साहित्य शिरोमणि* सम्मान से सम्मानित हुए वरिष्ठ साहित्यकार गीतकार डॉ॰ शिव मोहन सिंह
सच की दस्तक न्यूज डेस्क लखनऊ
युगधारा फाउंडेशन लखनऊ उ. प्र. का षष्ठम स्थापना दिवस पावन तीर्थ नैमिषारण्य (सीतापुर) उ.प्र. में दिनांक 27-28 मई 2023 को मनाया गया जिसमें विचार संगोष्ठी, पुस्तकों का लोकार्पण, कवि गोष्ठी तथा विभिन्न राज्यों से आए साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। इस भव्य समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार गीतकार डॉ शिव मोहन सिंह जी देहरादून को *साहित्य शिरोमणि* सम्मान से सम्मानित किया गया । ‘युगधारा’ की अध्यक्ष श्रीमती गीता अवस्थी जी, सचिव सुश्री सौम्या मिश्रा जी, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान लखनऊ की मुख्य संपादक डॉ अमिता दुबे जी, मुख्य अतिथि प्रोफ़ेसर ध्रुव मिश्र जी प्राचार्य आरजीएस मेडिकल इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर लखनऊ, वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ श्रीनिवास शुक्ल ‘सरस’ जी सीधी मध्य प्रदेश, वरिष्ठ साहित्यकार श्री रामकृष्ण विनायक सहस्त्रबुद्धे जी नासिक महाराष्ट्र द्वारा प्रमाण पत्र, अंग वस्त्र, माला,श्रीफल, राम दरबार की तस्वीर तथा तुलसीकृत रामचरितमानस की प्रति भेंट कर शिव मोहन जी को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शिव मोहन सिंह जी ने कहा कि युगधारा फाउंडेशन लखनऊ साहित्यिक सांस्कृतिक तथा सामाजिक उन्नयन में सदैव तत्पर रहा है, आज मुझे सम्मानित कर साहित्य और समाज के प्रति और अधिक जिम्मेदार बना दिया है। शिव मोहन सिंह वरिष्ठ साहित्यकार तथा चर्चित गीतकार हैं जो वर्तमान में देहरादून में रहकर साहित्य सृजन कर रहे हैं तथा सच की दस्तक के उप संपादक भी हैं।
कार्यक्रम कई सत्रों में 2 दिन चला जिसमें शिव मोहन जी ने कुछ सत्रों में अध्यक्ष और विशिष्ट अतिथि की भूमिका में भी उपस्थित रहकर अपने उद्बोधन से सभागार में उपस्थित प्रबुद्ध जन को अभिसिंचित किया।
इस अवसर पर प्रो विशंभर शुक्ल जी को ‘गोस्वामी तुलसीदास सम्मान’, डॉ श्रीनिवास शुक्ल जी को ‘प्रताप नारायण मिश्र सम्मान’, श्री बनवारी लाल जाजोदिया इंदौर को ‘साहित्य सरस्वती सम्मान’, डॉ प्रेमलता त्रिपाठी जी को ‘साहित्य रत्नाकर सम्मान’ तथा रामस्वरूप साहू जी मुम्बई को ‘साहित्य मार्तंड सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
दो दिन के इस भव्य कार्यक्रम में सत्रानुसार संत महात्मा, क्षेत्र के सांसद विधायक जिला पंचायत सदस्य की उपस्थिति गरिमा प्रदान कर रही थी। कार्यक्रम के उपरांत संस्था द्वारा देश के विभिन्न प्रांतों से आए साहित्यकारों को पावन भूमि नैमिषारण्य के विभिन्न तीर्थ स्थलों का भ्रमण भी कराया गया।