शादी आपकी लेकिन गेस्ट कितने होंगे? यह तय करेगी सरकार; पढ़ें रिपोर्ट –

0

देश की राजधानी दिल्ली में होटल, मोटल और फार्म हाउसों में होने वाली शादी व अन्य बड़े समारोह में खाने की बर्बादी नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दिल्ली सरकार ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए नीति तैयार की है।

इस नीति के अनुसार, अब शादी समारोहों के लिए आयोजकों को स्थानीय निकायों को सात दिन पहले बताना होगा कि बाराती कितने होंगे। जितनी कारों की व्यवस्था होगी उससे चार गुना अतिथि ही बुलाए जा सकेंगे। बनाई गई नीति पर जनता व फार्म हाउस मालिकों की ओर से कुछ सुझाव दिए गए हैं, इन पर फैसला लिया जाना है।

सुरक्षा राशि के रूप में पांच लाख की राशि जमा करानी होगी-

इस नीति के लिए मुख्यसचिव विजय देव ने एक कमेटी बनाई है। कमेटी की रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट मॉनिटरिंग कमेटी से चर्चा के बाद नीति का मसौदा तैयार किया गया है। आयोजक को किसी भी आयोजन के लिए कार्यक्रम स्थल के संचालक के पास पांच लाख की सुरक्षा राशि जमा करानी होगी।

नियमों का पालन न होने पर होगी सख्त कार्रवाई-

नियमों का पालन न होने पर होटल, मोटल व फार्म हाउस पर पहली बार में पांच लाख, दूसरी बार 10 लाख और तीसरी बार 15 लाख का जुर्माना लगेगा। कार्यक्रम खत्म होने के बाद उसे सील भी कर दिया जाएगा। तीसरी बार नियम टूटता है तो एक माह से लेकर एक साल तक लाइसेंस रद किया जा सकता है। पार्किंग से अव्यवस्था न हो और यातायात जाम न हो, इसकी जिम्मेदारी आयोजन स्थल संचालक की होगी। इस मामले में कार्यक्रम के आयोजक पर कार्रवाई का प्रावधान नहीं है। मेहमानों की संख्या प्लान के अनुसार, नगर निगमों व नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के लिए अलग अलग तय होगी। दिल्ली सरकार के उपनिदेशक (स्थानीय निकाय) पवन चोपड़ा का कहना है कि हमने अपनी तरफ से इस नीति के लिए प्रक्रिया पूरी कर फाइल वरिष्ठ अधिकारियों के पास भेज दी है।

शिकायत वेब पोर्टल पर करें-

शिकायत के लिए एक कॉमन पोर्टल बनेगा, जिसमें सभी एजेंसियां शामिल होंगी। कार्यक्रम स्थल का मालिक, ऑपरेटर या जिसे कार्यक्रम आयोजित करना है, वह अनुमति लेने के लिए इस पोर्टल पर आवेदन करेगा। अंडरटेकिंग और फीस ऑनलाइन जमा करने पर संबंधित एजेंसियां जांच करेंगी और कार्यक्रम के लिए अनुमति मिलने या नहीं मिलने की जानकारी देंगी।

मेहमानों के बारे में देनी होगी जानकारी-

कार्यक्रम में कितने मेहमान आएंगे। कार्यक्रम कितने बजे से शुरू होगा, कितने बजे समाप्त होगा। खाना बचता है तो जरूरतमंदों के लिए वे किस संस्था या एनजीओ के पास पहुंचाएंगे, इसकी जानकारी देनी होगी। एनजीओ या संस्था का नाम, पता व टेलीफोन नंबर भी देना होगा।

विजय देव (मुख्यसचिव दिल्ली) का कहना है कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण नीति है। नीति के लिए जनता के सुझाव लिए जा चुके हैं। इस नीति के लिए मसौदा लगभग तैयार है। लोकसभा चुनाव की अधिसूचना समाप्त होते ही इस बारे में फैसला लिया जाएगा।

बताया जा रहा सराहनीय कदम-

शादी समारोह में मेहमानों की संख्या तय करने को लेकर दिल्ली सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। इसके लिए नीति तैयार की गई है। इसे लेकर जनता व फार्म हाउस मालिकों ने भी अपने सुझाव दिए हैं। उनके सुझावों पर फैसला लिए जाने के बाद यह नीति लागू की जाएगी। सरकार के इस कदम की सराहना की जानी चाहिए क्योंकि इससे शादी समारोह में भोजन व पानी की होने वाली बर्बादी रोकने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही वाहनों की भीड़ व अव्यवस्था से लोगों को होने वाली परेशानी से भी लोगों को निजात मिलेगी। पिछले वर्ष दिसंबर में दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विवाह समारोह को लेकर नीति बनाने की बात कही थी। उसके बाद से इस दिशा में काम चल रहा था। इसके तहत राजधानी में स्थित होटल, मोटल व फार्म हाउस में आयोजित होने वाले शादी समारोह पर नजर रखी जाएगी। समारोह आयोजित करने के लिए सात दिन पूर्व स्थानीय निकायों को बारातियों, वाहनों की संख्या, समारोह के शुरू व खत्म होने का समय सहित अन्य जानकारी देकर अनुमति लेनी होगी। समारोह स्थल में पार्किंग की क्षमता से ज्यादा वाहन लाने की अनुमति नहीं होगी। हमें यह ध्यान रखना चाहिए भारतीय संस्कृति में अन्न को देवता का दर्जा प्राप्त है। मगर आधुनिकता की अंधी दौड़ में खर्च करने की क्षमता बढ़ने के साथ ही खाना फेंकने की प्रवृत्ति भी बढ़ रही है। यही कारण है कि शादी समारोहों व होटलों में होने वाले अन्य आयोजनों में भारी मात्र में भोजन बर्बाद हो रहा है। यह प्रवृति रोकने के लिए सामाजिक चेतना लाने की जरूरत है।

Sach ki Dastak

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x