शक्तिपीठ के कार्य विस्तार व दायित्व पर संगोष्ठी
सच की दस्तक न्यूज डेस्क चन्दौली
गायत्री शक्तिपीठ एक मिनी शांतिकुंज है जिसमें मानव के अंदर संस्कृति और संस्कार गढ़ा जाता है उक्त बातें शक्ति पीठ पराहुपुर मुग़लसराय जनपद चंदौली में आए वाराणसी,नगवां शक्तिपीठ के ट्रस्टी विद्याधर मिश्र जी ने कहा।
साथ ही बताया कि यहाँ मानव के अंदर संस्कार गढ़l जाता है
वाराणसी से आए ओम ईश्वर जी ने ट्रस्ट प्रबंधन की बारीकियों को बड़े ही प्रायोगिक ढंग से समझाया।
साथ ही गायत्री परिवार के परिजनों ने भारतीय संस्कृति के विस्तार में गायत्री परिवार व शक्तिपीठ की भूमिका पर विचार विमर्श करते हुए प्रण लिया कि हम अपनी ऊर्जा का प्रयोग उचित दिशा में वह उचित समय प्रबंधन द्वारा करेंगे
अंत में शक्तिपीठ के मुख्य ट्रस्टी उदय नारायण उपाध्याय ने सभी ट्रस्टी सदस्यों को उनके कार्य सौंपे और कहा कि आप सभी स्वयं को मुख्य ट्रस्टी मानकर अपनी अपनी ज़िम्मेदारियों का निर्वहन करें कोई कार्य तभी सार्थक होता है जब वह सही समय सीमा के अंदर सम्पन्न हो
इस अवसर पर मुख्य रूप से पूर्व मुख्य ट्रस्टी राजेंद्र प्रसाद,लक्ष्मी कांत पाण्डेय, रेखा श्रीवास्तव, उज्ज्वल शिवाजी, जयदीप, दिलीप पांडे, अरुण मिश्र परिवाजक दयाशंकर, मालती देवी देवदत्, नीतु, मीना शर्मा, सुनीता पाठक सुमन दीक्षित, सुनील यादव, मनोज उपाध्याय सहित अनेक गायत्री परिवार के सदस्य उपस्थित रहे।