उन्नाव रेप केस : टल गया सेंगर पर सजा का फैसला, 20 को होगी सुनवाई
उन्नाव रेप कांड में दोषी करार दिए गए भाजपा से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को अब 20 दिसंबर को सजा सुनाई जाएगी। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सोमवार को 2017 में नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने के मामले में दोषी करार दिया था। आज उसके सजा पर बहस हुई है।
बहस के दौरान सीबीआई ने दोषी कुलदीप सेंगर को आजीवन कारावास देने की मांग की। कोर्ट ने “शक्तिशाली व्यक्ति” के खिलाफ पीड़िता की गवाही “सच्ची और बेदाग” माना है। अदालत ने सेंगर को भारतीय दंड संहिता (भादंसं) के तहत दुष्कर्म और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत लोकसेवक द्वारा एक बच्ची के खिलाफ यौन हमले के अपराध का दोषी ठहराया था।
इस अपराध के लिए अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। अदालत ने सजा की अवधि पर सुनवाई के लिए शुरुआत में बुधवार (18 दिसंबर) की तारीख निर्धारित की थी। हालांकि, बाद मे इस विषय को मंगलवार के लिए निर्धारित कर दिया गया क्योंकि सेंगर के वकील ने इसके लिए अनुरोध किया था।
पॉक्सो कानून में इस साल अगस्त में किए गए संशोधन इस मामले में लागू नहीं होंगे क्योंकि यह घटना 2017 में हुई थी। संशोधित कानून में मौत की सजा का प्रावधान है। हालांकि, जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने मामले में सह-आरोपी शशि सिंह को सभी आरोपों से बरी कर दिया। पॉक्सो अधिनियम के तहत सेंगर (53) को दोषी ठहराते हुए अदालत ने कहा कि सीबीआई ने साबित किया कि पीड़िता नाबालिग थी और सेंगर पर इस विशेष कानून के तहत चलाया गया मुकदमा सही था।
न्यायाधीश ने फैसला पढ़ते हुए कहा, “मैंने उसके (पीड़िता के) बयान को सच्चा और बेदाग पाया कि उस पर यौन हमला हुआ। उस पर खतरा था, वो चिंतित थी। वह गांव की लड़की है, महानगर में पढ़ी लिखी लड़की नहीं है…सेंगर एक शक्तिशाली व्यक्ति है।” सेंगर के खिलाफ यह मामला उन पांच मामलों में शामिल है जो उत्तर प्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित किया गया था। न्यायाधीश ने जब फैसला सुनाना शुरू किया तो सह-आरोपी सिंह बेहोश हो गया। जबकि अपनी अपनी बहन के साथ अदालत कक्ष में बैठा विधायक रो पड़ा।