मे कौन दूध का धुला है ? ऐसे ये सबको पता है।प्रशासन का ढुलमुल रवैया क्यों है समझ से परे है।

कोई कहे बाप का नाम बताओ तो सरकार माँ का नाम बता रही है ।जब हाथरस की निर्भया के परिवार के लोग किसी सुप्रीम कोर्ट के सिटींग जज को रखकर जांच की बात कह रहे है तो सरकार सीबीआई जांच की सिफारिश कर रही है । लोगो तो पूछेंगे ही अपने मन से ऐसा करना ही है तो परिवार कि राय सरकार के आलाधिकारी क्यों ले रहे है।

Sach ki Dastak

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x