कोरोना में लोगों को इस तरह जागरूक करें कि वह सेवाओं को लेने के लिए खुद आगे आयें : रंजना

0

सच की दस्तक न्यूज़ डेस्क चन्दौली
कोरोना काल में भी मातृ-शिशु, प्रजनन व पोषण संबंधी स्वास्थ्य सेवाओं को समुदाय तक पहुंचाने के साथ ही इस आपदा से निपटने को लेकर लोगों को जागरूक करने में जुटीं फ्रंटलाइन वर्कर आशा, आशा संगिनी व एएनएम की वृहस्पतिवार को वर्चुअल कार्यशाला आयोजित की गयी । स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान और यूनिसेफ, उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई (यूपी टीएसयू) व सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के सहयोग से आयोजित वर्चुअल कार्यशाला में उन्हें वर्तमान चुनौतियों से निपटने के गुण सिखाये गए । कार्यशाला का विषय था – “कोविड-19 एवं प्रजनन, मातृ-शिशु, किशोर स्वास्थ्य और पोषण संबंधी सेवाओं का संचार एवं चुनौतियां” । कार्यशाला में उनसे अपेक्षा की गयी कि जिस तरह से पोलियो को ख़त्म करने में उनकी अहम् भूमिका रही है, उसी तरह से कोविड-19 को भी ख़त्म करने में आगे आयें। इस अवसर पर फ्रंट लाइन वर्कर्स को कोरोना महामारी से बचाव के लिए मास्क का उपयोग करना, एक दूसरे से दो गज की दूरी, बार- बार साबुन-पानी से हाथ धोने तथा समुदाय में लोगों को जागरूक करने और बाहर से आये लोगों की लाइन लिस्टिंग करने तथा किन लोगों को कोरोना संक्रमण के दौरान ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत आदि के बारे में बताया ।
इस अवसर पर जिला कम्यूनिटी प्रोसेस प्रबन्धक (डीसीपीएम) सुधीर कुमार राय ने कहा कि इस तरह की ट्रेनिंग से जन सेवा मे जुटीं फ्रंटलाइन वर्कर का जन सामुदायिक से सीधा संपर्क व संवाद होता है। इस कारण फ्रंटलाइन वर्कर द्वारा कोविड 19 काल मे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए उन्हें कोविड के नियमो का पालन करने के लिए इस तरह की ट्रेनिंग बहुत ही प्रभावपूर्ण है।
इस अवसर पर यूनिसेफ से दयाशंकर ने कोविड को लेकर जो भ्रांतियां और भेदभाव हैं उस पर चर्चा करते हुए बताया कि इनको दूर करने में फ्रंट लाइन वर्कर्स की अहम् भूमिका है। वह समुदाय में इस पर अवश्य चर्चा करें और केवल तथ्यात्मक संदेशों को ही समुदाय तक पहुंचाएं क्योंकि समुदाय में वह लोग स्वास्थ्य विभाग का प्रतिनिधित्व करती हैं । उन्होने कहा कि मास्क लगाने के साथ ही 40 सेंकेंड तक हाथो को धोने के लिए जागरूक करना होगा आरोग्य सेतु एप जानकारी व एप डाउनलोड कराने व एप की विशेषता की जानकारी देनी होगी। कोविड काल मे 2 गज की दूरी जरूरी है। उन्होंने कहा कि पोलियो को ख़त्म करने में जिस तरह से फ्रंट लाइन वर्कर्स ने सराहनीय भूमिका निभाई है, उसी तरह से कोरोना को हराएंगे।
यूपीटीएसयू की संचार विशेषज्ञ ने बताया – यह समय परिवार नियोजन पर बात करने का है क्योंकि अनचाहा गर्भ जहाँ परिवार के सपनों को प्रभावित करता है वहीं वह वित्तीय बोझ को भी बढ़ाता है । इसलिए “जरूरी है बात करना” अभियान शुरू किया गया है । इसके तहत हम नव दम्पत्ति, लक्षित दम्पत्तियों और परिवार के सदस्यों से खुलकर बात करेंगे ।
उन्होने कहा कि कोविड के दौरान ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस (वीएचएनडी), गृह आधारित नवजात देखभाल (एचबीएनसी), परिवार नियोजन, टीकाकरण सहित सभी स्वास्थ्य सेवाएँ स्थगित कर दी गयीं थीं जिन्हें फिर से नए दिशा निर्देशों के साथ शुरू किया गया है। उन्होंने कहा वीएचएनडी सत्र के लिए नई जगह का चयन करना होगा साथ ही सेनेटाइज़ कर कोविड 19 के नियम का पालन करते हुए सत्र शुरू किया जाए। साथ ही गृह भ्रमण और एचबीएनसी के दौरान आप सभी को कोविड से बचाव के सभी प्रोटोकोल का पालन करना है । किसी के घर की कुण्डी और दरवाज़ा नहीं खटखटाना है, परिवार के सदस्यों को घर से बाहर बुलाकर बात करनी है। वीएचएनडी के दौरान उचित दूरी का ध्यान रखते हुए सेवाएं देनी हैं । यह सुनिश्चित करना है कि सत्र पर सभी मास्क लगाये हों, बाल्टी पानी व साबुन की व्यवस्था हो ताकि हाथ धोने के बाद ही लोग अन्दर आयें । यदि आशा -एएनएम को खांसी, बुखार जैसे कोई दिक्कत है तो वह इस काम पर न आयें। कन्टेनमेंट ज़ोन में सत्र का आयोजन नहीं करना है जिन घरों में कम वजन का बच्चा हुआ हो या समय पूर्व बच्चे का जन्म हुआ हो या बच्चा एसएनसीयू से वापस आया है या घर में ही प्रसव हुआ हो उन घरों में एचबीएनसी को प्राथमिकता देनी है । एचबीएनसी के दौरान कोविड संक्रमण से बचाव के प्रोटोकोल का पालन करते हुए बच्चे को नहीं छूना है, माँ से ही बच्चे के स्वास्थ्य की जानकारी लेनी है । साथ ही समुदाय को टीकाकरण के लिए भी जागरूक करें । गर्भवती को बताएं कि खतरे के लक्षण दिखने पर 102 एम्बुलेंस को कॉल करें और अस्पताल जाएँ लेकिन यदि गर्भवती कोरोना से संक्रमित है तो वह 108 को कॉल करें ।
सीफॉर की नेशनल प्रोजेक्ट लीड रंजना द्विवेदी ने स्वास्थ्य संचार के महत्त्व को बताते हुए कहा कि कोविड के साथ-साथ प्रजनन, मातृ-शिशु, नवजात, किशोर स्वास्थ्य के अलावा पोषण के स्वास्थ्य संदेशों को समुदाय तक इस तरह पहुँचाना है कि वह इन सेवाओं को लेने के लिए स्वयं आगे आयें । कमजोर व जिन्हें स्वास्थ्य सेवाओ की जरूरत है उन तक पहुँचना हर वर्ग के साथ परिवार के सभी सदस्यो के संवाद स्थापित करना होगा ताकि इस काल में आत्मविश्वास बना रहे और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक व गंभीर बने जिसके लिए स्वास्थ्य की अलग-अलग जानकारी बार-बार देना होगा जिससे उन्हें हमेशा याद रहे कोविड मे स्वास्थ्य के गंभीरता लाए।
कार्यशाला में जनपद के सभी ब्लाक स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी और ब्लाक समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक, आशा संगिनी व एनम व आशाओं ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन रंजना दिवेदी ने किया। जिला समुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक सुधीर कुमार राय ने फ्रंटलाइन वर्कर समेत सभी प्रतिभागियों और स्पीकर को धन्यवाद ज्ञापित किया।

Sach ki Dastak

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x