शासन बदला सत्ता बदला नही बदला सतपोखोरी गांव सभा का हाल

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सच की दस्तक न्यूज़ डेस्क चन्दौली

जनपद में नियामताबाद विकासखण्ड के सतपोखरी गांव सभा बुनकरों के कर्मस्थली मानी जाती है वहां शासन बदला सत्ता बदल गयी लेकिन सतपोखरी गांव सभा की समस्या जस की तस रही।बल्कि समस्या बढ़ गयी।
सतपोखरी गांव सभा को मतदाता की दृष्टि देखे ये बड़ा गांव सभा माना जाता है। यहां की राजनीति की शुरुआत और अंत जलनिकासी और स्वच्छ गांव को लेकर चलती है। लेकिन 30 से 40 सालो जलनिकासी की समस्या जस की तस है।केंद्र सरकार द्वारा चलाया जा रहा स्वच्छ भारत अभियान यहां पर शिफर है।चारो तरफ कूड़ो का अंबार लगा हुआ है और इसकी वजह से रोगों के पांव पसारने का खतरा बढ़ता दिख रहा है।
गांव सभा के लोगो का कहना है कि भाजपा के विधायक ने यहां की समस्या को खत्म करने का वादा किया था।जलनिकासी के लिए बाकायदा प्रोजेक्ट बनाकर समस्या के निदान के लिए जनसभा द्वारा उन्होंने वादा किया था लेकिन प्रोजेक्ट कहाँ गया पैसा कहां गया किसी को पता नही।
गवई राजनीति को बारीकी से नजर डाले तो गांव में प्रधानी राजनीति देखे तो मौजूदा प्रधान के पास काफी दिनों तक शासन रहा है। उन्होंने दावे तो बहुत किये कुछ काम तो दिखा लेकिन लोगो की बात मानी जाए तो यह काम ऊँट के मुँह में जीरा के बराबर है।लेकिन गाँव की गंदगी को देखकर कोई भी इनके कार्यों पर सवालिया निशान लगा सकता है।बाबू हाजी के भी प्रधानी कार्यकाल को देखा जाए तो लगता है कि उनके कार्यशैली को भी लोगो ने पसन्द नही किया था। उनके समय पर भी यही मुख्य समस्या थी और इसी से निजात दिलाने के लिए वो जीते थे । वे भी सत्ता में आते ही सत्तासुख में मस्त हो गए और समस्या का निराकरण करने में असफल रहे । ऐसा आरोप सतपोखरी के लोग ही लगाते है ।

लोगो की बात मान ली जाए तो हमीदुल्लाह अंसारी और बाबू हाजी दोनों ने ही शासन का मजा लिया है ।दोनों आने वाले चुनाव में पुनः दावेदारी ठोक रहे है ।
इस गांव की जनसख्या 25 हजार के पार है ज्यादेतर यहां के वासिंदे बुनकरी कार्यो पर आश्रित है।कुछ लोगो द्वारा पॉवर हैंडलूम बैठाकर कारोबार किया जाता है तो कुछ लोग इनके यहां मानक के अनुसार उससे भी कम पैसे पर मजदूर बनकर कार्य करते है । गांव में साक्षर लोगो की संख्या तो काफी कम है ।ऐसे में पापी पेट के लिए कम पैसे पर भी कार्य करते है।
लोगो का कहना है कि गांव के प्रधान इनका फायदा खूब उठाते है। प्रधानमंत्री आवास के नाम पर, राशन कार्ड बनाने के नाम पर, काम दिलवाने के नाम पर शोषण करते है।
चुनाव के समय पैसे देकर वोट इनकी लेते है ये आरोप गांवो के लोगो द्वारा लगाए जाते है। इन आरोप में दम भी दिखता है ।क्योंकि शासन बदलता है तो विकास भी दिखना चाहिए।समस्या का निराकरण हो जाना चाहिए लेकिन यहाँ ऐसा नही होता है । सच बताये यहां बारिश दो दिन हो जाये तो स्थिति सतपोखरी की नारकीय हो जाती है। सारे विकास के दावों की हवा निकल जाती है।इसलिये ही न लोग कहते है शासन बदला सत्ता बदली नही बदला तो सतपोखरी गांवसभा की स्थिति।

Sach ki Dastak

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